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फ़ारस की खाड़ी और शिया इस्लाम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

फ़ारस की खाड़ी और शिया इस्लाम के बीच अंतर

फ़ारस की खाड़ी vs. शिया इस्लाम

फारस की खाड़ी, पश्चिम एशिया में हिन्द महासागर का एक विस्तार है, जो ईरान और अरब प्रायद्वीप के बीच तक गया हुआ है। 1980-1988 के ईरान इराक युद्ध के दौरान यह खाड़ी लोगों के कौतूहल का विषय बनी रही, जब दोनों पक्षों ने एक दूसरे के तेल के जहाजों (तेल टैंकरों) पर आक्रमण किया था। 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान, फारस की खाड़ी एक बार फिर से चर्चा का विषय बनी, हालाँकि यह संघर्ष मुख्य रूप से एक भूमि संघर्ष था, जब इराक ने कुवैत पर हमला किया था और जिसे बाद में वापस पीछे ढकेल दिया गया। फारस की खाड़ी में कई अच्छी मछली पकड़ने के जगहें हैं, व्यापक प्रवाल भित्तियाँ और प्रचुर मात्रा में मोती कस्तूरी है, लेकिन इसकी पारिस्थितिकी का औद्योगीकरण के कारण क्षय हुआ है, विशेष रूप से, युद्ध के दौरान फैले तेल और पेट्रोलियम ने इस पर विपरीत प्रभाव डाला है। अक्सर "फारस की खाड़ी" को अधिकतर अरब राष्ट्रों द्वारा इसके विवादास्पद नाम "अरब की खाड़ी" या सिर्फ "खाड़ी" कहकर पुकारा जाता है, हालाँकि इन दोनों नामों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं है। अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन इसके लिए "ईरान की खाड़ी (फारस की खाड़ी)" नाम का इस्तेमाल करता है। . अरबी लिपि में लिखा शब्द-युग्म "मुहम्मद अली" इस शिया विश्वास को दिखाता है कि मुहम्मद और अली में निष्ठा दिखाना एक समान ही है। इसको उलटा घुमा देने पर यह "अली मुहम्मद" बन जाता है। शिया एक मुसलमान सम्प्रदाय है। सुन्नी सम्प्रदाय के बाद यह इस्लाम का दूसरा सबसे बड़ा सम्प्रदाय है जो पूरी मुस्लिम आबादी का केवल १५% है। सन् ६३२ में हजरत मुहम्मद की मृत्यु के पश्चात जिन लोगों ने अपनी भावना से हज़रत अली को अपना इमाम (धर्मगुरु) और ख़लीफा (नेता) चुना वो लोग शियाने अली (अली की टोली वाले) कहलाए जो आज शिया कहलाते हैं। लेकिन बहोत से सुन्नी इन्हें "शिया" या "शियाने अली" नहीं बल्कि "राफज़ी" (अस्वीकृत लोग) नाम से बुलाते हैं ! इस धार्मिक विचारधारा के अनुसार हज़रत अली, जो मुहम्मद साहब के चचेरे भाई और दामाद दोनों थे, ही हजरत मुहम्मद साहब के असली उत्तराधिकारी थे और उन्हें ही पहला ख़लीफ़ा (राजनैतिक प्रमुख) बनना चाहिए था। यद्यपि ऐसा हुआ नहीं और उनको तीन और लोगों के बाद ख़लीफ़ा, यानि प्रधान नेता, बनाया गया। अली और उनके बाद उनके वंशजों को इस्लाम का प्रमुख बनना चाहिए था, ऐसा विशवास रखने वाले शिया हैं। सुन्नी मुसलमान मानते हैं कि हज़रत अली सहित पहले चार खलीफ़ा (अबु बक़र, उमर, उस्मान तथा हज़रत अली) सतपथी (राशिदुन) थे जबकि शिया मुसलमानों का मानना है कि पहले तीन खलीफ़ा इस्लाम के गैर-वाजिब प्रधान थे और वे हज़रत अली से ही इमामों की गिनती आरंभ करते हैं और इस गिनती में ख़लीफ़ा शब्द का प्रयोग नहीं करते। सुन्नी मुस्लिम अली को (चौथा) ख़लीफ़ा भी मानते है और उनके पुत्र हुसैन को मरवाने वाले ख़लीफ़ा याजिद को कई जगहों पर पथभ्रष्ट मुस्लिम कहते हैं। इस सम्प्रदाय के अनुयायियों का बहुमत मुख्य रूप से इरान,इराक़,बहरीन और अज़रबैजान में रहते हैं। इसके अलावा सीरिया, कुवैत, तुर्की, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, ओमान, यमन तथा भारत में भी शिया आबादी एक प्रमुख अल्पसंख्यक के रूप में है। शिया इस्लाम के विश्वास के तीन उपखंड हैं - बारहवारी, इस्माइली और ज़ैदी। एक मशहूर हदीस मन्कुनतो मौला फ़ हा जा अली उन मौला, जो मुहम्मद साहब ने गदीर नामक जगह पर अपने आखरी हज पर खुत्बा दिया था, में स्पष्ट कह दिया था कि मुसलमान समुदाय को समुदाय अली के कहे का अनुसरण करना है। .

फ़ारस की खाड़ी और शिया इस्लाम के बीच समानता

फ़ारस की खाड़ी और शिया इस्लाम आम में 8 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात, सउदी अरब, ईरान, ओमान, इराक़, क़तर, कुवैत

बहरीन

बहरीन (अरबी: مملكة البحرين मुम्लिकत अल-बहरईन) जंबुद्वीप में स्थित एक देश है। इसकी राजधानीहै मनामा। ये अरब जगत का एक हिस्सा है जो एक द्वीप पर बसा हुआ है। बहरीन १९७१ में स्वतंत्र हुआ और संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना हुई, जिसका प्रमुख अमीर होता है। १९७५ में नेशनल असेंबली भंग हुई, जो अब तक बहाल नहीं हो पाई है। १९९० में कुवैत पर इराक के आक्रमण के बाद बहरीन संयुक्त राष्ट्रसंघ का सदस्य बना। .

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संयुक्त अरब अमीरात

संयुक्त अरब अमीरात मध्यपूर्व एशिया में स्थित एक देश है। सन् १८७३ से १९४७ तक यह ब्रिटिश भारत के अधीन रहा। उसके बाद इसका शासन लंदन के विदेश विभाग से संचालित होने लगा। १९७१ में फारस की खाड़ी के सात शेख राज्यों आबू धाबी, शारजाह, दुबई, उम्म अल कुवैन, अजमान, फुजइराह तथा रस अल खैमा को मिलाकर स्वतंत्र संयुक्त अरब अमीरात की स्थापना हुई। इसमें रास अल खैमा १९७२ में शामिल हुआ। 19वीं सदी में यूनाइटेड किंगडम और अनेक अरब शेखों के बीच हुई संधि की वजह से 1971 से पहले संयुक्त अरब अमीरात को युद्धविराम संधि राज्य के नाम से जाना जाता था। इसके अलावा क्षेत्र के अमीरात की वजह से 18वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी के शुरुआत तक इसे पायरेट कोस्ट के नाम से भी जाना जाता था। 1971 के संविधान के आधार पर संयुक्त अरब अमीरात की राजनैतिक व्यवस्था आपस में जुड़े कई प्रबंधकीय निकायों से मिलकर बनी है। इस्लाम देश का राष्ट्रीय धर्म और अरबी राष्ट्रीय भाषा है। तेल भंडार के मामले में दुनिया का छठवां सबसे बड़ा देश संयुक्त अरब अमीरात की अर्थव्यवस्था मध्यपूर्व में सबसे विकसित है। .

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सउदी अरब

सउदी अरब मध्यपूर्व में स्थित एक सुन्नी मुस्लिम देश है। यह एक इस्लामी राजतंत्र है जिसकी स्थापना १७५० के आसपास सउद द्वारा की गई थी। यहाँ की धरती रेतीली है तथा जलवायु उष्णकटिबंधीय मरुस्थल। यह विश्व के अग्रणी तेल निर्यातक देशों में गिना जाता है। सउदी अरब के पश्चिम की ओर लाल सागर है और उसके पार मिस्र। दक्षिण की ओर ओमान और यमन हैं और उनके दक्षिण में हिन्द महासागर। उत्तर में इराक और ज़ॉर्डन की सीमा लगती है जबकि पूरब में फारस की खाड़ी और कुवैत तथा संयुक्त अरब अमीरात। इसरायल-फ़िलिस्तीन का क्षेत्र इसके उत्तर की दिशा में है और अरबों ने इसके इतिहास को बहुत प्रभावित किया है। यहाँ इस्लाम के प्रवर्तक मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था और यहाँ इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थल मक्का और मदीना अवस्थित हैं। इस्लाम में हज का स्थान मक्का बताया गया है और दुनिया के सारे मुसलमान मक्का की ओर ही नमाज अदा करते हैं। यहाँ के मुसलमान मुख्यतः सुन्नी हैं और इस्लाम की राजनैतिक राजधानी के इस देश से बाहर रहने के बावजूद इस देश के लोगों ने इस्लाम धर्म पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। .

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ईरान

ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .

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ओमान

ओमान (अरबी) अरबी प्रायद्वीप के पूर्व-दक्षिण में स्थित एक देश है जिसे आधिकारिक रूप से सल्तनत उमान नाम से जानते हैं। यह सउदी अरब के पूर्व और दक्षिण की दिशा में अरब सागर की सीमा से लगा है। संयुक्त अरब अमीरात इसके उत्तर में स्थित है। ओमान की कुल जनसंख्या 25 लाख के आसपास है और यहाँ बाहर से आकर रहने वालों (आप्रवासियों) की संख्या काफ़ी है। लगभग पूरी जनसंख्या मुस्लिम है जिसमें इबादियों की संख्या सबसे अधिक है। इसके अमेरिका और ब्रिटेन के साथ गहरे कूटनीतिक संबंध हैं। .

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इराक़

इराक़ पश्चिमी एशिया में स्थित एक जनतांत्रिक देश है जहाँ के लोग मुख्यतः मुस्लिम हैं। इसके दक्षिण में सउदी अरब और कुवैत, पश्चिम में जोर्डन और सीरिया, उत्तर में तुर्की और पूर्व में ईरान अवस्थित है। दक्षिण पश्चिम की दिशा में यह फ़ारस की खाड़ी से भी जुड़ा है। दजला नदी और फरात इसकी दो प्रमुख नदियाँ हैं जो इसके इतिहास को ५००० साल पीछे ले जाती हैं। इसके दोआबे में ही मेसोपोटामिया की सभ्यता का उदय हुआ था। इराक़ के इतिहास में असीरिया के पतन के बाद विदेशी शक्तियों का प्रभुत्व रहा है। ईसापूर्व छठी सदी के बाद से फ़ारसी शासन में रहने के बाद (सातवीं सदी तक) इसपर अरबों का प्रभुत्व बना। अरब शासन के समय यहाँ इस्लाम धर्म आया और बगदाद अब्बासी खिलाफत की राजधानी रहा। तेरहवीं सदी में मंगोल आक्रमण से बगदाद का पतन हो गया और उसके बाद की अराजकता के सालों बाद तुर्कों (उस्मानी साम्राज्य) का प्रभुत्व यहाँ पर बन गया २००३ से दिसम्बर २०११ तक अमेरिका के नेतृत्व में नैटो की सेना की यहाँ उपस्थिति बनी हुई थी जिसके बाद से यहाँ एक जनतांत्रिक सरकार का शासन है। राजधानी बगदाद के अलावा करबला, बसरा, किर्कुक तथा नजफ़ अन्य प्रमुख शहर हैं। यहाँ की मुख्य बोलचाल की भाषा अरबी और कुर्दी भाषा है और दोनों को सांवैधानिक दर्जा मिला है। .

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क़तर

कतर (अरबी: قطر) अरब प्रायद्वीप के उत्तर पूर्वी तट पर स्थित एक छोटा प्रायद्वीप है। इसके दक्षिण में जहां सउदी अरब है, वहीं शेष तीनों ओर फारस की खाड़ी है। एक तेल समृद्ध राष्ट्र के रूप में कतर दुनिया का दूसरा (प्रति व्यक्ति सकल फरेलू उत्पाद) समृद्ध देश है। सन् १७८३ में कुवैत के अल खलीफ वंश ने यहां शासन करना प्रारम्भ किया। तत्पश्चात यह तुर्की के अधीन रहा। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद यह ब्रिटेन के संरक्षण में रहा। १९७१ में स्वतंत्रता मिलने के बाद १९७२ में खलीफा बिन हमद का शासन प्रारम्भ हुआ।देशराज भारतीय .

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कुवैत

कुवैत (अरबी: دولة الكويت‎, दवालात अल-कुवैती) पश्चिम एशिया में स्थित एक संप्रभु अरब अमीरात है, जिसकी सीमा उत्तर में सउदी अरब और उत्तर और पश्चिम में इराक से मिलती है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक की अधिकतम दूरी 200 किमी (120 मील) और पूर्व से लेकर पश्चिम तक की दूरी 170 किमी (110 मील) है। कुवैत एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है 'पानी के करीब एक महल'। करीबन 30 लाख की जनसंख्या वाले इस संवैधानिक राजशाही वाले देश में संसदीय व्यवस्था वाली सरकार है। कुवैत नगर देश की आर्थिक और राजनीतिक राजधानी है। कुवैत में अनेक द्वीप भी शामिल हैं, जिसमें इराक की सीमा से लगा बुमियान सबसे बड़ा है। 1990 में कुवैत पर इराक ने आक्रमण कर कब्जा जमा लिया था। सात महीने का इराकी कब्जा संयुक्त राज्य अमेरिका नीत सेना द्वारा सीधे आक्रमण के बाद खत्म हुआ था। लौटती हुई इराकी सेना ने करीबन 750 तेल के कुंओं को खाक में मिला दिया, जो एक बड़ी आर्थिक और पयार्वरण त्रासदी के रूप में परिणीत हुई। युद्ध में कुवैत की आधारभूत संरचना बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई, जिसे पुनः सुधारना पड़ा। तेल भंडारण के मामले में कुवैत दुनिया का पांचवां सबसे समृद्ध देश और प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से दुनिया का ग्यारहवां सबसे धनी देश है। कुवैत में तेल क्षेत्र की खोज और दोहन की प्रक्रिया 1930 से प्रारंभ हुई। 1961 में युनाइटेड किंगडम से स्वतंत्र होने के बाद इस क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। आज देश का करीबन 95 प्रतिशत निर्यात और 80 प्रतिशत सरकारी राजस्व तेल 䤔र तेल से बने उत्पाद से होती है। .

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फ़ारस की खाड़ी और शिया इस्लाम के बीच तुलना

फ़ारस की खाड़ी 17 संबंध है और शिया इस्लाम 38 है। वे आम 8 में है, समानता सूचकांक 14.55% है = 8 / (17 + 38)।

संदर्भ

यह लेख फ़ारस की खाड़ी और शिया इस्लाम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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