प्लाज़्मा (भौतिकी) और प्लाज़्मा पटल
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
प्लाज़्मा (भौतिकी) और प्लाज़्मा पटल के बीच अंतर
प्लाज़्मा (भौतिकी) vs. प्लाज़्मा पटल
प्लाज्मा दीप भौतिकी और रसायन शास्त्र में, प्लाज्मा आंशिक रूप से आयनीकृत एक गैस है, जिसमें इलेक्ट्रॉनों का एक निश्चित अनुपात किसी परमाणु या अणु के साथ बंधे होने के बजाय स्वतंत्र होता है। प्लाज्मा में धनावेश और ऋणावेश की स्वतंत्र रूप से गमन करने की क्षमता प्लाज्मा को विद्युत चालक बनाती है जिसके परिणामस्वरूप यह दृढ़ता से विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों से प्रतिक्रिया कर पाता है। प्लाज्मा के गुण ठोस, द्रव या गैस के गुणों से काफी विपरीत हैं और इसलिए इसे पदार्थ की एक भिन्न अवस्था माना जाता है। प्लाज्मा आमतौर पर, एक तटस्थ-गैस के बादलों का रूप ले लेता है, जैसे सितारों में। गैस की तरह प्लाज्मा का कोई निश्चित आकार या निश्चित आयतन नहीं होता जब तक इसे किसी पात्र में बंद न कर दिया जाए लेकिन गैस के विपरीत किसी चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में यह एक फिलामेंट, पुंज या दोहरी परत जैसी संरचनाओं का निर्माण करता है। प्लाज़्मा ग्लोब एक सजावटी वस्तु होती है, जिसमें एक कांच के गोले में कई गैसों के मिश्रण में इलेक्ट्रोड द्वारा गोले तक कई रंगों की किरणें चलती दिखाई देती हैं। प्लाज्मा की पहचान सबसे पहले एक क्रूक्स नली में १८७९ मे सर विलियम क्रूक्स द्वारा की गई थी उन्होंने इसे “चमकते पदार्थ” का नाम दिया था। क्रूक्स नली की प्रकृति "कैथोड रे" की पहचान इसके बाद ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी सर जे जे थॉमसन द्वारा १८९७ में द्वारा की गयी। १९२८ में इरविंग लैंगम्युइर ने इसे प्लाज्मा नाम दिया, शायद इसने उन्हें रक्त प्लाविका (प्लाज्मा) की याद दिलाई थी। . सं.अ.अमी. द्वारा विक्रय किया जाता है। प्लाज्मा टीवी एक प्रकार का हाईडेफिनेशन टीवी (एचडीटीवी) होता है, जो कि प्रायः प्रचलित कैथोड किरण दूरदर्शी का विकल्प हैं। प्लाज्मा एक वैज्ञानिक शब्द है, जिसको कि निऑन और ज़ेनॉन आदि अक्रिय (इनर्ट) गैसों के सन्दर्भ में प्रयोग किया जाता है।। हिन्दुस्तान लाइव। १८ अक्टूबर २००९द्रव्य, गैस और ठोस के अलावा प्लाज्मा को पदार्थ की चतुर्थ अवस्था के रूप में प्रयोग किया जाता है। टेलीविजन में हजारों की संख्या में छोटे-छोटे घटक होते हैं, जिन्हें पिक्सल कहते हैं। रंगीन टेलीविजनों में तीन वर्ण मिलकर एक पिक्सल का निर्माण करते हैं। इनमें सामान्यत: प्रकाश के तीन प्राथमिक रंग लाल, हरा और नीला का प्रयोग किया जाता है। वहीं प्लाज्मा टीवी में प्रत्येक पिक्सल अक्रिय गैस जैसे कि निऑन और जीनॉन के छोटे-छोटे पात्रों से मिलकर बना होता है। प्लाज्मा टीवी में अनुमानित हजारों की संख्या में ऐसे छोटे-छोटे टय़ूब उपस्थित होते हैं। प्रत्येक पिक्सल को दो वैद्युत आवेशित प्लेटों के बीच में रखा जाता है। विद्युत धारा का प्रवाह करने पर प्लाज्मा चमकता है। टीवी में लगा छोटा सा कंप्यूटर विद्युत क्षेत्र को नियंत्रित करता है, जिससे विभिन्न रंगों का मिश्रण बनता है जो कि दृश्य-पटल पर दिखाई देते हैं। इस टेलीवीज़न का लाभ ये हैं कि इसका दृश्य पट्ल यानि मॉनीटर, एकदम सपाट यानि फ्लैट होता है, जिसको कि आप सीधे दीवार पर लगा सकते हैं। इसमें चित्र और रंग दूसरे टीवी की तुलना में बेहतर दिखती है। इसका भार अन्य समान आकार के स्क्रीन वाले टीवी की तुलना में बहुत कम होता है। प्लाज़्मा टीवी या पटल के प्रमुख निर्माताओं में एल.जी इलेक्ट्रॉनिक्स, सोनी, सैमसंग, पैनासॉनिक, हिटैची आदि हैं।। नवभारत टाइम्स। १६ जुलाई २००८ .
प्लाज़्मा (भौतिकी) और प्लाज़्मा पटल के बीच समानता
प्लाज़्मा (भौतिकी) और प्लाज़्मा पटल आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): ठोस, गैस।
ठोस (solid) पदार्थ की एक अवस्था है, जिसकी पहचान पदार्थ की संरचनात्मक दृढ़ता और विकृति (आकार, आयतन और स्वरूप में परिवर्तन) के प्रति प्रत्यक्ष अवरोध के गुण के आधार पर की जाती है। ठोस पदार्थों में उच्च यंग मापांक और अपरूपता मापांक होते है। इसके विपरीत, ज्यादातर तरल पदार्थ निम्न अपरूपता मापांक वाले होते हैं और श्यानता का प्रदर्शन करते हैं। भौतिक विज्ञान की जिस शाखा में ठोस का अध्ययन करते हैं, उसे ठोस-अवस्था भौतिकी कहते हैं। पदार्थ विज्ञान में ठोस पदार्थों के भौतिक और रासायनिक गुणों और उनके अनुप्रयोग का अध्ययन करते हैं। ठोस-अवस्था रसायन में पदार्थों के संश्लेषण, उनकी पहचान और रासायनिक संघटन का अध्ययन किया जाता है। .
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गैसों का कण मॉडल: गैसों के कणों के बीच की औसत दूरी अपेक्षाकृत अधिक होती है। गैस (Gas) पदार्थ की तीन अवस्थाओं में से एक अवस्था का नाम है (अन्य दो अवस्थाएँ हैं - ठोस तथा द्रव)। गैस अवस्था में पदार्थ का न तो निश्चित आकार होता है न नियत आयतन। ये जिस बर्तन में रखे जाते हैं उसी का आकार और पूरा आयतन ग्रहण कर लेते हैं। जीवधारियों के लिये दो गैसे मुख्य हैं, आक्सीजन गैस जिसके द्वारा जीवधारी जीवित रहता है, दूसरी जिसे जीवधारी अपने शरीर से छोड़ते हैं, उसका नाम कार्बन डाई आक्साइड है। इनके अलावा अन्य गैसों का भी बहु-प्रयोग होता है, जैसे खाना पकाने वाली रसोई गैस। पानी दो गैसों से मिलकर बनता है, आक्सीजन और हाइड्रोजन। .
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प्लाज़्मा (भौतिकी) और प्लाज़्मा पटल के बीच तुलना
प्लाज़्मा (भौतिकी) 18 संबंध है और प्लाज़्मा पटल 25 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.65% है = 2 / (18 + 25)।
संदर्भ
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