फ़्रान्सीसी क्रान्ति और ह्यू कापे
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
फ़्रान्सीसी क्रान्ति और ह्यू कापे के बीच अंतर
फ़्रान्सीसी क्रान्ति vs. ह्यू कापे
बेसिल दिवस: १४ जुलाई १७८९ फ्रांसीसी क्रांति (फ्रेंच: Révolution française / रेवोलुस्योँ फ़्राँसेज़; 1789-1799) फ्रांस के इतिहास की राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल एवं आमूल परिवर्तन की अवधि थी जो 1789 से 1799 तक चली। बाद में, नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी साम्राज्य के विस्तार द्वारा कुछ अंश तक इस क्रांति को आगे बढ़ाया। क्रांति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रांति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ। इस क्रान्ति ने आधुनिक इतिहास की दिशा बदल दी। इससे विश्व भर में निरपेक्ष राजतन्त्र का ह्रास होना शुरू हुआ, नये गणतन्त्र एव्ं उदार प्रजातन्त्र बने। आधुनिक युग में जिन महापरिवर्तनों ने पाश्चात्य सभ्यता को हिला दिया उसमें फ्रांस की राज्यक्रांति सर्वाधिक नाटकीय और जटिल साबित हुई। इस क्रांति ने केवल फ्रांस को ही नहीं अपितु समस्त यूरोप के जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। फ्रांसीसी क्रांति को पूरे विश्व के इतिहास में मील का पत्थर कहा जाता है। इस क्रान्ति ने अन्य यूरोपीय देशों में भी स्वतन्त्रता की ललक कायम की और अन्य देश भी राजशाही से मुक्ति के लिए संघर्ष करने लगे। इसने यूरोपीय राष्ट्रों सहित एशियाई देशों में राजशाही और निरंकुशता के खिलाफ वातावरण तैयार किया। . ह्यू कापे (Hugh Capet; लगभग ९३८-९९६ ई.) फ्रांस का राजा और ह्यू महान का ज्येष्ठ पुत्र था। उस कापेटियन राजवंश की स्थापना करने का श्रेय प्राप्त है। जुलाई, ९८७ में ह्यू कापे राजगद्दी पर बैठा। गद्दी पर बैठते ही राज्य में उसकी अच्छी धाक जम गई। लेकिन अपने राज्य के बड़े-बड़े सामंतों का समर्थन प्राप्त करने के लिए उसे शाही जमीन की भारी भेंट अदा करनी पड़ी। वास्तव में फ्रांस के बादशाह के रूप में ह्यू कापे उतना शक्तिशाली नहीं था जितना कि वह फ्रांस के ड्यूक के रूप में था। लारेन का चार्ल्स उसकी सत्ता के सम्मुख झुकने के लिए तैयार नहीं हुआ और उसने अपने सहयोगियों के साथ उस पर आक्रमण कर दिया। इस संघर्ष के पहले दौर में ह्यू कापे की स्थिति बहुत ही खतरनाक थी लेकिन किसी प्रकार उसकी रक्षा हुई और चार्ल्स को धोखे से पकड़कर उसके हवाले कर दिया गया। चार्ल्स को बंदी बनाए जाने बाद के संघर्ष समाप्त हो गया। सन् ९८७ में ह्यू कापे ने रीम्स के आर्कबिशप के रिक्त स्थान पर अरनल्फ की नियुक्ति की लेकिन उसके विश्वासघाती सिद्ध होने पर उसने उसके स्थान पर गरबर्ट की नियुक्ति कर दी। इस कारण पोप से उसका संघर्ष छिड़ गया। पोप ने ह्यू कापे और गरबर्ट दोनों को धर्मबहिष्कृत कर दिया। ह्यू कापे भी अडिग बना रहा और उसकी मृत्यु (२४ अक्तूबर, ९९६) तक यह संघर्ष चलता रहा। श्रेणी:फ़्रांस का इतिहास.
फ़्रान्सीसी क्रान्ति और ह्यू कापे के बीच समानता
फ़्रान्सीसी क्रान्ति और ह्यू कापे आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): राजा।
राजा (king) राजतंत्रात्मक शासन तंत्र का सर्वोच्च पद है। प्रायः यह वंशानुगत होता है। कुछ उदाहरण ऐसे जरूर मिलते हैं जहाँ राजा का चुनाव वंश परंपरा के बाहर के लोगों में से किया गया है। वह अपने मंत्रियों की सलाह से अपने राज्य पर शासन करता है। वह अपने शासन क्षेत्र, अधिपत्य या नियंत्रण वाले क्षेत्रों के लोगों के लिए नियम और नीतियाँ बनाता है। उसकी सहायता के लिए दरबार में विभिन्न स्तर के पद होते हैं। राजा के गुण और कर्तव्यों पर महाभारत सहित अनेक ग्रंथों में प्रकाश डाला गया है। .
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फ़्रान्सीसी क्रान्ति और ह्यू कापे के बीच तुलना
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संदर्भ
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