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बिष्ट

सूची बिष्ट

बिष्ट व विष्ट संस्कृत के विशिष्ट नामक शब्द का अपभ्रंश है। इसे हजारों वर्ष पूर्व, हिमालयी क्षेत्र के कुछ खण्डों नेपाल, कुर्मान्चल (कुमांऊॅं), केदारखण्ड (गढ़वाल), जालन्धर (हिमाचल प्रदेश), और सुरम्य कश्मीर में उपनाम के रूप प्रयोग किया जाता है। इस उपनाम की उत्पत्ति का आधार अभी तक अज्ञात ही है। यह उपनाम रूपी शब्द नाम के पश्चात ही लगाया जाता है, जाे आज भी इन्हीं क्षेत्रों में प्रयाेग किया जाता है। यह बिष्ट नामक उपनाम अधिकॉशत: ठाकुर, क्षत्रिय यानि हिन्दू राजपूत लोग ही अपने नाम के साथ लगाते हैं। .

24 संबंधों: एकता बिष्ट, थापा, नेपाली (बहुविकल्पी), पाँडे वंश, पंकज बिष्ट, पृथ्वी नारायण शाह, बसंती बिष्ट, बस्नेत, मधुमिता बिष्ट, योगी आदित्यनाथ, राजपूत, संस्कृत भाषा, हिन्दू धर्म, हिमाचल प्रदेश, वंश, गढ़वाल, गढ़वाली भाषा, काजी, कुँवर, कुमाऊँनी भाषा, कुमांऊॅं, क्षत्रिय, क्षेत्री, उपनाम

एकता बिष्ट

एकता बिष्ट भारत की एक अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वे अल्मोड़ा, उत्तराखंड राज्य से हैं और घरेलू क्रिकेट में उत्तराखंड का प्रतिनिधत्व करतीं हैं। एकता बिष्ट एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और ट्वेन्टी ट्वेन्टी में भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं। .

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थापा

थापा एक नेपाली पहाडी समुदायके पारिवारिक नाम है। ये लोग नेपाली क्षत्रिय जाति अर्थात् खस क्षेत्री और मंगोलियाइ समुदायके मगर जातिके होते हैं। भारतके ज्यादा हिस्सों में पाए जानेवाले थापा ज्यादातर मगर जातिके होते हैं। क्षत्रिय थापाको नेपालमे एक भारदारी जातिके रूपमे लिए जाते हैं। बस्नेत, पाण्डे, कुँवर और बिष्टके साथ थापा वंशाणुगत काजी उपाधि पानेवाले पाँच परिवारमे से एक है।http://www.karma99.com/2013/01/chhettri.html?m.

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नेपाली (बहुविकल्पी)

नेपाली शब्द के कई अर्थ हो सकते हैं:-.

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पाँडे वंश

पाँडे वंश/ पाण्डे वंश व पाँडे खलक/पाण्डे खलक नेपाली क्षत्रिय वर्णके शासक परिवार है। क्षत्रिय पाण्डे नेपालके दरबारमें उच्च काजी घरानाके रुपमे बस्नेत परिवारसे निकट है। इनके क्षत्रिय थापा वंशसे ऐतिहासिक पारिवारिक दुस्मनी है। पाण्डे पाँच काजी परिवारोंमे से एक है। अन्य चार परिवार बिष्ट, बस्नेत, कुँवर और थापा है। http://www.karma99.com/2013/01/chhettri.html?m.

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पंकज बिष्ट

पंकज बिष्ट हिन्दी साहित्य के प्रतिष्ठित पत्रकार, कहानीकार, उपन्यासकार व समालोचक है। वर्तमान में वे दिल्ली से प्रकाशित समयांतर नामक हिन्दी साहित्य की मासिक पत्रिका का सम्पादन व संचालन कर रहे हैं। .

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पृथ्वी नारायण शाह

पृथ्वी नारायण शाह गोरखा दरबार पृथ्वी नारायण शाह (1722 - 1775) नेपाल के राजा थे जिन्होने काठमाण्डू उपत्यका के छोटे से गोरखा राज्य का विस्तार किया। मल्ल राजवंश के अन्दर कई भागों में बिखरे नेपाल को उन्होने एकत्रित किया और मल्ल राजवंश का शासन समाप्त हुआ। पृथ्वी नारायण शाह को आधुनिक नेपाल का जनक माना जाता है। उन्होने ही नेपाल के एकीकरण अभियान की शुरूआत की थी। .

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बसंती बिष्ट

बसंती बिष्ट (जन्म) भारत की एक लोकगायिका हैं जो उत्तराखण्ड राज्य के घर-घर में गाए जाने वाले मां भगवती नंदा के जागरों के गायन के लिये प्रसिद्ध हैं। भारत सरकार ने 26 जनवरी 2017 को उन्हें पद्मश्री से विभूषित किया है। गांव और पहाड़ में महिलाओं के मंच पर जागर गाने की परंपरा नहीं थी। मां ने उन्हें सिखाया था लेकिन बाकि कोई प्रोत्साहन नहीं मिला। वह गीत-संगीत में तो रुचि लेती लेकिन मंच पर जाकर गाने की उनकी हसरत सामाजिक वर्जनाओं के चलते पूरी नहीं हो सकी। शादी के बाद उनके पति ने उन्हें प्रोत्साहित तो किया लेकिन समाज इतनी जल्दी बदलाव के लिए तैयार नहीं था। इसी बीच करीब 32 वर्ष की आयु में वह अपने पति रणजीत सिंह के साथ पंजाब चली गईं। पति ने उन्हें गुनगुनाते हुए सुना तो विधिवत रूप से सीखने की सलाह दी। पहले तो बसंती तैयार नहीं हुई लेकिन पति के जोर देने पर उन्होंने सीखने का फैसला किया। हारमोनियम संभाला और विधिवत रूप से सीखने लगी। उत्तराखण्ड आन्दोलन के फलःस्वरुप मुजफ्फरनगर, खटीमा और मसूरी गोलीकांड की पीड़ा को बसंती बिष्ट ने गीत में पिरोया और राज्य आंदोलन में कूद पड़ी। अपने लिखे गीतों के जरिये वह लोगों से राज्य आंदोलन को सशक्त करने का आह्वान करती। राज्य आंदोलन के तमाम मंचों पर वह लोगों के साथ गीत गाती। इससे उन्हें मंच पर खड़े होने का हौसला मिला। 40 वर्ष की आयु में पहली बार वह गढ़वाल सभा के मंच देहरादून के परेड ग्राउंड में पर जागरों की एकल प्रस्तुति के लिए पहुंची। अपनी मखमली आवाज में जैसे ही उन्होंने मां नंदा का आह्वान किया पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। दर्शकों को तालियों ने उन्हें जो ऊर्जा और उत्साह दिया, वह आज भी कायम है। उन्हें खुशी है कि उत्तराखंड के लोक संगीत को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।बसंती बिष्ट ने मां नंदा के जागर को उन्होंने स्वरचित पुस्तक ‘नंदा के जागर- सुफल ह्वे जाया तुम्हारी जात्रा’ में संजोया है। .

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बस्नेत

बस्नेत वा बस्न्यात नेपाल, भारत तथा अन्य स्थानोमे बसोबास करनेवाले हिन्दू धर्मावलम्बी विशेषतयः नेपाली क्षेत्री पारिवारिक नाम है। बस्नेत पाँच काजी परिवारोंमे से एक है। अन्य चार परिवार बिष्ट, पाण्डे, कुँवर और थापा है। http://www.karma99.com/2013/01/chhettri.html?m.

