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प्रोग्रामिंग भाषा और मूल कोड

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

प्रोग्रामिंग भाषा और मूल कोड के बीच अंतर

प्रोग्रामिंग भाषा vs. मूल कोड

पाइथन (Python) नामक प्रोग्रामन भाषा में लिखित प्रोग्राम का अंश प्रोग्रामिंग भाषा (programming language) एक कृत्रिम भाषा होती है, जिसकी डिजाइन इस प्रकार की जाती है कि वह किसी काम के लिये आवश्यक विभिन्न संगणनाओ (computations) को अभिव्यक्त कर सके। प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग विशेषतः संगणकों के साथ किया जाता है (किन्तु अन्य मशीनों पर भी प्रोग्रामिंग भाषाओं का उपयोग होता है)। प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग हम प्रोग्राम लिखने के लिये, कलन विधियों को सही रूप व्यक्त करने के लिए, या मानव संचार के एक साधन के रूप में भी कर सकते हैं। इस समय लगभग 2,500 प्रोग्रामिंग भाषाएं मौजूद हैं। पास्कल, बेसिक, फोर्ट्रान, सी, सी++, जावा, जावास्क्रिप्ट आदि कुछ प्रोग्रामिंग भाषाएं हैं। . अभिकलन (कम्प्युटिंग) के सन्दर्भ में, मानव द्वारा पढ़ने लायक प्रोग्रामिंग भाषा में, साधारण टेक्स्ट में लिखे कम्प्यूटर प्रोग्राम/प्रोग्रामों को मूल कोड (source code) कहते हैं। मूल कोड में टिप्पणियाँ (कमेन्ट) भी शामिल रहती हैं। मूल कोड का निर्माण कम्प्यूटर प्रोग्रामर करते हैं और उसमें कम्प्यूटर द्वार किए जाने वाले कार्य क्रम से बताए गये होते हैं। मूल कोड को असेम्बलर द्वारा या कम्पाइलर द्वारा बाइनरी मशीन कोड में बदला जाता है जिसे कम्प्यूटर समझ सकता है (जिसे कम्प्यूटर के हार्डवेयर द्वारा क्रियान्वित किया जा सकता है।) कुछ अन्य स्थितियों में मूल कोड को इन्टरप्रीट किया जाता है (कम्पाइल नहीं)।; मूल कोड का एक छोटा सा भाग (असेम्बली भाषा में लिखा हुआ)- .

प्रोग्रामिंग भाषा और मूल कोड के बीच समानता

प्रोग्रामिंग भाषा और मूल कोड आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): मशीनी भाषा, असेम्बली भाषा, उच्च स्तरीय क्रमादेशन भाषा

मशीनी भाषा

मशीनी भाषा कंप्यूटर की आधारभुत भाषा है, यह केवल 0 और 1 दो अंको के प्रयोग से निर्मित श्रृंखला से लिखी जाती है। यह एकमात्र कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा है जो कि कंप्यूटर द्वारा सीधे-सीधे समझी जाती है। इसे किसी अनुवादक प्रोग्राम का प्रयोग नही करना होता है। इसे कंप्यूटर का मशीनी संकेत भी कहा जाता है। कंप्यूटर का परिपथ इस प्रकार तैयार किया जाता है कि यह मशीनी भाषा को तुरन्त पहचान लेता है और इसे विधुत संकेतो मे परिवर्तित कर लेता है। विधुत संकेतो की दो अवस्थाए होती है- हाई और लो अथवा Anticlock wise & clock wise, 1 का अर्थ है Pulse अथवा High तथा 0 का अर्थ है No Pulse या low। मशीनी भाषा मे प्रत्येक निर्देश के दो भाग होते है- पहला क्रिया संकेत (Operation code अथवा Opcode) और दूसरा स्थिति संकेत (Location code अथवा Operand)। क्रिया संकेत कंप्यूटर को यह बताता जाता है कि क्या करना है और स्थिति संकेत यह बताता है कि आकडे कहां से प्राप्त करना है, कहां संग्रहीत करना है अथवा अन्य कोइ निर्देश जिसका की दक्षता से पालन किया जाना है। .

