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बीज-लेखन और म्लेच्छित विकल्प

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बीज-लेखन और म्लेच्छित विकल्प के बीच अंतर

बीज-लेखन vs. म्लेच्छित विकल्प

द्वितीय विश्व युद्ध में सेना के उच्च स्तरीय जनरल स्टाफ के संदेशों को कूटबद्ध करने के लिए या उन्हें गुप्त भाषा में लिखने के लिए प्रयोग की गई। Lorenz cipher) क्रिप्टोग्राफ़ी या क्रिप्टोलोजी यानि कूट-लेखन यूनानी शब्द κρυπτός,, क्रिपटोस औरγράφω ग्राफ़ो या -λογία,लोजिया (-logia), से लिया गया है। इनके अर्थ हैं क्रमशः छुपा हुआ रहस्य और मैं लिखता हूँ। यह किसी छुपी हुई जानकारी (information) का अध्ययन करने की प्रक्रिया है। आधुनिक समय में, क्रिप्टोग्राफ़ी या कूट-लेखन को गणित और कंप्यूटर विज्ञान (computer science) दोनों की एक शाखा माना जाता है और सूचना सिद्धांत (information theory), कंप्यूटर सुरक्षा (computer security) और इंजीनियरिंग से काफ़ी ज्यादा जुड़ा हुआ है। तकनीकी रूप से उन्नत समाज में कूटलेखन के अनुप्रयोग कई रूपों में मौजूद हैं। उदाहरण के लिये - एटीएम कार्ड (ATM cards), कंप्यूटर पासवर्ड (computer passwords) और इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य (electronic commerce)- ये सभी कूटलेखन पर निर्भर करते हैं। . म्लेच्छित विकल्प, वात्स्यायन के कामसूत्र में वर्णित ६४ कलाओं में से एक कला है। वस्तुतः यह बीजलेखन (क्रिप्टोग्राफी) और गुप्तसंचार की कला है। डेविड कान (David Kahn) ने १९६७ में रचित बीजलेखन से सम्बन्धित कोडब्रेकर्स नामक एक ग्रन्थ में यह मत व्यक्त किया है कि म्लेच्छित विकल्प इस बात का प्रमाण है कि प्राचीन भारत में बीजलेखन की विधियाँ बहुतायत में प्रचलित थीं। .

बीज-लेखन और म्लेच्छित विकल्प के बीच समानता

बीज-लेखन और म्लेच्छित विकल्प आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): कामसूत्र

कामसूत्र

मुक्तेश्वर मंदिर की कामदर्शी मूर्ति कामसूत्र महर्षि वात्स्यायन द्वारा रचित भारत का एक प्राचीन कामशास्त्र (en:Sexology) ग्रंथ है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए ही जाना जाता है। महर्षि वात्स्यायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धान्तों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है। अर्थ के क्षेत्र में जो स्थान कौटिल्य के अर्थशास्त्र का है, काम के क्षेत्र में वही स्थान कामसूत्र का है। अधिकृत प्रमाण के अभाव में महर्षि का काल निर्धारण नहीं हो पाया है। परन्तु अनेक विद्वानों तथा शोधकर्ताओं के अनुसार महर्षि ने अपने विश्वविख्यात ग्रन्थ कामसूत्र की रचना ईसा की तृतीय शताब्दी के मध्य में की होगी। तदनुसार विगत सत्रह शताब्दियों से कामसूत्र का वर्चस्व समस्त संसार में छाया रहा है और आज भी कायम है। संसार की हर भाषा में इस ग्रन्थ का अनुवाद हो चुका है। इसके अनेक भाष्य एवं संस्करण भी प्रकाशित हो चुके हैं, वैसे इस ग्रन्थ के जयमंगला भाष्य को ही प्रामाणिक माना गया है। कोई दो सौ वर्ष पूर्व प्रसिद्ध भाषाविद सर रिचर्ड एफ़ बर्टन (Sir Richard F. Burton) ने जब ब्रिटेन में इसका अंग्रेज़ी अनुवाद करवाया तो चारों ओर तहलका मच गया और इसकी एक-एक प्रति 100 से 150 पौंड तक में बिकी। अरब के विख्यात कामशास्त्र ‘सुगन्धित बाग’ (Perfumed Garden) पर भी इस ग्रन्थ की अमिट छाप है। महर्षि के कामसूत्र ने न केवल दाम्पत्य जीवन का शृंगार किया है वरन कला, शिल्पकला एवं साहित्य को भी सम्पदित किया है। राजस्थान की दुर्लभ यौन चित्रकारी तथा खजुराहो, कोणार्क आदि की जीवन्त शिल्पकला भी कामसूत्र से अनुप्राणित है। रीतिकालीन कवियों ने कामसूत्र की मनोहारी झांकियां प्रस्तुत की हैं तो गीत गोविन्द के गायक जयदेव ने अपनी लघु पुस्तिका ‘रतिमंजरी’ में कामसूत्र का सार संक्षेप प्रस्तुत कर अपने काव्य कौशल का अद्भुत परिचय दिया है। रचना की दृष्टि से कामसूत्र कौटिल्य के 'अर्थशास्त्र' के समान है—चुस्त, गम्भीर, अल्पकाय होने पर भी विपुल अर्थ से मण्डित। दोनों की शैली समान ही है— सूत्रात्मक। रचना के काल में भले ही अंतर है, अर्थशास्त्र मौर्यकाल का और कामूसूत्र गुप्तकाल का है। .

कामसूत्र और बीज-लेखन · कामसूत्र और म्लेच्छित विकल्प · और देखें »

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बीज-लेखन और म्लेच्छित विकल्प के बीच तुलना

बीज-लेखन 53 संबंध है और म्लेच्छित विकल्प 6 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.69% है = 1 / (53 + 6)।

संदर्भ

यह लेख बीज-लेखन और म्लेच्छित विकल्प के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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