बर्बर भाषाएँ और लहजा (भाषाविज्ञान)
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
बर्बर भाषाएँ और लहजा (भाषाविज्ञान) के बीच अंतर
बर्बर भाषाएँ vs. लहजा (भाषाविज्ञान)
अल्जीरिया के तीज़ी ऊज़ू विश्वविद्यालय में अरबी, बर्बरी और फ़्रांसिसी में लिखे त्रिभाषीय चिन्ह उत्तर अफ़्रीका के बर्बरी उपभाषाएँ बोलने वाले क्षेत्र - शिल्हा (हल्का नीला), कबाइली (लाल), मध्य तैमैज़िग़्त (गुलाबी), तरीफ़ित (पीला), शाविया (हरा), तुआरग (गाढ़ा नीला), नख़लिस्तान क्षेत्र (ओएसिस के क्षेत्र - नारंगी) अरबी और बर्बरी में लिखा एक द्विभाषीय सड़क चिन्ह - अरबी लिपि में 'कफ़' और तिफ़िनग़ लिपि में 'बॅद' लिखा है, जिनका अर्थ है 'रुको!' सहारा रेगिस्तान के उत्तरपूर्वी भाग में चट्टानों पर बर्बरी की ऐसी प्राचीन लिखईयाँ अक्सर मिल जाती हैं यूबा उर्फ़ मूसा हब्बूब एक मशहूर बर्बरीभाषीय गायक हैं - यहाँ मई 2010 में इटली में गाते हुए - उनके पीछे बर्बर लोगों का ध्वज लगा हुआ है बर्बर भाषाएँ (बर्बर नाम: ⵜⴰⵎⴰⵣⵉⵖⵜ, तैमैज़िग़्त) उत्तर अफ़्रीका के बर्बर लोगों की मूल भाषाएँ हैं। . भाषाविज्ञान में लहजा (अंग्रेज़ी: accent, एक्सेंट) बोलचाल में उच्चारण के उस तरीक़े को कहते हैं जिसका किसी व्यक्ति, स्थान, समुदाय या देश से विशेष सम्बन्ध हो। उदहारण के तौर पर कुछ दक्षिण-पूर्वी हिंदी क्षेत्र के ग्रामीण स्थानों में लोग 'श' की जगह पर 'स' बोलते हैं, जिसकी वजह से वह 'शहर' और 'अशोक' की जगह 'सहर' और 'असोक' बोलतें हैं - इसे उस क्षेत्र का देहाती लहजा कहा जा सकता है। व्यक्तिगत स्तर पर तुतलाने को भी एक बोलने का लहजा कहा जा सकता है।, Anne Betten et al (editors), pp.
बर्बर भाषाएँ और लहजा (भाषाविज्ञान) के बीच समानता
बर्बर भाषाएँ और लहजा (भाषाविज्ञान) आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या बर्बर भाषाएँ और लहजा (भाषाविज्ञान) लगती में
- यह आम बर्बर भाषाएँ और लहजा (भाषाविज्ञान) में है क्या
- बर्बर भाषाएँ और लहजा (भाषाविज्ञान) के बीच समानता
बर्बर भाषाएँ और लहजा (भाषाविज्ञान) के बीच तुलना
बर्बर भाषाएँ 18 संबंध है और लहजा (भाषाविज्ञान) 2 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (18 + 2)।
संदर्भ
यह लेख बर्बर भाषाएँ और लहजा (भाषाविज्ञान) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: