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बायज़ीद प्रथम और मुराद द्वितीय

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बायज़ीद प्रथम और मुराद द्वितीय के बीच अंतर

बायज़ीद प्रथम vs. मुराद द्वितीय

बायज़ीद प्रथम, (بايزيد اول; 1.; उपनाम Yıldırım यिलदरम (उस्मानी तुर्कीयाई: یلدیرم), "बिजली, वज्र"; 1360 – 8 मार्च 1403) 1389 से 1402 तक उस्मानिया साम्राज्य के चौथे शासक रहे। उन्होंने अपने वालिद मुराद प्रथम के बाद राजकीय शक्ति संभाली जो प्रथम कोसोवो युद्ध में मारे गए थे। उनके साम्राज्य-विस्तार और सैन्य अभियानों की वजह से बायज़ीद को ख़िताब "सुल्तान-ए रूम" (रोम के सम्राट) हासिल था। . मुराद द्वितीय द्वितीय मुराद का राजकीय तुग़रा मुराद द्वितीय कोजा (जून 1404 – 3 फ़रवरी 1451) (उस्मानी तुर्कीयाई: مراد ثانى मुराद-इ सानी, तुर्कीयाई:II. Murat) 1421 से 1451 तक और 1444 से 1446 तक उस्मानिया के सुल्तान रहे। अठारह साल की उम्र में, उनके पिता महमद प्रथम की मौत के बाद, मुराद द्वितीय विराजमान हो गए। उनके शासनकाल को बाल्कन के ईसाई जनजातियाँ और अनातोलिया के अन्य तुर्क अमीरातों के साथ 25 साल का लम्बा युद्ध द्वारा चिह्नित किया गया था। 1450–1451 की सर्दी में मुराद बीमार हो गए और एदिर्ने में उनका देहांत हुआ। इसके बाद उनके बेटे महमद द्वितीय विराजमान हुए। .

बायज़ीद प्रथम और मुराद द्वितीय के बीच समानता

बायज़ीद प्रथम और मुराद द्वितीय आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): महमद प्रथम, उस्मानी साम्राज्य

महमद प्रथम

दरबार में अपने उच्चपदधारियों के साथ बैठे हुए महमद प्रथम। उस्मानी लघु चित्रकला, इस्तांबुल विश्वविद्यालय में स्थित। महमद प्रथम (1381 – 26 मई 1421), महमद चलबी (چلبی محمد, "महान-जन्मे"), किरिश्जी (Kirişci यूनानी "किर्त्ज़ेस"/Kyrtzes से, मतलब: "जवान श्रीमन्त"), उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान और दूसरे संस्थापक थे। वे बायज़ीद प्रथम और दौलत ख़ातून के पुत्र थे। अंकरे के युद्ध में बायज़ीद यिल्दरम की अमीर तैमूर के हाथों पराजय और उस्मानिया साम्राज्य के टुकड़ों में विभाजित होने के बाद महमद प्रथम ने अदरना (आद्रियानोपल) में तख़्त संभाला और राजधानी बुर्सा से अदरना स्थानांतरित करके साम्राज्य को समाप्त होने से बचाया और विद्रोहों को ख़त्म करने के साथ-साथ अल्बानिया समेत कई इलाक़ों पर विजय हासिल करके अपने साम्राज्य में सम्मिलित किए। महमद प्रथम की उम्र निधन के वक़्त केवल 40 साल थी और उन्होंने सिर्फ़ 8 साल तक शासन किया। उनके मज़ार बुर्सा की हरी मस्जिद में स्थित है। .

बायज़ीद प्रथम और महमद प्रथम · महमद प्रथम और मुराद द्वितीय · और देखें »

उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

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बायज़ीद प्रथम और मुराद द्वितीय के बीच तुलना

बायज़ीद प्रथम 12 संबंध है और मुराद द्वितीय 7 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 10.53% है = 2 / (12 + 7)।

संदर्भ

यह लेख बायज़ीद प्रथम और मुराद द्वितीय के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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