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बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ और रेडियल वेग

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ और रेडियल वेग के बीच अंतर

बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ vs. रेडियल वेग

खगोलिकी में कोई भी ग्रह दूर से देखे जाने पर अपने पितृ तारे (जिसके इर्द-गिर्द वह कक्षा या ऑरबिट में हो) की कांति के सामने लगभग अदृश्य होता है। उदाहरण के लिए हमारा सूर्य हमारे सौर मंडल के किसी भी ग्रह से एक अरब गुना से भी अधिक चमक रखता है। वैसे भी ग्रहों की चमक केवल उनके द्वारा अपने पितृतारे के प्रकाश के प्रतिबिम्ब से ही आती है और पितृग्रह की भयंकर चमके के आगे धुलकर ग़ायब-सी हो जाती है। यही कारण है कि बहुत ही कम मानव-अनवेषित बहिर्ग्रह (यानि हमारे सौर मंडल से बाहर स्थित ग्रह) सीधे उनकी छवि देखे जाने से पाए गए हैं। इसकी बजाय लगभग सभी ज्ञात बहिर्ग्रह परोक्ष विधियों से ढूंढे गए हैं, और खगोलज्ञों ऐसी विधियों का तीव्रता से विस्तार कर रहे हैं।Stuart Shaklan. रेडियल वेग को मापकर ग़ैर-सौरीय ग्रह ढूंढें जाते हैं - जब कोई अनदेखा ग्रह किसी तारे की परिक्रमा करता है तो वह तारा भी उसके गुरुत्वाकर्षक प्रभाव से हिलता है - यदि किसी तारे में लालिमा-नीलिमा का बढ़ता-घटता नियमानुसार क्रम ज्ञात हो जाए तो वह उसकी परिक्रमा करते ग्रह का संकेत होता है रेडियल वेग या त्रिज्या वेग (radial velocity) किसी वस्तु के उस वेग को कहते हैं जो सीधा किसी दर्शक की तरफ़ या उस से उल्टी तरफ़ हो। अगर दर्शक कहीं स्थित हो और वस्तु हिल रही हो तो रेडियल वेग उस वस्तु के पूर्ण वेग का केवल वह हिस्सा है जो उस वस्तु को दर्शक के पास ला रहा है या उस से दूर ले जा रहा है। इसमें से उस वेग का भाग हटा दिया जाता है तो वस्तु को दर्शक के दाई या बाई ओर ले जा रहा हो। खगोलशास्त्र में अक्सर किसी खगोलीय वस्तु के रेडियल वेग का अनुमान स्पेक्ट्रोस्कोपी द्वारा वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) का अध्ययन करके लगाया जाता है। डॉप्लर प्रभाव के कारण दूर जाती वस्तुओं का वर्णक्रम में अधिक लालिमा आ जाती है जबकि पास आती वस्तुओं के वर्णक्रम में अधिक नीलिमा आ जाती है। दूरबीन द्वारा खगोलीय अध्ययन करके भी रेडियल वेग का बिना वर्णक्रम का प्रयोग करे भी अंदाज़ा लगाया जा सकता है।, Lucy-Ann Adams McFadden, Paul Robert Weissman, Torrence V. Johnson, pp.

बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ और रेडियल वेग के बीच समानता

बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ और रेडियल वेग आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): डॉप्लर प्रभाव, वर्णक्रम, खगोल शास्त्र

डॉप्लर प्रभाव

जब किसी ध्वनि स्रोत और श्रोता के बीच आपेक्षिक गति होती है तो श्रोता को जो ध्वनि सुनाई पड़ती है उसकी आवृत्ति मूल आवृति से कम या अधिक होती है। इसी को डॉप्लर प्रभाव (Doppler effect) कहते हैं। श्रेणी:भौतिकी श्रेणी:भौतिक शब्दावली श्रेणी:तरंग यान्त्रिकी.

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वर्णक्रम

एक इन्द्रधनुष के अनगिनत रंग एक वर्णक्रम में व्यवस्थित होते हैं एक तारे के प्रकाश के वर्णक्रम से उस तारे का तापमान और बनावट अनुमानित किया जा सकता है वर्णक्रम या स्पॅकट्रम (spectrum) किसी चीज़ की एक ऐसी व्यवस्था होती है जिसमें उस चीज़ की विविधताएँ किसी गिनती की श्रेणियों में सीमित न हों बल्कि किसी संतात्यक (कन्टिन्यम) में अनगिनत तरह से विविध हो सके। "स्पॅकट्रम" शब्द का इस्तेमाल सब से पहले दृग्विद्या (ऑप्टिक्स) में किया गया था जहाँ इन्द्रधनुष के रंगों में अनगिनत विविधताएँ देखी गयीं। .

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खगोल शास्त्र

चन्द्र संबंधी खगोल शास्त्र: यह बडा क्रेटर है डेडलस। १९६९ में चन्द्रमा की प्रदक्षिणा करते समय अपोलो ११ के चालक-दल (क्रू) ने यह चित्र लिया था। यह क्रेटर पृथ्वी के चन्द्रमा के मध्य के नज़दीक है और इसका व्यास (diameter) लगभग ९३ किलोमीटर या ५८ मील है। खगोल शास्त्र, एक ऐसा शास्त्र है जिसके अंतर्गत पृथ्वी और उसके वायुमण्डल के बाहर होने वाली घटनाओं का अवलोकन, विश्लेषण तथा उसकी व्याख्या (explanation) की जाती है। यह वह अनुशासन है जो आकाश में अवलोकित की जा सकने वाली तथा उनका समावेश करने वाली क्रियाओं के आरंभ, बदलाव और भौतिक तथा रासायनिक गुणों का अध्ययन करता है। बीसवीं शताब्दी के दौरान, व्यावसायिक खगोल शास्त्र को अवलोकिक खगोल शास्त्र तथा काल्पनिक खगोल तथा भौतिक शास्त्र में बाँटने की कोशिश की गई है। बहुत कम ऐसे खगोल शास्त्री है जो दोनो करते है क्योंकि दोनो क्षेत्रों में अलग अलग प्रवीणताओं की आवश्यकता होती है, पर ज़्यादातर व्यावसायिक खगोलशास्त्री अपने आप को दोनो में से एक पक्ष में पाते है। खगोल शास्त्र ज्योतिष शास्त्र से अलग है। ज्योतिष शास्त्र एक छद्म-विज्ञान (Pseudoscience) है जो किसी का भविष्य ग्रहों के चाल से जोड़कर बताने कि कोशिश करता है। हालाँकि दोनों शास्त्रों का आरंभ बिंदु एक है फिर भी वे काफ़ी अलग है। खगोल शास्त्री जहाँ वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग करते हैं जबकि ज्योतिषी केवल अनुमान आधारित गणनाओं का सहारा लेते हैं। .

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बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ और रेडियल वेग के बीच तुलना

बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ 28 संबंध है और रेडियल वेग 7 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 8.57% है = 3 / (28 + 7)।

संदर्भ

यह लेख बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ और रेडियल वेग के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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