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फ्रांसिस जोजेफ प्रथम (आस्ट्रिया) और २ दिसम्बर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

फ्रांसिस जोजेफ प्रथम (आस्ट्रिया) और २ दिसम्बर के बीच अंतर

फ्रांसिस जोजेफ प्रथम (आस्ट्रिया) vs. २ दिसम्बर

फ्रैंज जोजेफ प्रथम (Franz Joseph I) या फ्रांसिस जोजेफ प्रथम (Francis Joseph I; (Franz Joseph I., I., Franjo Josip I, František Josef I, Francesco Giuseppe; 18 अगस्त 1830 – 21 नवम्बर 1916), आस्ट्रिया का सम्राट तथा हंगरी, क्रोशिया और बोहेमिया का राजा था। 1 मई 1850 से 24 अगस्त 1866 तक वह जर्मन कानफेडरेशन का अध्यक्ष भी रहा। आस्ट्रिया और हंगरी का सबसे लम्बी अवधि तक वह शासक था। इसके साथ ही यूरोपीय इतिहास का तृतीय सर्वाधिक लम्बी अवधि तक शासन करने वाला राजा था। फ्रांसिस जोज़ेफ़ के पिता का ना फ्रांसिस चार्ल्स था। उसकी शिक्षा धार्मिक वातावरण में बड़ी कठोरता से हुई। १८४८ ई. की यूरोपीय क्रांति के समय उसने रेडेट्ज़्की के नेतृत्व में इटली में सैनिक सेवा की। जब इस क्रांति का दमन कर दिया गया ते श्वार्जनवर्ग के नेतृत्व में एक प्रतिक्रियावादी मंत्रिमंडल बना। उसने फर्डिनंड प्रथम को सिंहासन छोड़ने का परामर्श दिया और उसके भतीजे फ्रांसिस जोज़ेफ़ को सम्राट् बनाया (२ दिसंबर, १८४८ ई.)। इस मंत्रिमंडल ने जर्मनी, इटली और हंगरी में, जो साम्राज्य के भाग थे, दमन का चक्र चलाया और आस्ट्रिया की संसद के अधिकार भी छीन लिए। फ्रांसिस जोज़ेफ़ ने सारी राजसत्ता अपने हाथ में ले ली। असंतोष को दूर करने के लिए उसने १८६० ई. में प्रांतीय विधानमंडलों को कुछ अधिकार दिए। १८६१ में उसने केंद्रीय संसद् की स्थापना की जिसको सभी प्रांतों से पारित कानूनों को स्वीकृत या अस्वीकृत करने का अधिकार दिया। इसके फलस्वरूप प्राय: सभी जर्मन प्रांत आस्ट्रिया के साम्राज्य से अलग हो गए और स्लाव जाति ने संघीय शासन की स्थापना की मांग की। ऐसी दशा में फ्रांसिस जोज़ेफ़ ने १८६७ में हंगरी से समझौता किया जिससे उसे आंतरिक मामलों में बहुत अधिकार मिल गए। जब १८७८ ई. में रूस ने टर्की पर अपना आधिपत्य जमाना चाहा तो ब्रिटेन के साथ फ्रांसिस जोजेफ़ ने भी इसका विरोध किया क्योंकि उसे भय था कि यदि स्लाव जाति को इस प्रकार प्रोत्साहन मिला तो उसका साम्राज्य छिन्न भिन्न हो जाएगा। बर्लिन सम्मेलन में आस्ट्रिया को टर्कीं के तीन प्रदेश प्रबंध करने के लिए मिले। १९०८ ई. में आस्ट्रिया ने इनमें से दो बोलिविया और हस्त्रिगोविना को अपने साम्राज्य में मिला लिया। १८८०-९० के बीच साम्राज्य के अनेक प्रांतों ने स्वायत्त शासन की माँग की किंतु फ्रांसिस जोज़ेफ़ ने उनकी इस मांग को स्वीकार न किया। संवैधानिक शासन में उसकी बिलकुल आस्था न थी। साम्राज्य की जातियों को संगठित रखना वह अपना प्रमुख कर्त्तव्य समझता था। उसी के भतीजे आर्क ड्यूक फ्रांसिस फर्डिनंड की १९१४ में हत्या के फलस्वरूप प्रथम विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ। वह जर्मन जाति से पूर्ण सहानुभूति रखता था, अत: उसने विश्वयुद्ध में जर्मनी की पूर्ण सहायता की। . 2 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 336वॉ (लीप वर्ष मे 337 वॉ) दिन है। साल में अभी और 29 दिन बाकी है। .

फ्रांसिस जोजेफ प्रथम (आस्ट्रिया) और २ दिसम्बर के बीच समानता

फ्रांसिस जोजेफ प्रथम (आस्ट्रिया) और २ दिसम्बर आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया

ब्रिटेन

ब्रिटेन शब्द का प्रयोग हालाँकि आम तौर पर हिंदी में संयुक्त राजशाही अर्थात् यूनाइटेड किंगडम देश का बोध करने के लिए होता है, परंतु इसका उपयोग अन्य सन्दर्भों के लिए भी हो सकता है.

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ऑस्ट्रिया

ऑस्ट्रिया (जर्मन: Österreich एओस्तेराइख़, अर्थात पूर्वी राज्य) मध्य यूरोप में स्थित एक स्थल रुद्ध देश है। इसकी राजधानी वियना है। इसकी (मुख्य- और राज-) भाषा जर्मन भाषा है। देश का ज़्यादातर हिस्सा ऐल्प्स पर्वतों से ढका हुआ है। यूरोपीय संघ के इस देश की मुद्रा यूरो है। इसकी सीमाएं उत्तर में जर्मनी और चेक गणराज्य से, पूर्व में स्लोवाकिया और हंगरी से, दक्षिण में स्लोवाकिया और इटली और पश्चिम में स्विटजरलैंड और लीश्टेनश्टाइन से मिलती है। इस देश का उद्भव नौवीं शताब्दी के दौरान ऊपरी और निचले हिस्से में आबादी के बढ़ने के साथ हुआ। Ostarrichi शब्द का पहले पहल इस्तेमाल 996 में प्रकाशित आधिकारिक लेख में किया गया, जो बाद में Österreich एओस्तेराइख़ में बदल गया। आस्ट्रिया में पूर्वी आल्प्स की श्रेणियाँ फैली हुई हैं। इस पर्वतीय देश का पश्चिमी भाग विशेष पहाड़ी है जिसमें ओट्जरस्टुवार्ड, जिलरतुल आल्प्स (१,२४६ फुट) आदि पहाड़ियाँ हैं। पूर्वी भाग की पहाड़ियां अधिक ऊँची नहीं हैं। देश के उत्तर पूर्वी भाग में डैन्यूब नदी पश्चिम से पूर्व को (३३० किमी लंबी) बहती है। ईन, द्रवा आदि देश की सारी नदियां डैन्यूब की सहायक हैं। उत्तरी पश्चिमी सीमा पर स्थित कांस्टैंस, दक्षिण पूर्व में स्थित न्यूडिलर तथा अतर अल्फ गैंग, आसे आदि झीलें देश की प्राकृतिक शोभा बढ़ाती हैं। आस्ट्रिया की जलवायु विषम है। यहां ग्रर्मियों में कुछ अधिक गर्मी तथा जाड़ों में अधिक ठंडक पड़ती है। यहां पछुआ तथा उत्तर पश्चिमी हवाओं से वर्षा होती है। आल्प्स की ढालों पर पर्याप्त तथा मध्यवर्ती भागों में कम पानी बरसता है। यहाँ की वनस्पति तथा पशु मध्ययूरोपीय जाति के हैं। यहाँ देश के ३८ प्रतिशत भाग में जंगल हैं जिनमें ७१ प्रतिशत चीड़ जाति के, १९ प्रतिशत पतझड़ वाले तथा १० प्रतिशल मिश्रित जंगल हैं। आल्प्स के भागों में स्प्रूस (एक प्रकार का चीड़) तथा देवदारु के वृक्ष तथा निचले भागों में चीड़, देवदारु तथा महोगनी आदि जंगली वृक्ष पाए जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि आस्ट्रिया का प्रत्येक दूसरा वृक्ष सरो है। इन जंगलों में हिरन, खरगोश, रीछ आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं। देश की संपूर्ण भूमि के २९ प्रतिशत पर कृषि होती है तथा ३० प्रतिशत पर चारागाह हैं। जंगल देश की बहुत बड़ी संपत्ति है, जो शेष भूमि को घेरे हुए है। लकड़ी निर्यात करनेवाले देशों में आस्ट्रिया का स्थान छठा है। ईजबर्ग पहाड़ के आसपास लोहे तथा कोयले की खानें हैं। शक्ति के साधनों में जलविद्युत ही प्रधान है। खनिज तैल भी निकाला जाता है। यहां नमक, ग्रैफाइट तथा मैगनेसाइट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। मैगनेसाइट तथा ग्रैफाइट के उत्पादन में आस्ट्रिया का संसार में क्रमानुसार दूसरा तथा चौथा स्थान है। तांबा, जस्ता तथा सोना भी यहां पाया जाता है। इन खनिजों के अतिरिक्त अनुपम प्राकृतिक दृश्य भी देश की बहुत बड़ी संपत्ति हैं। आस्ट्रिया की खेती सीमित है, क्योंकि यहां केवल ४.५ प्रतिशत भूमि मैदानी है, शेष ९२.