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बंगाली साहित्य और भारतीय चित्रकला

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बंगाली साहित्य और भारतीय चित्रकला के बीच अंतर

बंगाली साहित्य vs. भारतीय चित्रकला

बँगला भाषा का साहित्य स्थूल रूप से तीन भागों में बाँटा जा सकता है - 1. '''भीमवेटका''': पुरापाषाण काल की भारतीय गुफा चित्रकला भारत मैं चित्रकला का इतिहास बहुत पुराना रहा हैं। पाषाण काल में ही मानव ने गुफा चित्रण करना शुरु कर दिया था। होशंगाबाद और भीमबेटका क्षेत्रों में कंदराओं और गुफाओं में मानव चित्रण के प्रमाण मिले हैं। इन चित्रों में शिकार, शिकार करते मानव समूहों, स्त्रियों तथा पशु-पक्षियों आदि के चित्र मिले हैं। अजंता की गुफाओं में की गई चित्रकारी कई शताब्दियों में तैय्यार हुई थी, इसकी सबसे प्राचिन चित्रकारी ई.पू.

बंगाली साहित्य और भारतीय चित्रकला के बीच समानता

बंगाली साहित्य और भारतीय चित्रकला आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): रबीन्द्रनाथ ठाकुर

रबीन्द्रनाथ ठाकुर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर (बंगाली: রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर) (७ मई, १८६१ – ७ अगस्त, १९४१) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। .

बंगाली साहित्य और रबीन्द्रनाथ ठाकुर · भारतीय चित्रकला और रबीन्द्रनाथ ठाकुर · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

बंगाली साहित्य और भारतीय चित्रकला के बीच तुलना

बंगाली साहित्य 49 संबंध है और भारतीय चित्रकला 127 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 0.57% है = 1 / (49 + 127)।

संदर्भ

यह लेख बंगाली साहित्य और भारतीय चित्रकला के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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