बन्दी प्रत्यक्षीकरण और वाइमर गणराज्य
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
बन्दी प्रत्यक्षीकरण और वाइमर गणराज्य के बीच अंतर
बन्दी प्रत्यक्षीकरण vs. वाइमर गणराज्य
बंदी प्रत्यक्षीकरण (लातिनी: habeas corpus, हेबियस कॉर्पस, "(हमारा आदेश है कि) आपके पास शरीर है") एक प्रकार का क़ानूनी आज्ञापत्र (writ, रिट) होता है जिसके द्वारा किसी ग़ैर-क़ानूनी कारणों से गिरफ़्तार व्यक्ति को रिहाई मिल सकती है। बंदी प्रत्यक्षीकरण आज्ञापत्र अदालत द्वारा पुलिस या अन्य गिरफ़्तार करने वाली राजकीय संस्था को यह आदेश जारी करता है कि बंदी को अदालत में पेश किया जाए और उसके विरुद्ध लगे हुए आरोपों को अदालत को बताया जाए। यह आज्ञापत्र गिरफ़्तार हुआ व्यक्ति स्वयं या उसका कोई सहयोगी (जैसे कि उसका वकील) न्यायलय से याचना करके प्राप्त कर सकता है। पुराने ज़माने में पुलिस पर कोई लगाम नहीं थी और वे किसी भी साधारण नागरिक को गिरफ़्तार कर लें तो किसी को भी जवाबदेह नहीं होते थे। बंदी प्रत्यक्षीकरण का सिद्धांत ऐसी मनमानियों पर रोक लगाकर साधारण नागरिकों को सुरक्षा देता है। मूलतः यह अंग्रेज़ी कानून में उत्पन्न हुई एक सुविधा थी जो अब विश्व के कई देशों में फैल गई है। ब्रिटिश विधिवेत्ता अल्बर्ट वेन डाईसी ने लिखा है कि बंदी प्रत्यक्षीकरण के अधिनियमों "में कोई सिद्धांत घोषित नहीं और कोई अधिकार परिभाषित नहीं, लेकिन वास्तव में ये व्यक्तिगत स्वतंत्रता की ज़मानत देने वाले सौ संवैधानिक अनुच्छेदों की बराबरी रखते हैं।" अधिकांश देशों में बंदी प्रत्यक्षीकरण की प्रक्रिया को राष्ट्रीय आपातकाल के समय में निलंबित किया जा सकता है। अधिकांश नागरिक कानून न्यायालयों में, तुलनीय प्रावधान मौजूद हैं, परन्तु उन्हें "बंदी प्रत्यक्षीकरण" नहीं कहा जा सकता है। बंदी प्रत्यक्षीकरण का प्रादेश "असाधारण", "आम कानून", या "परमाधिकार प्रादेश" कहे जाने वालों में से एक है, जो न्यायालय द्वारा राष्ट्र के भीतर अधीन न्यायालयों और सार्वजनिक अधिकारियों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से राजा के नाम पर ऐतिहासिक रूप से जारी किया जाता था। अन्य ऐसे परमाधिकार प्रादेशों में सबसे आम है क्वो वारंटो (अधिकारपृच्छा प्रादेश), प्रोहिबिटो (निषेधादेश), मेंडेमस (परमादेश), प्रोसिडेंडो और सरोरि (उत्प्रेषणादेश). वाइमर गणराज्य) इतिहासकारों द्वारा जर्मनी की उस प्रतिनिधिक लोकतांत्रिक संसदीय सरकार को दिया हुआ नाम है जिसने जर्मनी में प्रथम विश्वयुद्ध के बाद १९१९ से १९३३ तक शाही सरकार के बदले में कार्यभार संभाला था। इसका नाम उस जगह से पड़ा जहाँ संवैधानिक सदन का गठन किया गया और वहीं यह पहली बार एकत्रित हुआ। वैसे जर्मनी का उस समय औपचारिक नाम जर्मन राइख ही था। नवंबर १९१८ में प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् यह गणराज्य जर्मन क्रांति की देन था। सन् १९१९ ई. में वाइमर में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया जहाँ जर्मन राइख (शासन) के लिए नया संविधान लिखा गया और उसी वर्ष के ११ अगस्त को अपना लिया गया। उदार लोकतंत्र का वह काल १९३० के दशक आने तक समाप्त हो चुका था, जिसके फलस्वरूप सन् १९३३ ई. अडोल्फ़ हिटलर तथा उसकी नाट्सी पार्टी का उत्थान हुआ। नाट्सी पार्टी द्वारा फ़रवरी से मार्च १९३३ को जो क़ानूनी हथकण्डे अपनाये गए उन्हें साधारणतः ग्लाइक्शालतुङ (समन्वय) कहा जाता है जिसका अर्थ था कि सरकार संविधान के विपरीत भी क़ानून बना सकती है। यह गणराज्य कागज पर सन् १९४५ ई. तक चलता रहा क्योंकि इसके द्वारा बनाये गए संविधान को औपचारिक रूप से कभी निरस्त किया ही नहीं गया हालांकि नाट्सियों द्वारा अपने शासनकाल के शुरुआत में जो कदम उठाये गये थे उनके अंतर्गत यह संविधान अप्रासंगिक हो चुका था। यही कारण है कि सन् १९३३ को वाइमर का अंत तथा हिटलर की तीसरी राइख का आरम्भ माना जाता है। .
बन्दी प्रत्यक्षीकरण और वाइमर गणराज्य के बीच समानता
बन्दी प्रत्यक्षीकरण और वाइमर गणराज्य आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): पहला विश्व युद्ध।
पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक मुख्य तौर पर यूरोप में व्याप्त महायुद्ध को कहते हैं। यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ़्रीका तीन महाद्वीपों और समुंदर, धरती और आकाश में लड़ा गया। इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र (जिसमें यह लड़ा गया) तथा इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध कहते हैं। पहला विश्व युद्ध लगभग 52 माह तक चला और उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था। क़रीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अंदाज़न एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए। इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे। विश्व युद्ध ख़त्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी (हैप्सबर्ग) और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएँ फिर से निर्धारित हुई और अमेरिका निश्चित तौर पर एक 'महाशक्ति ' बन कर उभरा। .
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संदर्भ
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