लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

प्रोटीन और राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

प्रोटीन और राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल के बीच अंतर

प्रोटीन vs. राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल

रुधिरवर्णिका(हीमोग्लोबिन) की संरचना- प्रोटीन की दोनो उपइकाईयों को लाल एंव नीले रंग से तथा लौह भाग को हरे रंग से दिखाया गया है। प्रोटीन या प्रोभूजिन एक जटिल भूयाति युक्त कार्बनिक पदार्थ है जिसका गठन कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्वों के अणुओं से मिलकर होता है। कुछ प्रोटीन में इन तत्वों के अतिरिक्त आंशिक रूप से गंधक, जस्ता, ताँबा तथा फास्फोरस भी उपस्थित होता है। ये जीवद्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) के मुख्य अवयव हैं एवं शारीरिक वृद्धि तथा विभिन्न जैविक क्रियाओं के लिए आवश्यक हैं। रासायनिक गठन के अनुसार प्रोटीन को सरल प्रोटीन, संयुक्त प्रोटीन तथा व्युत्पन्न प्रोटीन नामक तीन श्रेणियों में बांटा गया है। सरल प्रोटीन का गठन केवल अमीनो अम्ल द्वारा होता है एवं संयुक्त प्रोटीन के गठन में अमीनो अम्ल के साथ कुछ अन्य पदार्थों के अणु भी संयुक्त रहते हैं। व्युत्पन्न प्रोटीन वे प्रोटीन हैं जो सरल या संयुक्त प्रोटीन के विघटन से प्राप्त होते हैं। अमीनो अम्ल के पॉलीमराईजेशन से बनने वाले इस पदार्थ की अणु मात्रा १०,००० से अधिक होती है। प्राथमिक स्वरूप, द्वितीयक स्वरूप, तृतीयक स्वरूप और चतुष्क स्वरूप प्रोटीन के चार प्रमुख स्वरुप है। प्रोटीन त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। जन्तुओं के शरीर के लिए कुछ आवश्यक प्रोटीन एन्जाइम, हार्मोन, ढोने वाला प्रोटीन, सिकुड़ने वाला प्रोटीन, संरचनात्मक प्रोटीन एवं सुरक्षात्मक प्रोटीन हैं। प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर की आधारभूत संरचना की स्थापना एवं इन्जाइम के रूप में शरीर की जैवरसायनिक क्रियाओं का संचालन करना है। आवश्यकतानुसार इससे ऊर्जा भी मिलती है। एक ग्राम प्रोटीन के प्रजारण से शरीर को ४.१ कैलीरी ऊष्मा प्राप्त होती है। प्रोटीन द्वारा ही प्रतिजैविक (एन्टीबॉडीज़) का निर्माण होता है जिससे शरीर प्रतिरक्षा होती है। जे. आर एन ए एक अकेली बहु न्यूक्लियोटाइड शृंखला वाला लम्बा तंतुनुमा अणु, जिसमें फॉस्फेट और राइबोज़ शर्करा की इकाइयां एकांतर में स्थापित होतीं हैं। इसका पूर्ण नाम है राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल। डी एन ए की तरह आर एन ए में भी राइबोज़ से जुड़े चार क्षारक होते हैं। अंतर केवल इतना है, कि इसमें थाइमीन के स्थान पर यूरासिल होता है। किसी भी जीवित प्राणी के शरीर में राइबोन्यूलिक अम्ल भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जितनी डी एन ए। आरएनए शरीर में डीएनए के जीन्स को नकल कर के व्यापक तौर पर प्रवाहित करने का काम करता है। इसके साथ ही यह कोशिकाओं में अन्य आनुवांशिक सामग्री पहुंचाने में भी सहायक होता है। आरएनए की खोज सेवेरो ओकोआ, रॉबर्ट हॉली और कार्ल वोसे ने की थी। आरएनए के महत्त्वपूर्ण कार्यो में जीन को सुचारू बनाना और उनकी प्रतियां तैयार करना होता है। यह विभिन्न प्रकार के प्रोटीनों को जोड़ने का भी कार्य करता है। इसकी कई किस्में होती हैं जिनमें रिबोसोमल आरएनए, ट्रांसफर आरएनए और मैसेंजर आरएनए प्रमुख हैं। आरएनए की श्रृंखला फॉस्फेट्स और राइबोस के समूहों से मिलकर बनती है, जिससे इसके चार मूल तत्व, एडेनाइन, साइटोसाइन, गुआनाइन और यूरासिल जुड़े होते हैं। डीएनए से विपरीत, आरएनए एकल श्रृंखला होती है जिसकी मदद से यह खुद को कोशिका के संकरे आकार में समाहित कर लेता है। आरएनए का स्वरूप एक सहस्राब्दी यानी एक हजार वर्षो में बहुत कम बदलता है। अतएव इसका प्रयोग विभिन्न प्राणियों के संयुक्त पूर्वजों की खोज करने में किया जाता है। डीएनए ही आरएनए के संधिपात्र की भूमिका अदा करता है। मूलत: डीएनए में ही आरएनए का रूप निहित होता है। इसलिए आवश्यकतानुसार डीएनए, जिसके पास आरएनए बनाने का अधिकार होता है, आवश्यक सूचना लेकर काम में लग जाता है। .

प्रोटीन और राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल के बीच समानता

प्रोटीन और राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

प्रोटीन और राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल के बीच तुलना

प्रोटीन 38 संबंध है और राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल 10 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (38 + 10)।

संदर्भ

यह लेख प्रोटीन और राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »