भारत का त्रिचरण नाभिकीय कार्यक्रम और भारत में परमाणु ऊर्जा के बीच समानता
भारत का त्रिचरण नाभिकीय कार्यक्रम और भारत में परमाणु ऊर्जा आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): द्रुत प्रजनक परीक्षण रिएक्टर, भारी जल, होमी जहांगीर भाभा।
द्रुत प्रजनक परीक्षण रिएक्टर
द्रुत प्रजनक परीक्षण रिएक्टर (Fast Breeder Test Reactor (FBTR)) भारत के कलपक्कम में स्थित एक प्रजनक रिएक्टर है। इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केन्द्र, कलपक्कम तथा भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र, मुम्बई ने मिलकर इसका डिजाइन तथा निर्माण किया और इसका प्रचाल्न कर रहे हैं। कलपक्कम में ५०० मेगावाट प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर सितम्बर २०१६ में तैयार हो जायेगा| जिसमें बतौर ईंधन प्लूटोनियम-यूरेनियम काम आता है और सोडियम शीतलक के रूप में प्रयुक्त होता है| .
द्रुत प्रजनक परीक्षण रिएक्टर और भारत का त्रिचरण नाभिकीय कार्यक्रम · द्रुत प्रजनक परीक्षण रिएक्टर और भारत में परमाणु ऊर्जा ·
भारी जल
भारी जल, हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यूटीरियम का आक्साइड हैं। इसमे ०.०१४ % साधारण जल होता हैं। रसायन की भाषा में हाइड्रोजन ऑक्साइड (H2O, अणुभार 18) है। इस के एक अणु में ऑक्सीजन का एक परमाणु हाइड्रोजन के दो परमाणुओं से सह संयोजी बन्ध से जुड़ा रहता है। हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक (आइसोटोप) पाये जाते हैं, अन्य दो ड्यूटीरियम और ट्रिटियम कहलाते हैं, जिनका परमाणु भार क्रमशः 2 और 3 होता है। सामान्यत: प्राकृतिक जल में जल के ऐसे अणुओं की संख्या चार करोड़ दस लाख और एक के अनुपात में होती है जिसमे हाइड्रोजन का दूसरा समस्थानिक पाया जाता है। इस प्रकार के जल के अणु को D2O (अणुभार 20) से निरूपित किया जाता है। ऐसा जल जिसमे 99 प्रतिशत से अधिक अणु D2O के होते हैं उसको भारी जल के नाम से जाना जाता है, इसका घनत्व (1.1044) सामान्य जल (1.0) से अधिक होता है। भारी जल का व्यावसायिक उत्पादन मुख्यतः रासायनिक विधि से किया जाता है जिसमे गतिज समस्थानिक प्रभाव (Kinetic Isotope Effect) तकनीक का प्रयोग होता है। भारी जल का मुख्य उपयोग नाभिकीय संयन्त्रों में होने वाली नाभिकीय विघटन क्रियाओं के दौरान उत्पन्न न्यूट्रॉन को अवशोषित करने के लिये मंदक के रूप में होता है। जिससे की नाभिकीय ऊर्जा का नियन्त्रित उत्पादन और शान्तिपूर्ण उपयोग किया जा सके। यहाँ भारी जल के स्थान पर साधारण जल का भी प्रयोग किया जा सकता है लेकिन उस परिदृश्य में संयन्त्र में यूरेनियम 235 का ही प्रयोग किया जा सकता है, क्योंकि साधारण जल भारी जल की अपेक्षा अधिक न्यूट्रॉन अवशोषित कर लेता है। श्रेणी:रसायन शास्त्र श्रेणी:रसायन शब्दावली श्रेणी:हाइड्रोजन के समस्थानिक.
भारत का त्रिचरण नाभिकीय कार्यक्रम और भारी जल · भारत में परमाणु ऊर्जा और भारी जल ·
होमी जहांगीर भाभा
होमी जहांगीर भाभा (30 अक्टूबर, 1909 - 24 जनवरी, 1966) भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक और स्वप्नदृष्टा थे जिन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की कल्पना की थी। उन्होने मुट्ठी भर वैज्ञानिकों की सहायता से मार्च 1944 में नाभिकीय उर्जा पर अनुसन्धान आरम्भ किया। उन्होंने नाभिकीय विज्ञान में तब कार्य आरम्भ किया जब अविछिन्न शृंखला अभिक्रिया का ज्ञान नहीं के बराबर था और नाभिकीय उर्जा से विद्युत उत्पादन की कल्पना को कोई मानने को तैयार नहीं था। उन्हें 'आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम' भी कहा जाता है। भाभा का जन्म मुम्बई के एक सभ्रांत पारसी परिवार में हुआ था। उनकी कीर्ति सारे संसार में फैली। भारत वापस आने पर उन्होंने अपने अनुसंधान को आगे बढ़ाया। भारत को परमाणु शक्ति बनाने के मिशन में प्रथम पग के तौर पर उन्होंने 1945 में मूलभूत विज्ञान में उत्कृष्टता के केंद्र टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआइएफआर) की स्थापना की। डा.
भारत का त्रिचरण नाभिकीय कार्यक्रम और होमी जहांगीर भाभा · भारत में परमाणु ऊर्जा और होमी जहांगीर भाभा ·
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या भारत का त्रिचरण नाभिकीय कार्यक्रम और भारत में परमाणु ऊर्जा लगती में
- यह आम भारत का त्रिचरण नाभिकीय कार्यक्रम और भारत में परमाणु ऊर्जा में है क्या
- भारत का त्रिचरण नाभिकीय कार्यक्रम और भारत में परमाणु ऊर्जा के बीच समानता
भारत का त्रिचरण नाभिकीय कार्यक्रम और भारत में परमाणु ऊर्जा के बीच तुलना
भारत का त्रिचरण नाभिकीय कार्यक्रम 18 संबंध है और भारत में परमाणु ऊर्जा 38 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 5.36% है = 3 / (18 + 38)।
संदर्भ
यह लेख भारत का त्रिचरण नाभिकीय कार्यक्रम और भारत में परमाणु ऊर्जा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: