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बायो-सेवर्ट का नियम और विद्युत्-क्षेत्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बायो-सेवर्ट का नियम और विद्युत्-क्षेत्र के बीच अंतर

बायो-सेवर्ट का नियम vs. विद्युत्-क्षेत्र

बायो-सेवर का नियम (Biot–Savart law) विद्युतचुम्बकत्व के अन्तर्गत एक समीकरण है जो किसी विद्युतधारा द्वारा किसी बिन्दु पर उत्पादित चुम्बकीय क्षेत्र B का मान बताता है। सदिश राशि B धारा के परिमाण, दिशा, लम्बाई, एवं बिन्दू से दूरी पर निर्भर करती है। यह नियम स्थिरचुम्बकीय स्थिति में ही वैध है और इससे प्राप्त B का मान एम्पीयर का नियम तथा गाउस का नियम से प्राप्त चुम्बकीय क्षेत्र से मेल खाते हैं। यह नियम सन १८२० में प्रतिपादित किया गया था। . किसी ऋणावेशित अनन्त चादर के ऊपर यदि एक धनावेशित बिन्दु आवेश लटका हो तो वहाँ विद्युत क्षेत्र रेखाएँ इस प्रकार होंगी। यदि किसी स्थान पर स्थित किसी स्थिर आवेशित कण पर बल लगता है तो कहते हैं कि उस स्थान पर विद्युत्-क्षेत्र (electric field) है। विद्युत क्षेत्र आवेशित कणों के द्वारा उत्पन्न होता है या समय के साथ परिवर्तित हो रहे चुम्बकीय क्षेत्र के कारण। विद्युत क्षेत्र की अवधारणा सबसे पहले माइकल फैराडे ने प्रस्तुत की थी। श्रेणी:विद्युत.

बायो-सेवर्ट का नियम और विद्युत्-क्षेत्र के बीच समानता

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बायो-सेवर्ट का नियम और विद्युत्-क्षेत्र के बीच तुलना

बायो-सेवर्ट का नियम 6 संबंध है और विद्युत्-क्षेत्र 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (6 + 3)।

संदर्भ

यह लेख बायो-सेवर्ट का नियम और विद्युत्-क्षेत्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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