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फ़्लोरिडा और महामन्दी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

फ़्लोरिडा और महामन्दी के बीच अंतर

फ़्लोरिडा vs. महामन्दी

फ्लोरिडा संयुक्त राज्य के दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में स्थित एक राज्य है, जिसके उत्तर-पश्चिमी सीमा पर अलाबामा और उत्तरी सीमा पर जॉर्जिया स्थित है।संयुक्त राज्य में शामिल होने वाला यह 27वां राज्य था। इस राज्य के भूस्थल का अधिकांश भाग एक बड़ा प्रायद्वीप है जिसके पश्चिम में मैक्सिको की खाड़ी और पूर्व में अटलांटिक महासागर है। साधारणतया इसकी गर्म जलवायु की वजह से इसे "सनशाइन स्टेट" के रूप में उपनामित किया गया है। इसके उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में उपोष्णकटिबंधीय एवं दक्षिणी भाग में उष्णकटिबंधीय जलवायु पाई जाती है। इस राज्य में चार बड़े शहरी क्षेत्र, कई छोटे-छोटे औद्योगिक नगर और बहुत से छोटे कस्बें हैं।संयुक्त राज्य के जनगणना विभाग (यूनाइटेड स्टेट्स सेंसस ब्यूरो) का अनुमान है कि 2008 में इस राज्य की जनसंख्या 18,328,340 थी और फ्लोरिडा, U.S. के चौथे सर्वाधिक आबादी वाले राज्य के रूप में श्रेणीत था। टलहसी, इस राज्य की राजधानी और मियामी सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। फ्लोरिडा के निवासियों को सटीक तौर पर "फ्लोरिडियन्स" के रूप में जाना जाता है। . इतिहास में महामंदी या भीषण मन्दी (द ग्रेट डिप्रेशन) (१९२९-१९३९) के नाम से जानी जाने वाली यह घटना एक विश्वव्यापी आर्थिक मंदी थी। यह सन १९२९ के लगभग शुरू हुई और १९३९-४० तक जारी रही। विश्व के आधुनिक इतिहास में यह सबसे बड़ी और सर्वाधिक महत्व की मंदी थी। इस घटना ने पूरी दुनिया में ऐसा कहर मचाया था कि उससे उबरने में कई साल लग गए। उसके बड़े व्यापक आर्थिक व राजनीतिक प्रभाव हुए। इससे फासीवाद बढ़ा और अंतत: द्वितीय विश्वयुद्ध की नौबत आई। हालांकि यही युद्ध दुनिया को महामंदी से निकालने का माध्यम भी बना। इसी दौर ने साहित्यकारों और फिल्मकारों को भी आकर्षित किया और इस विषय पर कई किताबें लिखी गईं। अनेक फिल्में भी बनीं और खूब लोकप्रिय भी हुईं। .

फ़्लोरिडा और महामन्दी के बीच समानता

फ़्लोरिडा और महामन्दी आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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फ़्लोरिडा और महामन्दी के बीच तुलना

फ़्लोरिडा 86 संबंध है और महामन्दी 5 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.10% है = 1 / (86 + 5)।

संदर्भ

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