भारत के लोग और सिख धर्म
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
भारत के लोग और सिख धर्म के बीच अंतर
भारत के लोग vs. सिख धर्म
भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बडी जनसंख्या वाला देश है। भारत की विभिन्नताओं से भरी जनता में भाषा, जाति और धर्म, सामाजिक और राजनीतिक संगठन के मुख्य शत्रु हैं। मुम्बई (पहले बॉम्बे), दिल्ली, कोलकाता (पहले कलकत्ता) और चेन्नई (पहले मद्रास), भारत के सबसे बङे महानगर हैं। भारत में ६४.८ प्रतिशत साक्षरता है जिसमे से ७५.३ % पुरुष और ५३.७% स्त्रियाँ साक्षर है। लिंग अनुपात की दृष्टि से भारत में प्रत्येक १००० पुरुषों के पीछे मात्र ९३३ महिलायें है। कार्य भागीदारी दर (कुल जनसंख्या मे कार्य करने वालों का भाग) ३९.१% है। पुरुषों के लिये यह दर ५१.७% और स्त्रियों के लिये २५.६% है। भारत की १००० जनसंख्या में २२.३२ जन्मों के साथ बढती जनसंख्या के आधे लोग २२.६६ वर्ष से कम आयु के हैं। यद्यपि भारत की ८०.५ प्रतिशत जनसंख्या हिन्दू है, १३.४ प्रतिशत जनसंख्या के साथ भारत विश्व में मुसलमानों की संख्या में भी इंडोनेशिया और पाकिस्तान के बाद तीसरे स्थान पर है। अन्य धर्मावलम्बियों में ईसाई (२.३३ %), सिख (१.८४ %), बौद्ध (०.७६ %), जैन (०.४० %), अय्यावलि (०.१२ %), यहूदी, पारसी, अहमदी और बहाई आदि सम्मिलित हैं। भारत चार मुख्य भाषा सूत्रों, इनदो-यूरोपीयन, द्रविङियन्, सिनो-टिबेटन और औसटरो-एजियाटिक का भी स्रोत है। भारत का संविधान कुल २३ भाषाओं को मान्यता देता है। हिन्दी और अंग्रेजी केन्द्रीय सरकार द्वारा सरकारी कामकाज के लिये उपयोग की जाती है। संस्कृत, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु जैसी अति प्राचीन भाषाऐं भारत में ही जन्मी हैं। कुल मिलाकर भारत में १६५२ से भी अधिक भाषाऐं एवं बोलियां बोली जातीं हैं।. सिख धर्म (सिखमत और सिखी भी कहा जाता है; पंजाबी: ਸਿੱਖੀ) एक एकेश्वरवादी धर्म है। इस धर्म के अनुयायी को सिख कहा जाता है। सिखों का धार्मिक ग्रन्थ श्री आदि ग्रंथ या ज्ञान गुरु ग्रंथ साहिब है। आमतौर पर सिखों के 10 सतगुर माने जाते हैं, लेकिन सिखों के धार्मिक ग्रंथ में 6 गुरुओं सहित 30 भगतों की बानी है, जिन की सामान सिख्याओं को सिख मार्ग पर चलने के लिए महत्त्वपूर्ण माना जाता ह। सिखों के धार्मिक स्थान को गुरुद्वारा कहते हैं। 1469 ईस्वी में पंजाब में जन्मे नानक देव ने गुरमत को खोजा और गुरमत की सिख्याओं को देश देशांतर में खुद जा जा कर फैलाया था। सिख उन्हें अपना पहला गुरु मानते हैं। गुरमत का परचार बाकि 9 गुरुओं ने किया। 10वे गुरु गोबिन्द सिंह जी ने ये परचार खालसा को सोंपा और ज्ञान गुरु ग्रंथ साहिब की सिख्याओं पर अम्ल करने का उपदेश दिया। संत कबीर, धना, साधना, रामानंद, परमानंद, नामदेव इतियादी, जिन की बानी आदि ग्रंथ में दर्ज है, उन भगतों को भी सिख सत्गुरुओं के सामान मानते हैं और उन कि सिख्याओं पर अमल करने कि कोशिश करते हैं। सिख एक ही ईश्वर को मानते हैं, जिसे वे एक-ओंकार कहते हैं। उनका मानना है कि ईश्वर अकाल और निरंकार है। .
