भक्ति और रुद्राष्टाध्यायी
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भक्ति और रुद्राष्टाध्यायी के बीच अंतर
भक्ति vs. रुद्राष्टाध्यायी
भक्ति भजन है। किसका भजन? ब्रह्म का, महान का। महान वह है जो चेतना के स्तरों में मूर्धन्य है, यज्ञियों में यज्ञिय है, पूजनीयों में पूजनीय है, सात्वतों, सत्वसंपन्नों में शिरोमणि है और एक होता हुआ भी अनेक का शासक, कर्मफलप्रदाता तथा भक्तों की आवश्यकताओं को पूर्ण करनेवाला है। . रुद्राष्टाध्यायी Rudrāṣṭādhyāyī, इसे शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी भी कहते हैं। रुद्राष्टाध्यायी दो शब्द रुद्र अर्थात् शिव और अष्टाध्यायी अर्थात् आठ अध्यायों वाला, इन आठ अध्यायों में शिव समाए हैं। वैसे तो रुद्राष्टाध्यायी में कुल दस अध्याय हैं परंतु आठ तक को ही मुख्य माना जाता है। .
भक्ति और रुद्राष्टाध्यायी के बीच समानता
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संदर्भ
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