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बाघ और सिमलिपाल राष्ट्रीय अभ्यारण्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बाघ और सिमलिपाल राष्ट्रीय अभ्यारण्य के बीच अंतर

बाघ vs. सिमलिपाल राष्ट्रीय अभ्यारण्य

बाघ जंगल में रहने वाला मांसाहारी स्तनपायी पशु है। यह अपनी प्रजाति में सबसे बड़ा और ताकतवर पशु है। यह तिब्बत, श्रीलंका और अंडमान निकोबार द्वीप-समूह को छोड़कर एशिया के अन्य सभी भागों में पाया जाता है। यह भारत, नेपाल, भूटान, कोरिया, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया में अधिक संख्या में पाया जाता है। इसके शरीर का रंग लाल और पीला का मिश्रण है। इस पर काले रंग की पट्टी पायी जाती है। वक्ष के भीतरी भाग और पाँव का रंग सफेद होता है। बाघ १३ फीट लम्बा और ३०० किलो वजनी हो सकता है। बाघ का वैज्ञानिक नाम पेंथेरा टिग्रिस है। यह भारत का राष्ट्रीय पशु भी है। बाघ शब्द संस्कृत के व्याघ्र का तदभव रूप है। . सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान भारत के ओडीशा राज्य के मयूरभंज अनुसूचित जिला में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है तथा एक हाथी अभयारण्य है। इस उद्यान का नाम सेमल या लाल कपास के पेड़ों की वजह से पड़ा है जो यहाँ बहुतायत में पाये जाते हैं। यह पार्क ८४५.७० वर्ग किलोमीटर (३२६.५३ वर्ग मील) के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें जोरांडा और बरेहीपानी जैसे खूबसूरत झरने हैं। इस उद्यान में ९९ बाघ, ४३२ हाथियों के अलावा गौर तथा चौसिंगे भी वास करते हैं। ओडिशा के मयूरभंज जिला मे अवस्थित मयूरभंज राज्य के पूर्ववर्ती शासकों का यह शिकार स्थल प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत शामिल किया गया है। 1956 में इसका चयन आधिकारिक रूप से टाइगर रिजर्व के लिए किया गया था। बारीपदा से 60 किलोमीटर दूर स्थित इसको वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया जो 2277.07 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। घने जंगलों, झरनों और पहाड़ियों से समृद्ध इस पार्क में विविध वन्यजीवों को नजदीक से देखा जा सकता है। बाघ, हिरन, हाथी और अन्य बहुत से जीव इस पार्क में मूलत: पाए जाते हैं। .

बाघ और सिमलिपाल राष्ट्रीय अभ्यारण्य के बीच समानता

बाघ और सिमलिपाल राष्ट्रीय अभ्यारण्य आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): प्रोजेक्ट टाईगर, भारत, हिरण, गौर

प्रोजेक्ट टाईगर

प्रोजेक्ट टाईगर (बाघ बचाओ परियोजना) की शुरुआत ७ अप्रैल १९७३ को हुई थी। इसके अन्तर्गत आरम्भ में ९ बाघ अभयारण्य बनाए गए थे। आज इनकी संख्या बढ़कर ३२ हो गई है। सरकारी आकडों के अनुसार वर्तमान में १४११ बाघ बचे हुए है। यह केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित परियोजना है। अंगूठाकार वैज्ञानिक, आर्थिक, सौंदर्यपरक, सांस्‍कृतिक और पारिस्‍थितिकीय दृष्‍टिकोण से भारत में बाघों की वास्‍तविक आबादी को बरकरार रखने के लिए तथा हमेशा के लिए लोगों की शिक्षा व मनोरंजन के हेतु राष्‍ट्रीय धरोहर के रूप में इसके जैविक महत्‍व के क्षेत्रों को परिरक्षित रखने के उद्देश्‍य से केंद्र द्वारा प्रायोजित बाघ परियोजना वर्ष १९७३ में शुरू की गई थी। राष्‍ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण तथा बाघ व अन्‍य संकटग्रस्‍त प्रजाति अपराध नियंत्रण ब्‍यूरो के गठन संबंधी प्रावधानों की व्‍यवस्‍था करने के लिए वन्‍यजीव (संरक्षण) अधिनियम १९७२ में संशोधन किया गया। बाघ अभयारण्‍य के भीतर अपराध के मामलों में सजा को और कड़ा किया गया। वन्‍यजीव अपराध में प्रयुक्‍त किसी भी उपकरण, वाहन अथवा शस्‍त्र को जब्‍त करने की व्‍यवस्‍था भी अधिनियम में की गई है। सेवानिवृत्त सैनिकों और स्‍थानीय कार्यबल तैनात करके १७ बाघ अभ्‍यारण्‍यों को शत-प्रतिशत अतिरिक्‍त केंद्रीय सहायता प्रदान की गई। मुख्‍यमंत्री की अध्‍यक्षता में राज्‍य स्तरीय संचालन समिति का गठन किया गया और बाघ संरक्षण फाउंडेशन की स्‍थापना की गई। संसद के समक्ष वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट रखी गई। अभ्‍यारण्‍य प्रबंधन में संख्‍यात्‍मक मानकों को सुनिश्‍चित करने के साथ-साथ बाघ संरक्षण को सुदृढ़ करने के लिए ४-९-२००६ से राष्‍ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया गया।by-Sparsh Dubey(Sparky) वन्‍यजीवों के अवैध व्‍यापार को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए पुलिस, वन, सीमा शुल्‍क और अन्‍य प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों से युक्‍त एक बहुविषयी बाघ तथा अन्‍य संकटग्रस्‍त प्रजाति अपराध नियंत्रण ब्‍यूरो (वन्‍यजीव अपराध नियंत्रण ब्‍यूरो), की स्‍थापना ६-६-२००७ को की गई थी। आठ नए बाघ अभ्‍यारण्‍यों की घोषणा के लिए अनुमोदन स्‍वीकृत हो गया है। बाघ संरक्षण को और अधिक मजबूत बनाने के लिए राज्‍यों को बाघ परियोजना के संशोधित दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिनमें चल रहे कार्यकलापों के साथ ही बाघ अभ्‍यारण्‍य के मध्‍य या संवेदनशील क्षेत्र में रहने वाले लोगों के संबंधित ग्राम पुनर्पहचान/पुनर्वास पैकेज (एक लाख रुपए प्रति परिवार से दस लाख रुपए प्रति परिवार) को धन सहायता देने, परंपरागत शिकार और मुख्‍यधारा में आय अर्जित करने तथा बाघ अभ्‍यारण्‍य से बाहर के वनों में वन्‍यजीव संबंधी चीता और बाघों के क्षेत्रों में किसी भी छेड़छाड़ को रोकने संबंधी रक्षात्‍मक रणनीति को अपना कर बाघ कोरीडोर संरक्षण का सहारा लेते हुए समुदायों के पुनर्वास/पुनर्स्‍थापना संबंधी कार्यकलाप शामिल हैं। बाघों का अनुमान लगाने के लिए एक वैज्ञानिक तरीका अपनाया गया। इस नये तरीके से अनुमानतया ९३६९७ कि॰मी॰ क्षेत्र को बाघों के लिए संरक्षित रखा गया है। उस क्षेत्र में बाघों की संख्‍या अनुमानतया १४११ है, अधिकतम १६५७ और नई वैज्ञानिक विधि के अनुसार न्‍यूनतम ११६५है। इस अनुमान/आकलन के नतीजे भविष्‍य में बाघों के संरक्षण की रणनीति बनाने में बहुत उपयोगी सिद्ध होंगे। भारत ने चीन के साथ बाघ संरक्षण संबंधी समझौता किया है। इसके अलावा वन्‍यजीवों के अवैध व्‍यापार के बारे में सीमापार नियंत्रण और संरक्षण के संबंध में नेपाल के साथ एक समझौता किया है। बाघ संरक्षण संबंधी अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए बाघ पाए जाने वाले देशों में एक ग्लोबल टाइगर फोरम का गठन किया गया है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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हिरण

right एक हिरण एक सर्विडे परिवार का रूमिनंट स्तनपायी जन्तु है। हिरण Cervidae परिवार के सदस्य हैं। एक मादा हिरण एक हरिणी कहा जाता है। एक पुरुष एक हिरन कहा जाता है। हिरण की प्रजातियों में से कई किस्में हैं। हिरण दुनिया भर के कई महाद्वीपों पर पाए जाते हैं। यह स्तनधारी प्रजातियों आमतौर पर वन निवास में रह पाया है। बक्स करने के लिए सींग है करते हैं। डो सींग का अधिकारी नहीं करते हैं। हिरण भी खुरों के अधिकारी। Animals of Hindustan small deer and cows called gīnī, from Illuminated manuscript Baburnama (Memoirs of Babur) श्रेणी:हिरण श्रेणी:स्तनधारी.

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गौर

गौर (Bos gaurus, पहले Bibos gauris) दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया मे पाया जाने वाला एक बड़ा, काले लोम से ढका गोजातीय पशु है। आज इसकी सबसे बड़ी आबादी भारत में पाई जाती हैं। गौर जंगली मवेशियों मे से सबसे बड़ा होता है। पालतू गौर 'गायल' या 'मिथुन' कहलाता है। भारत के भिन्न भिन्न भागों में इसका भिन्न भिन्न स्थानीय नाम है, जैसे गौरी गाय, बोदा, गवली इत्यादि। यह बोविडी कुल (Bavidae Family) के शफ गण (Order Ungulate) का एक जंगली स्तनपोषी शाकाहारी पशु है। गवल भारत प्रायद्वीप, असम, बर्मा, मलाया प्रायद्वीप तथा स्याम के पहाड़ी वनों में पाया जाता है। इसका सर्वोत्तम विकास दक्षिण भारतीय पहाड़ियों तथा असम में होता है। किसी समय यह प्राणी श्रीलंका में भी प्राप्य था, किंतु अब वहां से, संभवत: किसी पशुरोग के ही कारण लुप्त हो गया है। यूरोपीय शिकारी गौर को 'बाइसन' (Bison / एक प्रकार का जंगली भैंसा) कहते हैं, परंतु भारतीय गवल को बाइसन कहना ठीक प्रतीत नहीं होता। वस्तुत: यूरोप तथा उत्तरी अमरीका के बाइसन भारतीय गवल से भिन्न होते हैं। पाश्चात्य बाइसनों की सीगें छोटी और रूक्ष दाढ़ियाँ हाती हैं। .

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बाघ और सिमलिपाल राष्ट्रीय अभ्यारण्य के बीच तुलना

बाघ 36 संबंध है और सिमलिपाल राष्ट्रीय अभ्यारण्य 12 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 8.33% है = 4 / (36 + 12)।

संदर्भ

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