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बायोम

सूची बायोम

दुनिया के मुख्य प्रकार के बायोम बायोम (biome) या जीवोम धरती या समुद्र के किसी ऐसे बड़े क्षेत्र को बोलते हैं जिसके सभी भागों में मौसम, भूगोल और निवासी जीवों (विशेषकर पौधों और प्राणी) की समानता हो।, David Sadava, H. Craig Heller, David M. Hillis, May Berenbaum, Macmillan, 2009, ISBN 978-1-4292-1962-4,...

43 संबंधों: टुण्ड्रा, पर्यावरण भूगोल, पादप, पारितंत्र, प्रकाश, प्रकाश-संश्लेषण, पैराग्वे, बर्फ़, ब्राज़ील, बोर्नियो, भारत, भूमध्य रेखा, मरुस्थल, मृदा, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, रेंडियर, लाइकेन, लवण, सवाना, संयुक्त राज्य, सुमात्रा, सूडान, सूर्य, हरिता, हिम, जल, जैवभार, जैवमण्डल, घास, वनस्पति, वर्षावन, विषुवतीय जलवायु, वेनेज़ुएला, खाद्य शृंखला, गयाना, ऑस्ट्रेलिया, ऑक्सीजन, इंडोनेशिया, कार्बन डाईऑक्साइड, कोलम्बिया, अफ़्रीका, अमेज़न वर्षावन, अक्षांश रेखाएँ

टुण्ड्रा

भौतिक भूगोल में, टुण्ड्रा एक बायोम है जहां वृक्षों की वृद्धि कम तापमान और बढ़ने के अपेक्षाकृत छोटे मौसम के कारण प्रभावित होती है। टुंड्रा शब्द फिनिश भाषा से आया है जिसका अर्थ “ऊँची भूमि”, “वृक्षविहीन पर्वतीय रास्ता” होता है। टुंड्रा प्रदेशों के तीन प्रकार हैं: आर्कटिक टुंड्रा, अल्पाइन टुंड्रा और अंटार्कटिक टुंड्रा। टुंड्रा प्रदेशों की वनस्पति मुख्यत: बौनी झाड़ियां, दलदली पौधे, घास, काई और लाइकेन से मिलकर बनती है। कुछ टुंड्रा प्रदेशों में छितरे हुये वृक्ष उगते हैं। किसी टुंड्रा प्रदेश और जंगल के बीच की पारिस्थितिक सीमा वृक्ष रेखा कहलाती है। .

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पर्यावरण भूगोल

पर्यावरण भूगोल (अंग्रेजी: Environmental geography) पर्यावरणीय दशाओं, उनकी कार्यशीलता और तकनीकी रूप से सबल आर्थिक मानव और पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्यययन स्थानिक तथा कालिक (spatio-temporal) सन्दर्भों में करता है। यह एक तरह का संश्लेषणात्मक विज्ञान है और इसे इंटीग्रेटेड भूगोल (समन्वयात्मक भूगोल) के रूप में भी जाना जाता है। भूगोल कि यह शाखा एक प्रकार से भौतिक भूगोल और मानव भूगोल के विभाजन और बढ़ती दूरियों को कम करने का कार्य करती है| भूगोल सदैव ही मानव और उसके पर्यावरण का अध्ययन स्थान के सन्दर्भों में करता रहा है लेकिन 1950-1970 के बीच भौतिक भूगोल और मानव भूगोल के बीच बढती दूरियों ने इसे पर्यावरण के अध्ययन से विमुख कर दिया था और इस दौरान पर्यावरण के झण्डाबरदार जीव विज्ञानी रहे। बाद में तंत्र विश्लेषण और पारिस्थितिकीय उपागम के बढ़ते महत्व को भूगोल में तेजी से स्वीकृति मिली और पर्यावरण भूगोल, भौतिक और मानव भूगोल के बीच एक बहुआयामी संश्लेषण के रूप में उभरा। पर्यावरण भूगोल के अध्ययन का क्षेत्र: (1) पर्यावरण का एक पारितंत्र के रूप में संगठन और उसकी कार्यशीलता, (2) मानव-पारितंत्रीय संबंध विश्लेषण और पर्यावरणीय अवनयन, (3) पर्यावरणीय दशाओं और मानव-पर्यावरण संबंधों का स्थानिक संदर्भ में अध्ययन, तथा (4) पर्यावरण संरक्षण और प्रबंधन से जुड़े स्थानिक पहलू (5) भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी॰ आइ॰ एस॰) और सुदूर संवेदन तकनीक का पर्यावरणीय अध्ययन में अनुप्रयोग कि दशा और दिशा निर्धारित करना है। अतः प्राकृतिक या भौतिक भूगोल और मानव भूगोल के मध्य समन्वय स्थापित करने और इनके बहु आयामी संश्लेषण के कारण पर्यावरण भूगोल को एक तीसरी नई शाखा के रूप में भी कुछ विद्वानों द्वारा देखा गया है। .

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पादप

पादप या उद्भिद (plant) जीवजगत का एक बड़ी श्रेणी है जिसके अधिकांश सदस्य प्रकाश संश्लेषण द्वारा शर्कराजातीय खाद्य बनाने में समर्थ होते हैं। ये गमनागम (locomotion) नहीं कर सकते। वृक्ष, फर्न (Fern), मॉस (mosses) आदि पादप हैं। हरा शैवाल (green algae) भी पादप है जबकि लाल/भूरे सीवीड (seaweeds), कवक (fungi) और जीवाणु (bacteria) पादप के अन्तर्गत नहीं आते। पादपों के सभी प्रजातियों की कुल संख्या की गणना करना कठिन है किन्तु प्रायः माना जाता है कि सन् २०१० में ३ लाख से अधिक प्रजाति के पादप ज्ञात हैं जिनमें से 2.7 लाख से अधिक बीज वाले पादप हैं। पादप जगत में विविध प्रकार के रंग बिरंगे पौधे हैं। कुछ एक को छोड़कर प्रायः सभी पौधे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं। इनके भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। पादपों में सुकेन्द्रिक प्रकार की कोशिका पाई जाती है। पादप जगत इतना विविध है कि इसमें एक कोशिकीय शैवाल से लेकर विशाल बरगद के वृक्ष शामिल हैं। ध्यातव्य है कि जो जीव अपना भोजन खुद बनाते हैं वे पौधे होते हैं, यह जरूरी नहीं है कि उनकी जड़ें हों ही। इसी कारण कुछ बैक्टीरिया भी, जो कि अपना भोजन खुद बनाते हैं, पौधे की श्रेणी में आते हैं। पौधों को स्वपोषित या प्राथमिक उत्पादक भी कहा जाता है। 'पादपों में भी प्राण है' यह सबसे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने कहा था। पादपों का वैज्ञानिक अध्ययन वनस्पति विज्ञान कहलाता है। .

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पारितंत्र

पारितंत्र (ecosystem) या पारिस्थितिक तंत्र (ecological system) एक प्राकृतिक इकाई है जिसमें एक क्षेत्र विशेष के सभी जीवधारी, अर्थात् पौधे, जानवर और अणुजीव शामिल हैं जो कि अपने अजैव पर्यावरण के साथ अंतर्क्रिया करके एक सम्पूर्ण जैविक इकाई बनाते हैं। इस प्रकार पारितंत्र अन्योन्याश्रित अवयवों की एक इकाई है जो एक ही आवास को बांटते हैं। पारितंत्र आमतौर अनेक खाद्य जाल बनाते हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर इन जीवों के अन्योन्याश्रय और ऊर्जा के प्रवाह को दिखाते हैं। क्रिस्टोफरसन, आरडब्ल्यू (1996) .

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प्रकाश

सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित एक मेघ प्रकाश एक विद्युतचुम्बकीय विकिरण है, जिसकी तरंगदैर्ध्य दृश्य सीमा के भीतर होती है। तकनीकी या वैज्ञानिक संदर्भ में किसी भी तरंगदैर्घ्य के विकिरण को प्रकाश कहते हैं। प्रकाश का मूल कण फ़ोटान होता है। प्रकाश की तीन प्रमुख विमायें निम्नवत है।.

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प्रकाश-संश्लेषण

हरी पत्तियाँ, प्रकाश संश्लेषण के लिये प्रधान अंग हैं। सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया को प्रकाश संश्लेषण (फोटोसिन्थेसिस) कहते है। प्रकाश संश्लेषण वह क्रिया है जिसमें पौधे अपने हरे रंग वाले अंगो जैसे पत्ती, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पौधों की हरी पत्तियों की कोंशिकाओं के अन्दर कार्बन डाइआक्साइड और पानी के संयोग से पहले साधारण कार्बोहाइड्रेट और बाद में जटिल काबोहाइड्रेट का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया में आक्सीजन एवं ऊर्जा से भरपूर कार्बोहाइड्रेट (सूक्रोज, ग्लूकोज, स्टार्च (मंड) आदि) का निर्माण होता है तथा आक्सीजन गैस बाहर निकलती है। जल, कार्बनडाइऑक्साइड, सूर्य का प्रकाश तथा क्लोरोफिल (पर्णहरित) को प्रकाश संश्लेषण का अवयव कहते हैं। इसमें से जल तथा कार्बनडाइऑक्साइड को प्रकाश संश्लेषण का कच्चा माल कहा जाता है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण जैवरासायनिक अभिक्रियाओं में से एक है। सीधे या परोक्ष रूप से दुनिया के सभी सजीव इस पर आश्रित हैं। प्रकाश संश्वेषण करने वाले सजीवों को स्वपोषी कहते हैं। .

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पैराग्वे

पैराग्वे, दक्षिण अमेरिका में स्थित एक देश है। .

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बर्फ़

बर्फ़ जल की ठोस अवस्था को कहते हैं। सामन्य दाब पर ० डिग्री सेल्सियस पर जल जमने लगता है, जल की इसी जमी हुई अवस्था को बर्फ़ कहते हैं। श्रेणी:जल *.

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ब्राज़ील

ब्रास़ील (ब्राज़ील) दक्षिण अमरीका का सबसे विशाल एवं महत्त्वपूर्ण देश है। यह देश ५० उत्तरी अक्षांश से ३३० दक्षिणी अक्षांश एवँ ३५० पश्चिमी देशान्तर से ७४० पश्चिमी देशान्तरों के मध्य विस्तृत है। दक्षिण अमरीका के मध्य से लेकर अटलांटिक महासागर तक फैले हुए इस संघीय गणराज्य की तट रेखा ७४९१ किलोमीटर की है। यहाँ की अमेज़न नदी, विश्व की सबसे बड़ी नदियों मे से एक है। इसका मुहाना (डेल्टा) क्षेत्र अत्यंत उष्ण तथा आर्द्र क्षेत्र है जो एक विषुवतीय प्रदेश है। इस क्षेत्र में जन्तुओं और वनस्पतियों की अतिविविध प्रजातियाँ वास करती हैं। ब्राज़ील का पठार विश्व के प्राचीनतम स्थलखण्ड का अंग है। अतः यहाँ पर विभिन्न भूवैज्ञानिक कालों में अनेक प्रकार के भूवैज्ञानिक संरचना सम्बंधी परिवर्तन दिखाई देते हैं। ब्राज़ील के अधिकांश पूर्वी तट एवं मध्य अमेरिका की खोज अमेरिगो वाससक्की ने की एवं इसी के नाम से नई दुनिया अमेरिका कहलाई। सन् १५०० के बाद यहाँ उपनिवेश बनने आरंभ हुए। यहाँ की अधिकांश पुर्तगाली बस्तियों का विकास १५५० से १६४० के मध्य हुआ। २४ जनवरी १९६४ को इसका नया संविधान बना। इसकी प्रमुख भाषा पुर्तगाली है। .

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बोर्नियो

बोर्नियो (इण्डोनेशियाई: कालिमंतान, मलय: बोर्नियो, अंग्रेज़ी: Borneo) विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और एशिया का सबसे बड़ा द्वीप है। भौगोलिक रूप से यह जावा से उत्तर में, सुलावेसी से पश्चिम में और सुमात्रा से पूर्व में स्थित है। यह इंडोनेशिया, मलेशिया एवं ब्रुनेई देशों में बंटा हुआ है। बोर्नियो का लगभग ७३% क्षेत्रफल इंडोनेशिया में आता है। द्वीप के उत्तर में पूर्वी मलेशिया के साबाह और सारावाक राज्य पूरे द्वीपीय क्षेत्रफल के २६% हैं जबकि नन्हा ब्रुनेई देश इसका केवल १% ही है। बोर्नियो का एक बड़ा भूभाग जंगलों से ढका हुआ है और यह पृथ्वी से सबसे प्राचीन जंगलों में से हैं। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भूमध्य रेखा

विश्व के मानचित्र पर भूमध्य रेखा लाल रंग में गोलक का महानतम चक्र (घेरा) उसे ऊपरी और निचले गोलार्धों में बांटाता है। भूमध्य रेखा पृथ्वी की सतह पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव से सामान दूरी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है। यह पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में विभाजित करती है। दूसरे शब्दों में पृथ्वी के केंद्र से सर्वाधिक दूरस्थ भूमध्यरेखीय उभार पर स्थित बिन्दुओं को मिलाते हुए ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा को भूमध्य या विषुवत रेखा कहते हैं। इस पर वर्ष भर दिन-रात बराबर होतें हैं, इसलिए इसे विषुवत रेखा भी कहते हैं। अन्य ग्रहों की विषुवत रेखा को भी सामान रूप से परिभाषित किया गया है। इस रेखा के उत्तरी ओर २३½° में कर्क रेखा है व दक्षिणी ओर २३½° में मकर रेखा है। .

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मरुस्थल

अटाकामा मरुस्थल मरुस्थल या रेगिस्तान ऐसे भौगोलिक क्षेत्रों को कहा जाता है जहां जलपात (वर्षा तथा हिमपात का योग) अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा काफी कम होती है। प्रायः (गलती से) रेतीले रेगिस्तानी मैदानों को मरुस्थल कहा जाता है जोकि गलत है। यह बात और है कि भारत में सबसे कम वर्षा वाला क्षेत्र (थार) एक रेतीला मैदान है। मरूस्थल (कम वर्षा वाला क्षेत्र) का रेतीला होना आवश्यक नहीं। मरुस्थल का गर्म होना भी आवश्यक नहीं है। अंटार्कटिक, जोकि बर्फ से ढका प्रदेश है, विश्व का सबसे बड़ा मरुस्थल है ! विश्व के अन्य देशों में कई ऐसे मरुस्थल हैं जो रेतीले नहीं है। .

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मृदा

पृथ्वी ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा (मिट्टी / soil) कहते हैं। ऊपरी सतह पर से मिट्टी हटाने पर प्राय: चट्टान (शैल) पाई जाती है। कभी कभी थोड़ी गहराई पर ही चट्टान मिल जाती है। 'मृदा विज्ञान' (Pedology) भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें मृदा के निर्माण, उसकी विशेषताओं एवं धरातल पर उसके वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता हैं। पृथऽवी की ऊपरी सतह के कणों को ही (छोटे या बडे) soil कहा जाता है .

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राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद (अंग्रेज़ी:नेशनल काउन्सिल ऑफ एड्युकेशनल रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग, लघु:NCERT National Council of Educational Research and Training) भारत सरकार द्वारा स्थापित संस्थान है जो विद्यालयी शिक्षा से जुड़े मामलों पर केन्द्रीय सरकार एवं प्रान्तीय सरकारों को सलाह देने के उद्देश्य से स्थापित की गयी है। यह परिषद भारत में स्कूली शिक्षा संबंधी सभी नीतियों पर कार्य करती है।। हिन्दुस्तान लाइव। २१ फ़रवरी २०१० इसका मुख्य कार्य शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्रालय को विशेषकर स्कूली शिक्षा के संबंध में सलाह देने और नीति-निर्धारण में मदद करने का है। इसके अतिरिक्त एनसीईआरटी के अन्य कार्य हैं शिक्षा के समूचे क्षेत्र में शोधकार्य को सहयोग और प्रोत्साहित करना, उच्च शिक्षा में प्रशिक्षण को सहयोग देना, स्कूलों में शिक्षा पद्धति में लाए गए बदलाव और विकास को लागू करना, राज्य सरकारों और अन्य शैक्षणिक संगठनों को स्कूली शिक्षा संबंधी सलाह आदि देना और अपने कार्य हेतु प्रकाशन सामग्री और अन्य वस्तुओं के प्रचार की दिशा में कार्य करना। इसी तरह भारत में शिक्षा से जुड़े लगभग हरेक कार्य में एनसीईआरटी की उपस्थिति किसी न किसी रूप में रहती है। कई अन्य शैक्षणिक संस्थान एनसीईआरटी के सहयोगी के तौर पर कार्यरत हैं, इनमें प्रमुख हैं.