भारत के लोग और सिख धर्म के बीच समानता
भारत के लोग और सिख धर्म आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): धर्म, सिख।
धर्मचक्र (गुमेत संग्रहालय, पेरिस) धर्म का अर्थ होता है, धारण, अर्थात जिसे धारण किया जा सके, धर्म,कर्म प्रधान है। गुणों को जो प्रदर्शित करे वह धर्म है। धर्म को गुण भी कह सकते हैं। यहाँ उल्लेखनीय है कि धर्म शब्द में गुण अर्थ केवल मानव से संबंधित नहीं। पदार्थ के लिए भी धर्म शब्द प्रयुक्त होता है यथा पानी का धर्म है बहना, अग्नि का धर्म है प्रकाश, उष्मा देना और संपर्क में आने वाली वस्तु को जलाना। व्यापकता के दृष्टिकोण से धर्म को गुण कहना सजीव, निर्जीव दोनों के अर्थ में नितांत ही उपयुक्त है। धर्म सार्वभौमिक होता है। पदार्थ हो या मानव पूरी पृथ्वी के किसी भी कोने में बैठे मानव या पदार्थ का धर्म एक ही होता है। उसके देश, रंग रूप की कोई बाधा नहीं है। धर्म सार्वकालिक होता है यानी कि प्रत्येक काल में युग में धर्म का स्वरूप वही रहता है। धर्म कभी बदलता नहीं है। उदाहरण के लिए पानी, अग्नि आदि पदार्थ का धर्म सृष्टि निर्माण से आज पर्यन्त समान है। धर्म और सम्प्रदाय में मूलभूत अंतर है। धर्म का अर्थ जब गुण और जीवन में धारण करने योग्य होता है तो वह प्रत्येक मानव के लिए समान होना चाहिए। जब पदार्थ का धर्म सार्वभौमिक है तो मानव जाति के लिए भी तो इसकी सार्वभौमिकता होनी चाहिए। अतः मानव के सन्दर्भ में धर्म की बात करें तो वह केवल मानव धर्म है। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध आदि धर्म न होकर सम्प्रदाय या समुदाय मात्र हैं। “सम्प्रदाय” एक परम्परा के मानने वालों का समूह है। (पालि: धम्म) भारतीय संस्कृति और दर्शन की प्रमुख संकल्पना है। 'धर्म' शब्द का पश्चिमी भाषाओं में कोई तुल्य शब्द पाना बहुत कठिन है। साधारण शब्दों में धर्म के बहुत से अर्थ हैं जिनमें से कुछ ये हैं- कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सदाचरण, सद्-गुण आदि। .
धर्म और भारत के लोग · धर्म और सिख धर्म · और देखें »
भारतीय सेना के सिख रेजिमेन्ट के सैनिक सिख धर्म के अनुयायियों को सिख कहते हैं। इसे कभी-कभी सिक्ख भी लिखा जाता है। इनके पहले गुरू गुरु नानक जी हैं। गुरु ग्रंथ साहिब सिखों का पवित्र ग्रन्थ है। इनके प्रार्थना स्थल को गुरुद्वारा कहते हैं। हिन्दू धर्म की रक्षा में तथा भारत की आजादी की लड़ाई में और भारत की आर्थिक प्रगति में सिखों का बहुत बड़ा योगदान है। .
भारत के लोग और सिख · सिख और सिख धर्म · और देखें »
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या भारत के लोग और सिख धर्म लगती में
- यह आम भारत के लोग और सिख धर्म में है क्या
- भारत के लोग और सिख धर्म के बीच समानता
भारत के लोग और सिख धर्म के बीच तुलना
भारत के लोग 23 संबंध है और सिख धर्म 65 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.27% है = 2 / (23 + 65)।
संदर्भ
यह लेख भारत के लोग और सिख धर्म के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: