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बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) और मानव कामुक क्रिया

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) और मानव कामुक क्रिया के बीच अंतर

बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) vs. मानव कामुक क्रिया

एक चिकित्सा निदान के रूप में, बाल यौन शोषण पीडोफिलिया (या पेडोफिलिया), को आमतौर पर वयस्कों या बड़े उम्र के किशोरों (16 या उससे अधिक उम्र) में मानसिक विकार के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो गैर-किशोर बच्चों (आमतौर पर 13 साल या उससे कम उम्र, हालांकि किशोरवय का समय भिन्न हो सकता है) के प्रति प्राथमिक या विशेष यौन रूचि द्वारा चरितार्थ होता है। 16 या उससे अधिक उम्र के किशोर शोषकों के मामले में बच्चे को कम से कम पांच साल छोटा होना चाहिए. मानव कामुक क्रिया, मानव कामुक विधि या मानव कामुक व्यवहार वह तरीका है जिसमें मनुष्य अपनी कामुकता को अनुभव और व्यक्त करते हैं। लोग विभिन्न प्रकार के यौन कृत्यों में संलग्न होते हैं, जिसमें अकेले की गई क्रियाओं (जैसे, हस्तमैथुन) से लेकर अन्य व्यक्ति के साथ की गई क्रियाएँ (उदाहरण के लिए, संभोग, अप्रवेशीय मैथुन, मुख मैथुन, आदि) शामिल होती हैं, जो आवृत्ति के विभिन्न पैटर्नों में, व्यापक विविध कारणों के लिए की जाती हैं। .

बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) और मानव कामुक क्रिया के बीच समानता

बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) और मानव कामुक क्रिया आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): हस्तमैथुन

हस्तमैथुन

गुस्टाव क्लिम्ट की चित्रकारी जिसमें ''एक महिला अपनी जांघों को दूर किये बैठी है'' (1916) हस्तमैथुन (अंग्रेजी: Masturbation) शारीरिक मनोविज्ञान से सम्बन्धित एक सामान्य प्रक्रिया का नाम है जिसे यौन सन्तुष्टि हेतु पुरुष हो या स्त्री, कभी न कभी सभी करते है। इसे केवल युवा ही नहीं बल्कि बुड्ढे-बुड्ढे लोग भी लिंगोत्थान हेतु करते हैं इससे उन्हें यह अहसास होता है कि वे अभी भी यौन-क्रिया करने में सक्षम हैं। अपने यौनांगों को स्वयं उत्तेजित करना युवा लड़कों तथा लड़कियों के लिये उस समय आवश्यक हो जाता है जब उनकी किसी कारण वश शादी नहीं हो पाती या वे असामान्य रूप से सेक्सुअली स्ट्रांग होते हैं। अब तो विज्ञान द्वारा भी यह सिद्ध किया जा चुका है कि इससे कोई हानि नहीं होती। पुरुषों की तरह महिलाएँ भी अपने यौनांगों को स्वयं उत्तेजित करने के तरीके खोज लेती हैं जो उन्हें बेहद संवेदनशील अनुभव और प्रबल उत्तेजना प्रदान करते हैं। फिर चाहें वे अकेली हों या अपनी महिला पार्टनर के साथ। महिलाएँ यदि अपने यौनांगों को स्वयं उत्तेजित न करें तो इस बात की भी सम्भावना बनी रहती है कि विवाह के बाद सेक्स क्रिया के दौरान उन्हें पर्याप्त उत्तेजना से वंचित रहना पड़े। औसत तौर पर पुरुष 12-13 वर्ष की उम्र में ही हस्तमैथुन शुरू कर देते हैं जबकि महिलाएँ तरुणाई (13 से 19 वर्ष) के अन्तिम दौर में हस्तमैथुन का आनन्द लेना शुरू करती हैं, लेकिन उनमें यह मामला इतना ढँका और छिपा हुआ रहता है कि कभी किसी चर्चा में भी सामने नहीं आ पाता। पूर्ण तरुण होने पर हस्तमैथुन का मामला खुले रहस्य की ओर झुकाव तो लेने लगता है पर ज्यादातर लोग इस मामले पर पर्दा ही पड़े रहना देना बेहतर समझते हैं। लेकिन अब जमाना बिल्कुल बदल गया है। अब कुछ ऐसे युवा तैयार हो रहे हैं जो इन वर्जनाओं को तोड़ कर हस्तमैथुन के तरीकों पर चर्चा में खुलकर हिस्सा ले रहे हैं। .

बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) और हस्तमैथुन · मानव कामुक क्रिया और हस्तमैथुन · और देखें »

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बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) और मानव कामुक क्रिया के बीच तुलना

बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) 18 संबंध है और मानव कामुक क्रिया 4 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.55% है = 1 / (18 + 4)।

संदर्भ

यह लेख बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) और मानव कामुक क्रिया के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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