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रेंडियर

दुनिया में रेंडियर का फैलाव अलास्का में एक रेंडियर रेंडियर या कैरिबू पृथ्वी से सुदूर-उत्तर के बर्फ़ीले आर्कटिक और उपार्कटिक इलाक़ों में मिलने वाली एक हिरण की नस्ल है। वैसे तो इनकी आबादी इतनी है कि इस जानवर के विलुप्त होने का कोई ख़तरा नहीं लेकिन इसकी कुछ क़िस्में संकट में हैं और एक या दो तो हमेशा के लिए ख़त्म हो चुकी हैं। रेंडियर के रंग और अकार स्थान के अनुसार अलग-अलग होते हैं। नर और मादा दोनों के सींग होते हैं, हालांकि नर के बड़े होते हैं। कुछ क़िस्में ऐसी भी हैं जिनमें मादाओं के सींग नहीं होते। इन उत्तरी क्षेत्रों में रहनी वाली बहुत-सी जातियों के लिए रेंडियर एक बहुत ही महत्वपूर्ण पशु है। वे इनका शिकार भी करते हैं और कुछ जातियों ने (जैसे कि रूस के एवेंकों ने) तो इन के पालन को भी अपनी समाज व्यवस्था का हिस्सा बनाया हुआ है। वे इनका दूध पीते हैं, इनका मांस खाते हैं, इनकी खाल के कपड़े-जूते पहनते हैं और इन्हें अपनी स्लेजों (बर्फ़ पर फिसलकर चलने वाले वाहन) को खींचने के लिए प्रयोग करते हैं। बहुत से ऐसे समुदायों में तो रेनडियरों का धार्मिक महत्व भी होता है।, Piers Vitebsky, Houghton Mifflin Harcourt, 2006, ISBN 978-0-618-77357-2 रेंडियर लाइकेन भी खाते हैं और पेड़ों के पत्ते भी। .

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लाइकेन

लाइकेन से आच्छादित वृक्ष लाइकेन (Lichen) निम्न श्रेणी की ऐसी छोटी वनस्पतियों का एक समूह है, जो विभिन्न प्रकार के आधारों पर उगे हुए पाए जाते हैं। इन आधारों में वृक्षों की पत्तियाँ एवं छाल, प्राचीन दीवारें, भूतल, चट्टान और शिलाएँ मुख्य हैं। यद्यपि ये अधिकतर धवल रंग के होते हैं, तथापि लाल, नारंगी, बैंगनी, नीले एवं भूरे तथा अन्य चित्ताकर्षक रंगों के लाइकेन भी पाए जाते हैं। इनकी वृद्धि की गति मंद होती है एंव इनके आकार और बनावट में भी पर्याप्त भिन्नता रहती है। .

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लवण

लवण (Salt) वह यौगिक है जो किसी अम्ल के एक, या अधिक हाइड्रोजन परमाणु को किसी क्षारक के एक, या अधिक धनायन से प्रतिस्थापित करने पर बनता है। खानेवाला नमक एक प्रमुख लवण है। रसायनत: यह नमक सोडियम और क्लोरीन का सोडियम क्लोराइड नामक यौगिक है। पोटैशियम नाइट्रेट एक दूसरा लवण है, जो नाइट्रिक अम्ल के हाइड्रोजन आयन को पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड के पोटैशियम आयन (धनायन) द्वारा प्रतिस्थापित करने से बनता है। नाइट्रिक अम्ल के अणु में केवल एक हाइड्रोजन होता है, जो पोटैशियम से प्रतिस्थापित होता है। सल्फ्यूरिक अम्ल में प्रतिस्थापनीय हाइड्रोजन की संख्या दो है। अत: सोडियम द्वारा सल्फ्यूरिक अम्ल के दोनों हाइड्रोजन के प्रतिस्थापित होने पर सोडियम सल्फेट नामक लवण प्राप्त होता है। दोनों ही यौगिक लवण कहलाते हैं। पहला नॉर्मल (normal) लवण और दूसरा अम्लीय लवण कहलाता है। विविध अम्लों और विविध क्षारों के सहयोग से अनेक लवण बने हैं। .

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सवाना

सवाना उष्णकटिबंधीय घास के मैदानों को कहते हैं। यहां पर्याप्त रूप से छोटे वृक्ष ऐसे लगे होते हैं, कि यह क्षेत्र एकदम एकसार घना हरा भरा रहता है। ये फैले हुए वृक्षो के साथ घास के मैदान है। File:Acacia_Bild1086.jpg File:Tropical_savannah_(Top_End).jpg File:East_-_Guinean_Savanna_001.JPG श्रेणी:पारितंत्र श्रेणी:घास के मैदान श्रेणी:घासभूमियाँ श्रेणी:अफ़्रीका की घासभूमियाँ श्रेणी:उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय घासभूमियाँ, सवाना और क्षुपभूमियाँ.

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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सुमात्रा

सुमात्रा इंडोनिशया देश का एक द्वीप है। मलय द्वीप समूहों में यह सबसे बड़ा है और मलाया जलसंधि (मेलक्का) के ठीक पश्चिम में स्थित है। यह उन द्वीपों में सबसे बड़ा है जिस पर इंडोनेशिया का संपूर्ण राजनैतिक शासन है। इसके अतिरिक्त यह दुनिया का ६ठा सबसे बड़ा द्वीप है। अंदमान तथा जावा द्वीपों के बीच स्थित इन द्वीपों का आकार लंबाई में खिंचा हुआ और उत्तरपश्चिम से दक्षिणपूर्व की ओर है। पश्चिमी तट के निकट बरिसान पहाड़याँ हैं जिनमे कुछ ज्वालामुखी भी हैं। साल २००४ में यहाँ सुनामी की वजह से बहुत तबाही हुई थी। श्रेणी:हिन्द महासागर के द्वीप श्रेणी:बृहत्तर सुन्दा द्वीपसमूह * श्रेणी:इण्डोनेशिया के द्वीप.

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सूडान

सूडान, आधिकारिक तौर पर सूडान गणराज्य, उत्तरी पूर्व अफ्रीका में स्थित एक देश है। यह अफ्रीका और अरब जगत का सबसे बड़ा देश है, इसके अलावा क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया का दसवां सबसे बड़ा देश है। इसके उत्तर में मिस्र, उत्तर पूर्व में लाल सागर, पूर्व में इरिट्रिया और इथियोपिया, दक्षिणपूर्व में युगांडा और केन्या, दक्षिण पश्चिम में कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य और मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, पश्चिम में चाड और पश्चिमोत्तर में लीबिया स्थित है। दुनिया की सबसे लंबी नदी नील नदी, देश को पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में विभाजित करती है। इसकी राजधानी खार्तूम है। सूडान दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल है, जहां आज भी 3000 ईपू बसी बस्तियां अपना वजूद बचाए हुए हैं। यूनाइटेड किंगडम से 1956 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद सूडान को 17 साल तक चले लंबे गृह युद्ध का सामना करना पड़ा, जिसके बाद अरबी और न्यूबियन मूल की बहुतायत वाले उत्तरी सूडान और ईसाई और एनिमिस्ट निलोट्स बहुल वाले दक्षिणी सूडान के बीच जातीय, धार्मिक और आर्थिक युद्ध छिड़ गया, जिसकी वजह से 1983 में दूसरा गृहयुद्ध शुरू हुआ। इन लड़ाइयों के बीच कर्नल उमर अल बाशिर ने 1989 में रक्तविहिन तख्तापटल कर सत्ता हथिया ली। सूडान ने व्यापक आर्थिक सुधारों को लागू कर वृहदतर आर्थिक विकास दर हासिल की और 2005 में एक नया संविधान के माध्यम से दक्षिण के विद्रोही गुटों को सीमित स्वायत्तता प्रदान करने और 2011 में स्वतंत्रता के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की बात सहमति बनने के बाद गृहयुद्ध समाप्त किया। प्राकृतिक संसाधन के रूप में पेट्रोलियम और कच्चे तेल से भरे-पूरे सूडान की अर्थव्यवस्था वर्तमान में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। जनवादी गणराज्य चीन और रूस सूडान के सबसे बड़े व्यापार भागीदार हैं। .

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सूर्य

सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है। इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है। Barnhart, Robert K. (1995) The Barnhart Concise Dictionary of Etymology, page 776.

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हरिता

वन में मॉस चट्टान पर हरिता (मॉस) हरिता या मॉस (Moss) अपुष्पक पादप है। ब्रायोफाइटा वर्ग के इस प्रचलित पौधे में वास्तविक जड़ों का अभाव रहता है। यह सामान्यतः १ से १० से.

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हिम

हिम क्रिस्टलीय जलीय बर्फ के रूप में हुआ एक प्रकार का वर्षण है, जिसमे एक बड़ी मात्रा में हिमकण शामिल होते है जो बादलों से गिरते हैं। चूंकि हिम बर्फ के महीन कणों से बनी होती है, इसलिए यह एक दानेदार पदार्थ है। इसकी संरचना खुली और इसलिए नरम होती है, जब तक कि कोई बाहरी दाब डाल कर इसे दबाया ना जाए। हिमपात हिमपातबर्फ के क्रिस्टल के रूपों को दर्शाता है जो वायुमंडल (आमतौर पर बादलों से) से निकलता है और पृथ्वी की सतह पर परिवर्तन से गुजरता है। यह अपने जीवन चक्र में जमे हुए क्रिस्टलीय पानी से संबंधित है, जब उचित परिस्थितियों में, वातावरण में बर्फ के क्रिस्टल का निर्माण होता है, मिलिमीटर का आकार बढ़ाता है, सतह पर तरक्की हो जाती है और सतह पर जमा होता है, फिर जगह में बदल जाता है, और अंततः पिघल, स्लाइड या दूर जाना जाता है । वायुमंडलीय नमी और ठंडी हवा के स्रोतों पर खिलाकर बर्फ के तूफान व्यवस्थित और विकसित होते हैं। स्नोफ्लेक्स सुपरकोलाइड पानी की बूंदों को आकर्षित करके वातावरण में कणों के चारों ओर घूमती है, जो हेक्सागोनल-आकार के क्रिस्टल में स्थिर होते हैं। स्नोफ्लेक विभिन्न आकारों पर लेते हैं, इनमें से मूल प्लेटलेट्स, सुई, स्तंभ और शिलाएं हैं। जैसा कि बर्फ एक बर्फ के टुकड़े में जमा हो जाता है, यह बहाव में उड़ सकता है समय के साथ, सिमेंटर, नीचीकरण और फ्रीज-पिघलना द्वारा, बर्फ का आकार संचित किया गया। जहां साल-दर-वर्ष संचय के लिए जलवायु ठंडा होती है, एक ग्लेशियर हो सकता है। अन्यथा, बर्फ आमतौर पर मौसम में पिघला देता है, जिससे नदियों और नदियों में जल प्रवाह और भूजल रिचार्ज होता है .

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जल

जल या पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जिसका अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना है - H2O। यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आमतौर पर जल शब्द का प्प्रयोग द्रव अवस्था के लिए उपयोग में लाया जाता है पर यह ठोस अवस्था (बर्फ) और गैसीय अवस्था (भाप या जल वाष्प) में भी पाया जाता है। पानी जल-आत्मीय सतहों पर तरल-क्रिस्टल के रूप में भी पाया जाता है। पृथ्वी का लगभग 71% सतह को 1.460 पीटा टन (पीटी) (1021 किलोग्राम) जल से आच्छदित है जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% भूमिगत जल एक्वीफर और 0.001% जल वाष्प और बादल (इनका गठन हवा में जल के निलंबित ठोस और द्रव कणों से होता है) के रूप में पाया जाता है। खारे जल के महासागरों में पृथ्वी का कुल 97%, हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ चोटिओं में 2.4% और अन्य स्रोतों जैसे नदियों, झीलों और तालाबों में 0.6% जल पाया जाता है। पृथ्वी पर जल की एक बहुत छोटी मात्रा, पानी की टंकिओं, जैविक निकायों, विनिर्मित उत्पादों के भीतर और खाद्य भंडार में निहित है। बर्फीली चोटिओं, हिमनद, एक्वीफर या झीलों का जल कई बार धरती पर जीवन के लिए साफ जल उपलब्ध कराता है। जल लगातार एक चक्र में घूमता रहता है जिसे जलचक्र कहते है, इसमे वाष्पीकरण या ट्रांस्पिरेशन, वर्षा और बह कर सागर में पहुॅचना शामिल है। हवा जल वाष्प को स्थल के ऊपर उसी दर से उड़ा ले जाती है जिस गति से यह बहकर सागर में पहँचता है लगभग 36 Tt (1012किलोग्राम) प्रति वर्ष। भूमि पर 107 Tt वर्षा के अलावा, वाष्पीकरण 71 Tt प्रति वर्ष का अतिरिक्त योगदान देता है। साफ और ताजा पेयजल मानवीय और अन्य जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन दुनिया के कई भागों में खासकर विकासशील देशों में भयंकर जलसंकट है और अनुमान है कि 2025 तक विश्व की आधी जनसंख्या इस जलसंकट से दो-चार होगी।.

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जैवभार

पुआल के गट्ठर बायोमास बानाने के काम आते हैं। धान की भूसी को जलाकर ऊर्जा (ऊष्मा) प्राप्त की जा सकती है। Panicum virgatum का उपयोग जैव मात्रा के रूप में किया जाता है। जीवित जीवों अथवा हाल ही में मरे हुए जीवों से प्राप्त पदार्थ जैव मात्रा या जैव संहति या 'बायोमास' (Biomass) कहलाता है। प्रायः यहाँ 'जीव' से आशय 'पौधों' से है। बायोमास ऊर्जा के स्रोत हैं। इन्हें सीधे जलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है या इनको विभिन्न प्रकार के जैव ईंधन में परिवर्तित करने के बाद इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण- गन्ने की खोई, धान की भूसी, अनुपयोगी लकड़ी आदि बायोमास को जैव ईंधन के रूप में कई प्रकार से बदला जा सकता है, जिन्हें मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा जा सकता है- ऊष्मीय विधियाँ, रासायनिक विधियाँ तथा जैवरासायनिक विधियाँ। .

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जैवमण्डल

जैवमण्डल पृथ्वी के चारों तरफ व्याप्त ३0 किमी मोटी वायु, जल, स्थल, मृदा, तथा शैल युक्त एक जीवनदायी परत होती है, जिसके अंतर्गत पादपों एवं जन्तुओं का जीवन सम्भव होता है। सामान्यतः जैवमण्डल में पृथ्वी के हर उस अंग का समावेश है जहाँ जीवन पनपता है। .

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घास

घास का मैदान घास घास (grass) एक एकबीजपत्री हरा पौधा है। इसके प्रत्येक गाँठ से रेखीय पत्तियाँ निकलती हुई दिखाई देती हैं। साधारणतः यह कमजोर, शाखायुक्त, रेंगनेवाला पौधा है। बाँस, मक्का तथा धान के पौधे भी घास ही हैं। .

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वनस्पति

पेड़-पौधों या वनस्पतिलोक का अर्थ है, किसी क्षेत्र का वनस्पति जीवन या भूमि पर मौजूद पेड़-पौधे और इसका संबंध किसी विशिष्ट जाति, जीवन के ऱूप, रचना, स्थानिक प्रसार, या अन्य वानस्पतिक या भौगोलिक गुणों से नहीं है। यह शब्द फ्लोरा शब्द से कहीं अधिक बड़ा है जो विशेष रूप से जाति की संरचना से संबधित होता है। शायद सबसे करीबी पर्याय ''वनस्पति'' समाज है, लेकिन पेड़-पौधे शब्द स्थानिक पैमानों की विस्तृत श्रेणी से संबध रख सकता है, जिनमें समस्त विश्व की वनस्पति-संपदा समाविष्ट है। प्राचीन लाल लकड़ी के वन, तटीय सदाबहार वन, दलदल में जमने वाली काई, रेगिस्तानी मिट्टी की पर्तें, सड़क के किनारे उगने वाली घास, गेहूं के खेत, बाग-बगीचे-ये सभी पेड़-पौधों की परिभाषा में शामिल हैं। .

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वर्षावन

ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में डैनट्री वर्षावन. क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में केर्न्स के पास डैनट्री वर्षावन. न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में इल्लावारा ब्रश के भाग। वर्षावन वे जंगल हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में वर्षा होती है अर्थात जहां न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 1750-2000 मि॰मी॰ (68-78 इंच) के बीच है। मानसूनी कम दबाव का क्षेत्र जिसे वैकल्पिक रूप से अंतर-उष्णकटिबंधीय संसृति क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, की पृथ्वी पर वर्षावनों के निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका है। विश्व के पशु-पौधों की सभी प्रजातियों का कुल 40 से 75% इन्हीं वर्षावनों का मूल प्रवासी है। यह अनुमान लगाया गया है कि पौधों, कीटों और सूक्ष्मजीवों की कई लाख प्रजातियां अभी तक खोजी नहीं गई हैं। उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को पृथ्वी के आभूषण और संसार की सबसे बड़ी औषधशाला कहा गया है, क्योंकि एक चौथाई प्राकृतिक औषधियों की खोज यहीं हुई है। विश्व के कुल ऑक्सीजन प्राप्ति का 28% वर्षावनों से ही मिलता है, इसे अक्सर कार्बन डाई ऑक्साइड से प्रकाश संष्लेषण के द्वारा प्रसंस्करण कर जैविक अधिग्रहण के माध्यम से कार्बन के रूप में भंडारण करने वाले ऑक्सीजन उत्पादन के रूप में गलत समझ लिया जाता है। भूमि स्तर पर सूर्य का प्रकाश न पहुंच पाने के कारण वर्षावनों के कई क्षेत्रों में बड़े वृक्षों के नीचे छोटे पौधे और झाड़ियां बहुत कम उग पाती हैं। इस से जंगल में चल पाना संभव हो जाता है। यदि पत्तों के वितानावरण को काट दिया जाए या हलका कर दिया जाए, तो नीचे की जमीन जल्दी ही घनी उलझी हुई बेलों, झाड़ियों और छोटे-छोटे पेड़ों से भर जाएगी, जिसे जंगल कहा जाता है। दो प्रकार के वर्षावन होते हैं, उष्णकटिबंधीय वर्षावन तथा समशीतोष्ण वर्षावन। .

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विषुवतीय जलवायु

एक प्रमुख जलवायुक्षेत्र। श्रेणी:जलवायु क्षेत्र.

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वेनेज़ुएला

वेनेज़ुएला दक्षिणी अमरीका महाद्वीप में स्थित एक देश है। राजधानी काराकास है। यह दक्षिण अमरीका के उत्तर मे स्थित एक उश्नकटिबन्धिय प्रदेश है। इसके पूर्व मे गुयेना, दक्षिण मे ब्राजील एंव पश्चिम मे कोलम्बिआ राष्ट्र है। इसकी उत्तरी सीमा २८०० कि॰मी॰ कि है, इसके उत्तर में कैरेबियन द्वीपसमुह एंवम् उत्तर पूर्व मे अंट्लान्टिक महासागर है। वेनेजुएला की इनकम का सोर्स तेल है .

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खाद्य शृंखला

''खाद्य शृंखला को प्रदर्शित करता एक चित्र।''' खाद्य शृंखला में पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न जीवों की परस्पर भोज्य निर्भरता को प्रदर्शित करते हैं। किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र में कोई भी जीव भोजन के लिए सदैव किसी दूसरे जीव पर निर्भर होता है। भोजन के लिए सभी जीव वनस्पतियों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्भर होते हैं। वनस्पतियां अपना बोजन प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा बनाती हैं। इस भोज्य क्रम में पहले स्तर पर शाकाहारी जीव आते हैं जो कि पौधों पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर होते हैं। इसलिए पौधों को उत्पादक या स्वपोषी और जन्तुओं को उपभोक्ता की संज्ञा देते हैं। .

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गयाना

गयाना या गुयाना दक्षिणी अमरीका मे एक देश है। इस का आधिकारिक नाम- 'कौपरेटिव रिपबलिक ओफ गुयाना' है। यह दक्षिण अमरीका के उत्तर-मध्य भाग मे हैं। 'गुयाना' शब्द का ऐतिहासिक प्रयोग हॉलैन्ड के तीन उपनिवेशो के लिये किया गया था। यह उपनिवेश थे- एस्सेक्यूबो, डेमेरारा और बेरबिस। वो एतिहासिक गयाना अमेज़न नदी के उत्तर मे था और ओरिनोको नदी के पुरव मे था। यहाँ पर भरतीय सबसे बाड़ी प्रजाती है। यह भरतीय प्रजाती के लोग यहाँ अंग्रेजो़ के शाशन काल मे आएँ। इस देश पर सबसे पहले हॉलैन्ड ने शाशन किया और फिर २०० साल तक अंग्रेजो़ ने इस पर शाशन किया। .

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ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया, सरकारी तौर पर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के महाद्वीप के अर्न्तगत एक देश है जो दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप भी है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी, जिसमे तस्मानिया और कई अन्य द्वीप हिंद और प्रशांत महासागर में है। ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है। पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है। 18वी सदी के आदिकाल में जब यूरोपियन अवस्थापन प्रारंभ हुआ था उसके भी लगभग 40 हज़ार वर्ष पहले, ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और तस्मानिया की खोज अलग-अलग देशो के करीब 250 स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाईयो ने की थी। तत्कालिक उत्तर से मछुआरो के छिटपुट भ्रमण और होलैंडवासियो (Dutch) द्वारा 1606, में यूरोप की खोज के बाद,1770 में ऑस्ट्रेलिया के अर्द्वपूर्वी भाग पर अंग्रेजों (British) का कब्ज़ा हो गया और 26 जनवरी 1788 में इसका निपटारा "देश निकला" दण्डस्वरुप बने न्यू साउथ वेल्स नगर के रूप में हुआ। इन वर्षों में जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई और महाद्वीप का पता चला,19वी सदी के दौरान दूसरे पांच बड़े स्वयं-शासित शीर्ष नगर की स्थापना की गई। 1 जनवरी 1901 को, छ: नगर महासंघ हो गए और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल का गठन हुआ। महासंघ के समय से लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थायी उदार प्रजातांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था का निर्वहन किया और प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना रहा। जनसंख्या 21.7मिलियन (दस लाख) से थोडा ही ऊपर है, साथ ही लगभग 60% जनसंख्या मुख्य राज्यों सिडनी,मेलबर्न,ब्रिस्बेन,पर्थ और एडिलेड में केन्द्रित है। राष्ट्र की राजधानी केनबर्रा है जो ऑस्ट्रेलियाई प्रधान प्रदेश (ACT) में अवस्थित है। प्रौद्योगिक रूप से उन्नत और औद्योगिक ऑस्ट्रेलिया एक समृद्ध बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है और इसका कई राष्ट्रों की तुलना में इन क्षत्रों में प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है जैसे स्वास्थ्य, आयु संभाव्यता, जीवन-स्तर, मानव विकास, जन शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और मूलभूत अधिकारों की रक्षा और राजनैतिक अधिकार.

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ऑक्सीजन

ऑक्सीजन या प्राणवायु या जारक (Oxygen) रंगहीन, स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है। इसकी खोज, प्राप्ति अथवा प्रारंभिक अध्ययन में जे.

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इंडोनेशिया

इंडोनेशिया गणराज्य (दीपान्तर गणराज्य) दक्षिण पूर्व एशिया और ओशिनिया में स्थित एक देश है। १७५०८ द्वीपों वाले इस देश की जनसंख्या लगभग 26 करोड़ है, यह दुनिया का तीसरा सबसे अधिक आबादी और दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी बौद्ध आबादी वाला देश है। देश की राजधानी जकार्ता है। देश की जमीनी सीमा पापुआ न्यू गिनी, पूर्वी तिमोर और मलेशिया के साथ मिलती है, जबकि अन्य पड़ोसी देशों सिंगापुर, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया और भारत का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र शामिल है। .

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कार्बन डाईऑक्साइड

कार्बन डाइआक्साइड (Carbon dioxide) (रासायनिक सूत्र CO2) एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है जो पृथ्वी पर जीवन के लिये अत्यावश्यक है। धरती पर यह प्राकृतिक रूप से पायी जाती है। धरती के वायुमण्डल में यह गैस आयतन के हिसाब से लगभग 0.03 प्रतिशत होती है। कार्बन डाईऑक्साइड कार्बन डाइआक्साइड का निर्माण आक्सीजन के दो परमाणु तथा कार्बन के एक परमाणु से मिलकर हुआ है। सामान्य तापमान तथा दबाव पर यह गैसीय अवस्था में रहती है। वायुमंडल में यह गैस 0.03% 0.04% तक पाई जाती है, परन्तु मौसम में परिवर्तन के साथ वायु में इसकी सान्द्रता भी थोड़ी परिवर्तित होती रहती है। यह एक ग्रीनहाउस गैस है, क्योंकि सूर्य से आने वाली किरणों को तो यह पृथ्वी के धरातल पर पहुंचने देती है परन्तु पृथ्वी की गर्मी जब वापस अंतरिक्ष में जाना चाहती है तो यह उसे रोकती है। पृथ्वी के सभी सजीव अपनी श्वसन की क्रिया में कार्बन डाइआक्साइड का त्याग करते है। जबकि हरे पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते समय इस गैस को ग्रहण करके कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं। इस प्रकार कार्बन डाइआक्साइड कार्बन चक्र का प्रमुख अवयव है। कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड प्रमुख हैं। सभी जैव अणु जैसे कार्बोहाइड्रेट, अमीनो अम्ल, प्रोटीन, आरएनए तथा डीएनए कार्बनिक यौगिक ही हैं। कार्बन और हाइड्रोजन के यौगिको को हाइड्रोकार्बन कहते हैं। मेथेन (CH4) सबसे छोटे अणुसूत्र का हाइड्रोकार्बन है। ईथेन (C2H6), प्रोपेन (C3H8) आदि इसके बाद आते हैं, जिनमें क्रमश: एक एक कार्बन जुड़ता जाता है। हाइड्रोकार्बन तीन श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं: ईथेन श्रेणी, एथिलीन श्रेणी और ऐसीटिलीन श्रेणी। ईथेन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन संतृप्त हैं, अर्थात्‌ इनमें हाइड्रोजन की मात्रा और बढ़ाई नहीं जा सकती। एथिलीन में दो कार्बनों के बीच में एक द्विबंध (.

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कोलम्बिया

कोलम्बिया दक्षिणी अमरीका महाद्वीप के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक देश है। देश की राजधानी बोगोटा है। कोलम्बिया के पूर्व में वेनेजुएला और ब्राजील, दक्षिण में इक्वेडोर और पेरू, उत्तर में केरेबियन सागर, उत्तर पश्चिम में पनामा और पश्चिम में प्रशांत महासागर स्थित है। क्षेत्रफल के हिसाब से कोलंबिया दुनिया का 26वां और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप का चौथा बड़ा देश है। आबादी के लिहाज से कोलंबिया दुनिया का 29वां और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। कोलम्बिया में मेक्सिको और ब्राजील के बाद स्पेनिश बोलने वाले सर्वाधिक लोग निवास करते हैं। कोलंबिया एक बहुसांस्कृतिक देश है। यहाँ के मूल निवासियों के अलवा पंद्रहवी शताब्दी में आये स्पेनिश और उन्नीसवी सदी में दास प्रथा के लिए लाये गए अफ़्रीकी लोगो की वजह से यह एक विविध सांस्कृतिक परम्परओं वाला देश है। बीसवी सदी में यूरोप और मध्य एशिया के भी लोगों के यहाँ आकर बसने से यहाँ उनकी संस्कृति की भी झलक मिलती है। .

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अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

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अमेज़न वर्षावन

अमेज़न वर्षावन का क्षेत्र अमेज़न वर्षावन (Floresta Amazônica या Amazônia; Selva Amazónica या Amazonia), एमज़ोनिया, या अमेज़न वन के नाम से जाने जानेवाले चौड़ी पत्तियों और नमी युक्त वन है जो दक्षिण अमेरिका के अमेज़न बेसिन के एक बड़े भूभाग पर फैला हैं। यह बेसिन सत्तर लाख वर्ग किलोमीटर (१.७ अरब एकड़) क्षेत्र पर फैला है जिसमें से ५५ (१.४ अरब एकड़) लाख वर्ग किलीमीटर पर वर्षावन खड़े है। यह क्षेत्र नौ देशों की सीमाओं में पड़ता है। वनों का अधिकांश भाग (६०%) ब्राजील की सीमा में है। इसके बाद पेरू में १३% और अन्य देशों कोलंबिया, वेनेजुएला, ईक्वाडोर, बोलिविया, गुयाना, सूरीनाम और फ्रेंच गुयाना में ये वन फैले हुए हैं। इस क्षेत्र के कई राज्यों और विभागों का नाम इन वनों के आधार पर एमाज़ोनास पड़ा है। विश्व के कुल वर्षावनों का का लगभग आधा भाग यही है और विश्व के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पड़ने वाले वनों में यहीं सर्वाधिक जैव विविधता पायी जाती है। यह बहुत अद्भुत है .

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अक्षांश रेखाएँ

ग्लोब पर भूमध्य रेखा के समान्तर खींची गई कल्पनिक रेखा। अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या१८०+१ (भूमध्य रेखा सहित) है। प्रति १ डिग्री की अक्षांशीय दूरी लगभग १११ कि.

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