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ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र और भारतीय नौसेना

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र और भारतीय नौसेना के बीच अंतर

ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र vs. भारतीय नौसेना

'''ब्रह्मोस''' विश्व की सबसे तीव्रगामी मिसाइल है। ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroeyenia) तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस के समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है तथा भारतीय सेना एवं नौसेना को सौंपा जा चुका है। ब्रह्मोस भारत और रूस के द्वारा विकसित की गई अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है। . भारतीय नौसेना(Indian Navy) भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो कि ५६०० वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ न केवल भारतीय सामुद्रिक सीमाओं अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की भी रक्षक है। ५५,००० नौसेनिकों से लैस यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना भारतीय सीमा की सुरक्षा को प्रमुखता से निभाते हुए विश्व के अन्य प्रमुख मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य अभ्यास में भी सम्मिलित होती है। पिछले कुछ वर्षों से लागातार आधुनिकीकरण के अपने प्रयास से यह विश्व की एक प्रमुख शक्ति बनने की भारत की महत्त्वाकांक्षा को सफल बनाने की दिशा में है। जून २०१६ से एडमिरल सुनील लांबा भारत के नौसेनाध्यक्ष हैं। .

ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र और भारतीय नौसेना के बीच समानता

ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र और भारतीय नौसेना आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पनडुब्बी, भारत, भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ

पनडुब्बी

सन् १९७८ में ''एल्विन'' प्रथम विश्व युद्ध में प्रयुक्त जर्मनी की यूसी-१ श्रेणी की पनडुब्बी पनडुब्बी(अंग्रेज़ी:सबमैरीन) एक प्रकार का जलयान (वॉटरक्राफ़्ट) है जो पानी के अन्दर रहकर काम कर सकता है। यह एक बहुत बड़ा, मानव-सहित, आत्मनिर्भर डिब्बा होता है। पनडुब्बियों के उपयोग ने विश्व का राजनैतिक मानचित्र बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पनडुब्बियों का सर्वाधिक उपयोग सेना में किया जाता रहा है और ये किसी भी देश की नौसेना का विशिष्ट हथियार बन गई हैं। यद्यपि पनडुब्बियाँ पहले भी बनायी गयीं थीं, किन्तु ये उन्नीसवीं शताब्दी में लोकप्रिय हुईं तथा सबसे पहले प्रथम विश्व युद्ध में इनका जमकर प्रयोग हुआ। विश्व की पहली पनडुब्बी एक डच वैज्ञानिक द्वारा सन १६०२ में और पहली सैनिक पनडुब्बी टर्टल १७७५ में बनाई गई। यह पानी के भीतर रहते हुए समस्त सैनिक कार्य करने में सक्षम थी और इसलिए इसके बनने के १ वर्ष बाद ही इसे अमेरिकी क्रान्ति में प्रयोग में लाया गया था। सन १६२० से लेकर अब तक पनडुब्बियों की तकनीक और निर्माण में आमूलचूल बदलाव आया। १९५० में परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बियों ने डीज़ल चलित पनडुब्बियों का स्थान ले लिया। इसके बाद समुद्री जल से आक्सीजन ग्रहण करने वाली पनडुब्बियों का भी निर्माण कर लिया गया। इन दो महत्वपूर्ण आविष्कारों से पनडुब्बी निर्माण क्षेत्र में क्रांति सी आ गई। आधुनिक पनडुब्बियाँ कई सप्ताह या महिनों तक पानी के भीतर रहने में सक्षम हो गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी पनडुब्बियों का उपयोग परिवहन के लिये सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता था। आजकल इनका प्रयोग पर्यटन के लिये भी किया जाने लगा है। कालपनिक साहित्य संसार और फंतासी चलचित्रों के लिये पनडुब्बियों का कच्चे माल के रूप मे प्रयोग किया गया है। पनडुब्बियों पर कई लेखकों ने पुस्तकें भी लिखी हैं। इन पर कई उपन्यास भी लिखे जा चुके हैं। पनडुब्बियों की दुनिया को छोटे परदे पर कई धारावाहिको में दिखाया गया है। हॉलीवुड के कुछ चलचित्रों जैसे आक्टोपस १, आक्टोपस २, द कोर में समुद्री दुनिया के मिथकों को दिखाने के लिये भी पनडुब्बियो को दिखाया गया है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ

भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ भारत की तथा इसके प्रत्‍येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी हैं। भारतीय शस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास है। राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्रिमंडल के पास होता है। इसका निर्वहन रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जो सशस्‍त्र बलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनके दायित्‍व के निर्वहन के लिए नीतिगत रूपरेखा और जानकारियां प्रदान करता है। भारतीय शस्‍त्र सेना में तीन प्रभाग हैं भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना, भारतीय वायुसेना और इसके अतिरिक्त, भारतीय सशस्त्र बलों भारतीय तटरक्षक बल और अर्धसैनिक संगठनों (असम राइफल्स, और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स) और विभिन्न अंतर-सेवा आदेशों और संस्थानों में इस तरह के सामरिक बल कमान अंडमान निकोबार कमान और समन्वित रूप से समर्थन कर रहे हैं डिफेंस स्टाफ। भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर है। भारतीय सशस्त्र बलों भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय (रक्षा मंत्रालय) के प्रबंधन के तहत कर रहे हैं। 14 लाख से अधिक सक्रिय कर्मियों की ताकत के साथ,यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य बल है। अन्य कई स्वतंत्र और आनुषांगिक इकाइयाँ जैसे: भारतीय सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, भारत तिब्बत सीमा पुलिस इत्यादि। भारतीय सेना के प्रमुख कमांडर भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द हैं। यह दुनिया के सबसे बड़ी और प्रमुख सेनाओं में से एक है। सँख्या की दृष्टि से भारतीय थलसेना के जवानों की सँख्या दुनिया में चीन के बाद सबसे अधिक है। जबसे भारतीय सेना का गठन हुआ है, भारत ने दोनों विश्वयुद्ध में भाग लिया है। भारत की आजादी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन युद्ध 1948, 1965, तथा 1971 में लड़े हैं जबकि एक बार चीन से 1962 में भी युद्ध हुआ है। इसके अलावा 1999 में एक छोटा युद्ध कारगिल युद्ध पाकिस्तान के साथ दुबारा लड़ा गया। भारतीय सेना परमाणु हथियार, उन्नत अस्त्र-शस्त्र से लैस है और उनके पास उचित मिसाइल तकनीक भी उपलब्ध है। हलांकि भारत ने पहले परमाणु हमले न करने का संकल्प लिया हुआ है। भारतीय सेना की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र है। .

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ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र और भारतीय नौसेना के बीच तुलना

ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र 30 संबंध है और भारतीय नौसेना 36 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 4.55% है = 3 / (30 + 36)।

संदर्भ

यह लेख ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र और भारतीय नौसेना के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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