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बहादुर शाह ज़फ़र और शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बहादुर शाह ज़फ़र और शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली के बीच अंतर

बहादुर शाह ज़फ़र vs. शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली

बहादुर शाह ज़फ़र बहादुर शाह ज़फर (1775-1862) भारत में मुग़ल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह थे और उर्दू के माने हुए शायर थे। उन्होंने १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सिपाहियों का नेतृत्व किया। युद्ध में हार के बाद अंग्रेजों ने उन्हें बर्मा (अब म्यांमार) भेज दिया जहाँ उनकी मृत्यु हुई। . शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय नई दिल्ली में स्थित है। इस संग्रहालय की स्थापना मशहूर कार्टूनिस्ट के शंकर पिल्लई-(१९०२-१९८९) ने की थी। यहाँ विभिन्न परिधानों में सजी गुड़ियों का संग्रह विश्व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है। यह संग्रहालय बहादुर शाह जफर मार्ग पर चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट के भवन में स्थित है। इस गुड़िया घर के निर्माण के पीछे एक रोचक घटना है। जवाहरलाल नेहरू जब देश के प्रधानमंत्री थे तो देश के प्रसिद्ध कार्टूनिष्ट के० शंकर पिल्लै उनके साथ जाने वाले पत्रकारों के दल के सदस्य थे। वे हर विदेश यात्रा में नेहरू जी के साथ जाया करते थे। कार्टूनिष्ट के० शंकर पिल्लै की रुचि गुड़ियों में थी। वे प्रत्येक देश की तरह-तरह की गुड़ियाँ एकत्र किया करते थे। धीरे-धीरे उनके पास ५०० तरह की गुड़ियाँ इकट्ठी हो गईं। वे चाहते थे कि इन गुड़ियों को देश भर के बच्चे देखें। उन्होंने जगह-जगह अपने कार्टूनों की प्रदर्शनी के साथ-साथ इन गुड़ियों की भी प्रदर्शनी लगाई। बार-बार गुड़ियों को लाने ले जाने में कई गुड़ियाँ टूट फूट जाती थीं। एक बार पं० नेहरू अपनी बेटी इन्दिरा गाँधी के साथ प्रदर्शनी देखने गए। गुड़ियों को देखकर वे बहुत खुश हुए। उसी समय शंकर ने गुड़ियों को लाने ले जाने में होने वाली परेशानी की ओर नेहरू जी का ध्यान खींचा। चाचा नेहरू ने गुड़ियों के लिए एक स्थाई घर का सुझाव दिया। दिल्ली में जब चिल्ड्रन्स बुक ट्रस्ट के भवन का निर्माण हुआ तो उसके एक भाग में गुड़ियों के लिए उनका घर बनाया गया। इस तरह दुनिया भर की गुड़ियों को रहने के लिए एक अनोखा घर मिल गया। दिल्ली में बहादुरशाह जफर मार्ग पर बने इस संग्रहालय का नाम "गुड़िया घर" है। यहाँ विभिन्न परिधानों में सजी गुडि़यों का संग्रह विश्व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है। ५१८४.५ वर्ग फुट आकार वाले इस संग्रहालय में १००० फीट की लम्बाई में दीवारों पर १६० से अधिक काँच के केस बने हुए हैं। यह संग्रहालय दो हिस्सों में बँटा है। एक हिस्से में यूरोपियन देशों, इंग्लैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, राष्ट्र मंडल देशों की गुडि़याँ रखी गई हैं। दूसरे भाग में एशियाई देशों, मध्यपूर्व, अफ्रीका और भारत की गुडि़याँ प्रदर्शित की गई हैं। इन गुड़ियों को खूब सजाकर रखा गया है। इस गुड़िया घर का प्रारम्भ १००० गुड़ियों से हुआ था। वर्तमान समय में यहाँ ८५ देशों की करीब ६५०० गुडि़यों का संग्रह देखा जा सकता है। यह संग्रहालय सुबह १० बजे से शाम ६ बजे तक दर्शकों के लिए खुला रहता है। प्रवेश शुल्क बड़ों के लिए १५ रुपए प्रति व्यक्ति तथा बच्चों के लिए ५ रुपए है। बच्चे यदि २० के समूह में गुड़िया घर देखने आयें तो प्रति बच्चे के लिए टिकिट का मूल्य मात्र ३ रुपए है। सोमवार को गुड़िया घर बंद रहता है। .

बहादुर शाह ज़फ़र और शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली के बीच समानता

बहादुर शाह ज़फ़र और शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): दिल्ली, भारत

दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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बहादुर शाह ज़फ़र और शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली के बीच तुलना

बहादुर शाह ज़फ़र 26 संबंध है और शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली 24 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.00% है = 2 / (26 + 24)।

संदर्भ

यह लेख बहादुर शाह ज़फ़र और शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: