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बहु-प्रतिभा सिद्धांत और सिद्धांत (थिअरी)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बहु-प्रतिभा सिद्धांत और सिद्धांत (थिअरी) के बीच अंतर

बहु-प्रतिभा सिद्धांत vs. सिद्धांत (थिअरी)

बहु-प्रतिभा का सिद्धान्त (theory of multiple intelligences), लोगों एवं उनकी विभिन्न प्रकार की प्रतिभाओं (तार्किक, दृश्य संबंधी, संगीत आदि) के बारे में हार्वर्ड गार्डनर का एक मनोवैज्ञानिक सिद्धांत है जिसे उन्होने सन् १९८३ में प्रतिपादित किया। इस सिद्धान्त के द्वारा बुद्धि की अवधारणा (कांसेप्ट) को और अधिक शुद्धता से परिभाषित किया गया है और यह देखने की कोशिश की गयी है कि बुद्धि को मापने के लिये पहले से मौजूद सिद्धान्त किस सीमा तक वैज्ञानिक हैं। . सिद्धांत, सिद्धि का अंत है। यह वह धारणा है जिसे सिद्ध करने के लिए, जो कुछ हमें करना था वह हो चुका है और अब स्थिर मत अपनाने का समय आ गया है। धर्म, विज्ञान, दर्शन, नीति, राजनीति सभी सिद्धांत की अपेक्षा करते हैं। .

बहु-प्रतिभा सिद्धांत और सिद्धांत (थिअरी) के बीच समानता

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बहु-प्रतिभा सिद्धांत और सिद्धांत (थिअरी) के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख बहु-प्रतिभा सिद्धांत और सिद्धांत (थिअरी) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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