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बहुव्यक्तित्व विकार और बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बहुव्यक्तित्व विकार और बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) के बीच अंतर

बहुव्यक्तित्व विकार vs. बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया)

बहुव्यक्तित्व विकार व्यक्तित्व की दो परस्परविरोधी अथवा सर्वथा भिन्न शैलियों का उसकी एक ही इकाई में अपनी पृथक्‌ सत्ता सुरक्षित रखते हुए, इकट्ठे रहने का बोध द्विव्यक्तित्व (Dual Personality) है। एक ही व्यक्ति के घेरे में रहकर भी ये अपने में सुसंबद्ध एवं व्यवस्थित होते हैं; एक दूसरे के प्रति तटस्थ एवं विस्मृत रहते हैं। जब एक व्यक्तित्व-खंड चेतना के धरातल पर सक्रिय रहता हैं तो दूसरे की स्मृति नहीं रहती, यद्यपि स्मृति के मामले में अपवाद भी होते हैं। अपने ही भिन्न स्वरूपबोधों की असंपृक्तता व्यवहार में प्रकट होकर लोगों को अचरज में डाल देती है। सर्वथा विरोधी आचरणों से उसके सामाजिक संबंध लगातार बाधित एवं व्यतिक्रमित होते हैं, टूट जाते हैं। द्विव्यक्तित्वधारी, मानसिक चिकित्सा का एक नैदानिक विषय (पैथालाजिकल केस) बन जाता है। ये व्यक्तित्व-खंड दो से ज्यादा भी होते है। इनके कई नाम भी चलते हैं- बहुव्यक्तित्व (मल्टिपुल पर्सनैलिटी), खंडित व्यक्तित्व (स्प्लिट पर्सनैलिटी); असंपृक्त व्यक्तित्व (Dissociative personality), एकांतरित तथा स्थानांतरित (आल्टर्नेंट तथा डिस्प्लेस्ड) व्यक्तित्व आदि। लोककथाओं तथ साहित्य में ऐसे व्यक्तित्व परिवर्तन के दृष्टांत मिलते हैं। राबर्ट लुई सटीवेंसन के प्रसिद्ध उपन्यास 'डॉ॰ जोकिल ऐंड मि. एक चिकित्सा निदान के रूप में, बाल यौन शोषण पीडोफिलिया (या पेडोफिलिया), को आमतौर पर वयस्कों या बड़े उम्र के किशोरों (16 या उससे अधिक उम्र) में मानसिक विकार के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो गैर-किशोर बच्चों (आमतौर पर 13 साल या उससे कम उम्र, हालांकि किशोरवय का समय भिन्न हो सकता है) के प्रति प्राथमिक या विशेष यौन रूचि द्वारा चरितार्थ होता है। 16 या उससे अधिक उम्र के किशोर शोषकों के मामले में बच्चे को कम से कम पांच साल छोटा होना चाहिए.

बहुव्यक्तित्व विकार और बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) के बीच समानता

बहुव्यक्तित्व विकार और बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): मनोविकार

मनोविकार

मनोविकार (Mental disorder) किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य की वह स्थिति है जिसे किसी स्वस्थ व्यक्ति से तुलना करने पर 'सामान्य' नहीं कहा जाता। स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में मनोरोगों से ग्रस्त व्यक्तियों का व्यवहार असामान्‍य अथवा दुरनुकूली (मैल एडेप्टिव) निर्धारित किया जाता है और जिसमें महत्‍वपूर्ण व्‍यथा अथवा असमर्थता अन्‍तर्ग्रस्‍त होती है। इन्हें मनोरोग, मानसिक रोग, मानसिक बीमारी अथवा मानसिक विकार भी कहते हैं। मनोरोग मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन की वजह से पैदा होते हैं तथा इनके उपचार के लिए मनोरोग चिकित्सा की जरूरत होती है। .

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बहुव्यक्तित्व विकार और बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) के बीच तुलना

बहुव्यक्तित्व विकार 5 संबंध है और बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) 18 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.35% है = 1 / (5 + 18)।

संदर्भ

यह लेख बहुव्यक्तित्व विकार और बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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