३ प्रतिशत पर्वतीय है। सबसे उपजाऊ क्षेत्र डैन्यूब की पार्श्ववर्ती भूमि (विना का दोआबा) तथा वर्जिनलैंड है। यहां की मुख्य फसलें राई, जई (ओट), गेहूँ, जौ तथा मक्का हैं। आलू तथा चुकंदर यहां के मैदानों में पर्याप्त पैदा होते हैं। नीचे भागों में तथा ढालों पर चारेवाली फसलें पैदा होती हैं। इनके अतिरिक्त देश के विभिन्न भागों में तीसी, तेलहन, सन तथा तंबाकू पैदा किया जाता है। पर्वतीय फल तथा अंगूर भी यहाँ होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में पहाड़ों को काटकर सीढ़ीनुमा खेत बने हुए हैं। उत्तरी तथा पूर्वी भागों में पशुपालन होता है तथा यहाँ से वियना आदि शहरों में दूध, मक्खन तथा चीज़ पर्याप्त मात्रा में भेजा जाता है। जोरारलबर्ग देश का बहुत बड़ा संघीय पशुपालन केंद्र है। यहां बकरियां, भेड़ें तथा सुअर पर्याप्त पाले जाते हैं जिनसे मांस, दूध तथा ऊन प्राप्त होता है। आस्ट्रिया की औद्योगिक उन्नति महत्वपूर्ण है। लोहा, इस्पात तथा सूती कपड़ों के कारखाने देश में फैले हुए हैं। रासायनिक वस्तुएँ बनाने के बहुत से कारखाने हैं। यहाँ धातुओं के छोटे मोटे सामान, वियना में विविध प्रकार की मशीनें तथा कलपुर्जे बनाने के कारखाने हैं। लकड़ी के सामान, कागज की लुग्दी, कागज एवं वाद्यतंत्र बनाने के कारखाने यहां के अन्य बड़े धंधे हैं। जलविद्युत् का विकास खूब हुआ है। देश को पर्यटकों का भी पर्याप्त लाभ होता है। पहाड़ी देश होने पर भी यहाँं सड़कों (कुल सड़कें ४१,६४९ कि.मी.) तथा रेलवे लाइनों (५,९०८ कि.मी.) का जाल बिछा हुआ है। वियना यूरोप के प्राय: सभी नगरों से संबद्ध है। यहां छह हवाई अड्डे हैं जो वियना, लिंज, सैल्बर्ग, ग्रेज, क्लागेनफर्ट तथा इंसब्रुक में हैं। यहां से निर्यात होनेवाली वस्तुओं में इमारती लकड़ी का बना सामान, लोहा तथा इस्पात, रासायनिक वस्तुएं और कांच मुख्य हैं। विभिन्न विषयों की उच्चतम शिक्षा के लिए आस्ट्रिया का बहुत महत्व है। वियना, ग्रेज तथा इंसब्रुक में संसारप्रसिद्ध विश्वविद्यालय हैं। आस्ट्रिया में गणतंत्र राज्य है। यूरोप के ३६ राज्यों में, विस्तार के अनुसार, आस्ट्रिया का स्थान १९वाँ है। यह नौ प्रांतों में विभक्त है। वियना प्रांत में स्थित वियना नगर देश की राजधानी है। आस्ट्रिया की संपूर्ण जनसंख्या का १/४ भाग वियना में रहता है जो संसार का २२वाँ सबसे बड़ा नगर है। अन्य बड़े नगर ग्रेज, जिंज, सैल्जबर्ग, इंसब्रुक तथा क्लाजेनफर्ट हैं। अधिकांश आस्ट्रियावासी काकेशीय जाति के हैं। कुछ आलेमनों तथा बवेरियनों के वंशज भी हैं। देश सदा से एक शासक देश रहा है, अत: यहां के निवासी चरित्रवान् तथा मैत्रीपूर्ण व्यवहारवाले होते हैं। यहाँ की मुख्य भाषा जर्मन है। आस्ट्रिया का इतिहास बहुत पुराना है। लौहयुग में यहाँ इलिरियन लोग रहते थे। सम्राट् आगस्टस के युग में रोमन लोगों ने देश पर कब्जा कर लिया था। हूण आदि जातियों के बाद जर्मन लोगों ने देश पर कब्जा कर लिया था (४३५ ई.)। जर्मनों ने देश पर कई शताब्दियों तक शासन किया, फलस्वरूप आस्ट्रिया में जर्मन सभ्यता फैली जो आज भी वर्तमान है। १९१९ ई. में आस्ट्रिया वासियों की प्रथम सरकार हैप्सबर्ग राजसत्ता को समाप्त करके, समाजवादी नेता कार्ल रेनर के प्रतिनिधित्व में बनी। १९३८ ई. में हिटलर ने इसे महान् जर्मन राज्य का एक अंग बना लिया। द्वितीय विश्वयुद्ध में इंग्लैंड आदि देशों ने आस्ट्रिया को स्वतंत्र करने का निश्चय किया और १९४५ ई. में अमरीकी, ब्रितानी, फ्रांसीसी तथा रूसी सेनाओं ने इसे मुक्त करा लिया। इससे पूर्व अक्टूबर, १९४३ ई. की मास्को घोषणा के अंतर्गत ब्रिटेन, अमरीका तथा रूस आस्ट्रिया को पुन: एक स्वतंत्र तथा प्रभुसत्तासंपन्न राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित कराने का अपना निश्चय व्यक्त कर चुके थे। २७ अप्रैल, १९४५ को डा.

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फ्रांसिस जोजेफ प्रथम (आस्ट्रिया) और २ दिसम्बर के बीच तुलना

फ्रांसिस जोजेफ प्रथम (आस्ट्रिया) 8 संबंध है और २ दिसम्बर 70 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.56% है = 2 / (8 + 70)।

संदर्भ

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