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मधुमिता बिष्ट

  मधुमिता बिष्ट (5 अक्टूबर 1964 को जलपाईगुड़ी में मधुमिता गोस्वामी को जन्मी) भारत के पश्चिम बंगाल की एक पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।  वह आठ बार राष्ट्रीय एकल विजेता, नौ बार युगल विजेता और बारह बार मिश्रित युगल विजेता हैं।  .

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योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ (मूल नाम: अजय सिंह बिष्ट; जन्म 5 जून 1972) गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त तथा राजनेता हैं एवं वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री हैं। इन्होंने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद यहाँ के 21वें मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली। - एनडीटीवी - 18 मार्च 2017 वे 1998 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और 2014 लोकसभा चुनाव में भी यहीं से सांसद चुने गए थे। आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। ये हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, तथा इनकी छवि कथित तौर पर एक देशभक्त की है। .

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राजपूत

राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल माना जाता है।जो कि राजपुत्र का अपभ्रंश है। राजस्थान को ब्रिटिशकाल मे राजपूताना भी कहा गया है। पुराने समय में आर्य जाति में केवल चार वर्णों की व्यवस्था थी। राजपूत काल में प्राचीन वर्ण व्यवस्था समाप्त हो गयी थी तथा वर्ण के स्थान पर कई जातियाँ व उप जातियाँ बन गईं थीं। कवि चंदबरदाई के कथनानुसार राजपूतों की 36 जातियाँ थी। उस समय में क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत सूर्यवंश और चंद्रवंश के राजघरानों का बहुत विस्तार हुआ। .

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संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

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हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

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हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश (अंग्रेज़ी: Himachal Pradesh, उच्चारण) उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। यह 21,629 मील² (56019 किमी²) से अधिक क्षेत्र में फ़ैला है तथा उत्तर में जम्मू कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में पंजाब (भारत), दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ "बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत" है। हिमाचल प्रदेश को "देव भूमि" भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के हाथ में आ गया। सन 1857 तक यह महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य (पंजाब हिल्स के सीबा राज्य को छोड़कर) का हिस्सा था। सन 1950 मे इसे केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया, लेकिन 1971 मे इसे, हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971 के अन्तर्गत इसे 25 january 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बनाया गया। हिमाचल प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय भारत के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक है । बारहमासी नदियों की बहुतायत के कारण, हिमाचल अन्य राज्यों को पनबिजली बेचता है जिनमे प्रमुख हैं दिल्ली, पंजाब (भारत) और राजस्थान। राज्य की अर्थव्यवस्था तीन प्रमुख कारकों पर निर्भर करती है जो हैं, पनबिजली, पर्यटन और कृषि। हिंदु राज्य की जनसंख्या का 95% हैं और प्रमुख समुदायों मे ब्राह्मण, राजपूत, घिर्थ (चौधरी), गद्दी, कन्नेत, राठी और कोली शामिल हैं। ट्रान्सपरेन्सी इंटरनैशनल के 2005 के सर्वेक्षण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश देश में केरल के बाद दूसरी सबसे कम भ्रष्ट राज्य है। .

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वंश

Tutankhamun was a member of the Eighteenth dynasty of Egypt. किसी एक ही परिवार से एक के बाद एक शासन करने वाले व्यक्तियों को वंश (dynasty) कहते हैं। .

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गढ़वाल

कोई विवरण नहीं।

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गढ़वाली भाषा

गढ़वाली भारत के उत्तराखण्ड राज्य में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। .

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काजी

काजी नेपालके उच्च घरानेके क्षत्रिय पुरूषोंको दियाजानेवाला उपाधि है। ये नेपाली पहाडी जाति क्षेत्रीको दियाजाता था। काजी पुरूष नेपाल दरबारमेंं १८ सताब्दी से जंगबहादुर राणाके उदयतक सशक्त रुपसे राजनीति करते थे। पाँच काजी परिवारोंमे बस्नेत, बिष्ट, पाण्डे, कुँवर और थापा है। http://www.karma99.com/2013/01/chhettri.html?m.

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कुँवर

कुँवर वा कँवर नेपाली क्षत्रिय वर्णके क्षेत्री जातिके पारिवारिक नाम है। इस परिवारकी उत्पत्ति नेपालके कर्णाली प्रदेशमे अन्य क्षेत्री जातिके साथ हुआ था। कुँवरका अर्थ नेपाली भाषामें कुमार है। यिनका भारतीय राजपुत और मराठा राजाओं से कुछ वैवाहिक सम्बन्ध है। भारतमे पाएजानेवाले कुँवर अलग वंशजके है। कुँवर पाँच पुस्त्यौनी काजी परिवार मध्ये एक है। अन्य चार परिवार बिष्ट, पाण्डे, बस्नेत और थापा है। इनके गोत्र वत्स गोत्र है। रामकृष्ण कुँवर पृथ्वीनारायण शाहके सेनामे सरदार थे। बलभद्र कुंवर भीमसेन थापाके भान्जा है। बलभद्र ने नेपाल अंग्रेज युद्धमें नेतृत्व किया था। जब बालनरसिंहके बेटे जंगबहादुर राणा प्रधानमन्त्री हुए तब बालनरसिंह कुँवर, बलराम कुँवर र रेवन्त कुँवरके वंशजोने बादमे राणा नाम लिया था। .

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कुमाऊँनी भाषा

कुमांऊँनी भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाने वाली एक बोली है। इस बोली को हिन्दी की सहायक पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में रखा जाता है। कुमांऊँनी भारत की ३२५ मान्यता प्राप्त भाषाओं में से एक है और २६,६०,००० (१९९८) से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। उत्तराखण्ड के निम्नलिखित जिलों - अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत, ऊधमसिंह नगर के अतिरिक्त असम, बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब, तथा हिमाचल प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में भी बोली जाती है। .

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कुमांऊॅं

कुमांऊँ नामक शब्द एक बहुविकल्पी शब्द हैै। यह पूर्व में नेपाल, पश्चिम में गढ़वाल, उत्तर में तिब्बत व चीन तथा दक्षिण में उत्तर भारत के मैदानी भूभाग के मध्य क्षेत्र के लिये व क्षेत्र से सम्बन्धित प्रयुक्त होने वाला शब्द है। प्रस्तुत शब्द के कई भेद व प्रकार हैं। जिसका कुमांऊँ, कुमाऊँ, कुमायूँ, कुमांयूँ, कुमांऊँनी, कुमाऊँनी, कुमूं, कुमूँ, कुमइयॉं, कुमय्यॉं, इत्यादि शब्दों व उच्चारणों के अनुसार उपयोग किया जाता रहा है और होता है।.

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क्षत्रिय

क्षत्रिय (पाली रूप: क्खत्रिय), (बांग्ला रुप:ক্ষত্রিয়), क्षत्र, राजन्य - ये चारों शब्द सामान्यतः हिंदू समाज के द्वितीय वर्ण और जाति के अर्थ में व्यवहृत होते हैं किंतु विशिष्ठ एतिहासिक अथवा सामाजिक प्रसंग में पारिपाश्वों से संबंध होने के कारण इनके अपने विशेष अर्थ और ध्वनियाँ हैं। 'क्षेत्र' का अर्थ मूलतः 'वीर्य' अथवा 'परित्राण शक्ति' था। किंतु बाद में यह शब्द उस वर्ग को अभिहित करने लगा जो शास्त्रास्त्रों के द्वारा अन्य वर्णों का परिरक्षण करता था। वेदों तथा ब्राह्मणों में क्षत्रीय शब्द राजवर्ग के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है जातकों और रामायण, महाभारत में क्षत्रीय शब्द से सामंत वर्ग और अनेक युद्धरत जन अभिहित हुए हैं। संस्कृत शब्द "क्षस दस्यों हो पूरा क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र नामक चार वर्गों में विभक्त था। स्मृतियों में कुछ युद्धपरक जनजातियाँ जैसे कि किरात, द्रविड़, आभीर, सबर, मालव, सिवी, त्रिगर्त, यौद्धेय, खस तथा तंगण आदि, व्रात्य क्षत्रीय वर्ग के अंतर्गत अनुसूचित की गई। पारंपरिक रूप से शासक व सैनिक क्षत्रिय वर्ग का हिस्सा होते थे, जिनका कार्य युद्ध काल में समाज की रक्षा हेतु युद्ध करना व शांति काल में सुशासन प्रदान करना था। पाली भाषा में "खत्रिय" क्षत्रिय शब्द का पर्याय है। वर्तमान समय में राजपूत और कुशवाहा जाति की गणना क्षत्रिय के रूप में की जाती है, जो सुर्यवंश के राजा श्रीरामचन्द्र के वंशज माने जाते हैं। .

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क्षेत्री

क्षेत्री या छेत्री नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले योद्धा वर्ण के मुल निवासी हैं, इन्हें पहाड़ी राजपुत, खस राजपुत, नेपाली या गोर्खाली क्षत्रिय भी कहाँ जाता है। ये एक हिन्द-आर्य भाषिक जाति हैं। क्षेत्री या छेत्री या क्षथरीय सब क्षत्रिय के अपभ्रंश हैं और ये हिन्दू वर्ण व्यवस्था के अन्तर्गत क्षत्रिय वर्ण में आते हैं। ये लोग मूल रूप से सैनिक, राजा और प्रशासनिक क्षेत्र में काफी आगे हैं। ये बाहुन (खस ब्राह्मण) और खस दलित के जैसे खस समुदाय के एक विभाजन हैं। क्षेत्री नेपाल के कुल जनसंख्या में सर्वाधिक १६.६% हैं। इस जाति को नेपाल में सत्तारुढ माना जाता है। इन लोगों की उत्पत्ति के बारे में विभिन्न इतिहासकार और खोजकर्ता जेसै कि डोरबहादुर विष्ट और सूर्यमणि अधिकारी, आदि के अनुसार नेपाल के पश्चिमी पहाड़ी इलाका कर्णाली प्रदेश में हुआ था। इस जाति के पूर्वज पूर्वी इरानी भाषिक खस जाति हैं जो बाह्लिक-गान्धार क्षेत्रमें पाए जाते थे। आज ये नेपाल के सभी क्षेत्रों और भारत के कुछ क्षेत्रों में भी पाए जाते हैं। ये लोग पूर्णत: हिन्दु होते हैं और स्थानिय मष्टो देवता की पुजा करते हैं। इस पुजा को मष्ट पुजा या देवाली कहते हैं। इन का मातृभाषा नेपाली भाषा है और ये इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार के सदस्य हैं। नेपाल के खस राजवंश, खप्तड राजवंश, सिंजा राजवंश, थापा वंश, बस्नेत, कुँवर और पाँडे वंश, दरबारिया समुह और नेपाल के पिछले समय के क्रुर शासक राणा वंश भी क्षेत्री(छेत्री) जाति में आते हैं। क्षेत्री (छेत्री) अधिकतर नेपाल सरकार और नेपाली सेना के उच्च पद पर कार्यरत पाए जाते हैं। इन के लिए भारतिय सेना में एक सैनिक दस्ता ९वीं गोरखा रेजिमेन्त आरक्षित है। .

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उपनाम

नाम के साथ प्रयोग हुआ दूसरा शब्द जो नाम कि जाति या किसी विशेषता को व्यक्त करता है उपनाम (Surname / सरनेम) कहलाता है। जैसे महात्मा गाँधी, सचिन तेंदुलकर, भगत सिंह आदि में दूसरा शब्द गाँधी, तेंदुलकर, सिंह उपनाम हैं। .

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