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असेम्बली भाषा

असेम्बली भाषा (assembly language) या असेम्बलर भाषा (assembler) कम्प्यूटर तथा अन्य प्रोग्राम करने योग्य युक्तियों (जैसे माइक्रोकन्ट्रोलर) की निम्न-स्तरीय प्रोग्रामन भाषा है। असेम्बली के बाद भाषा तथा मशीन आर्किटेक्चर में प्रायः बहुत घनिष्ट सम्बन्ध होता है। एक विशेष कम्प्यूटर आर्किटेक्चर के लिये असेम्बली भाषा भी विशिष्ट होती है। असेम्बली भाषा को 'सांकेतिक मशीन कोड' भी कह सकते हैं। मशीनी भाषा द्वारा प्रोग्राम तैयार करने मे आने वाली कठिनाईयो को दूर करने हेतु कम्प्यूटर वैज्ञानिको ने एक अन्य कम्प्यूटर प्रोग्राम भाषा का निर्माण किया। इस कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा को असेम्बली भाषा कहते है। कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा के विकास का पहला कदम यह था कि मशीनी भाषा को अंकीय क्रियांवयन संकेतो के स्थान पर अक्षर चिन्ह स्मरणोपकारी का प्रयोग किया गया। स्मरणोपकारी का अर्थ यह है कि -एसी युक्ति जो हमारी स्मृति मे वर्ध्दन करें। जैसे घटाने के लिये मशीनी भाषा मे द्विअंकीय प्रणाली मे 1111 और दशमलव प्रणाली मे 15 का प्रयोग किया जाता है, अब यदि इसके लिये मात्र sub का प्रयोग किया जाए तो यह प्रोग्रामर की समय मे सरलता लाएगी। पारिभाषिक शब्दो मे, वह कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा जिसमे मशीनी भाषा मे प्रयुक्त अंकीय संकेतो के स्थान पर अक्षर अथवा चिन्हो का प्रयोग किया जाता है, असेम्बली भाषा अथवा symbol language कहलाती है। असेम्बली भाषा मे मशीन कोड के स्थान पर ’नेमोनिक कोड’ का प्रयोग किया गया जिन्हे मानव मस्तिष्क आसानी से पहचान सकता था जैसे-LDA(load),Tran(Translation),JMP(Jump) एवं इसी प्रकार के अन्य नेमोनिक कोड जिन्हे आसानी से पहचाना व याद रखा जा सकता था। इनमे से प्रत्येक के लिये एक मशीन कोड भी निर्धारित किया गया, पर असेम्बली कोड से मशीन कोड मे परिवर्तन का काम, कम्प्यूटर मे ही स्थित एक प्रोग्राम के जरिये किया जाने लगा, इस प्रकार के प्रोग्राम को असेम्बलर नाम दिया गया। यह एक अनुवादक की भांति कार्य करता है। .

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उच्च स्तरीय क्रमादेशन भाषा

मशीनी भाषा और असेम्बली भाषा द्वारा क्रमादेश तैयार करने में आने वाली कठिनाई को देखते हुए कम्प्यूटर वैज्ञानिक इस शोध में जुट गए कि अब इस प्रकार की क्रमादेशन भाषा तैयार की जानी चाहिये जो कि कम्प्यूटर मशीन पर निर्भर न हो। कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा के विकास का यह अगला कदम था। असेम्बलर के स्थान पर कम्पाइलर और इन्टरप्रेटर का विकास किया गया। अब कम्प्यूटर प्रोग्राम लिखने के लिये मशीनी भाषा को अंकीय क्रियान्वयन संकेतो के स्थान पर अक्षर चिन्ह स्मरणोपकारी का प्रयोग किया गया। कम्प्यूटर में प्रयोग की जाने वाली वह भाषा जिसमे अंग्रेजी अक्षरो, संख्याओ एवं चिन्हो का प्रयोग करके प्रोग्राम लिखा जाता है, उसे उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा कहा जाता है। इस भाषा में प्रोग्राम लिखना प्रोग्रामर के लिये बहुत ही आसान होता है, क्योंकि इसमे किसी भी निर्देश मशीन कोड में बदलकर लिखने की आवश्यकता नहीं होती। जैसे -BASIC, COBOL,FORTRAN,PASCAL|अब तो उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओ का अत्यन्त विकास हो चुका है। इन प्रोग्रमिंग भाषाओ को कार्यानुसार चार वर्गो में विभाजित किया गया है- (१) वैज्ञानिक प्रोग्रामिंग भाषाएं- इनका प्रयोग मुख्यत: वैज्ञानिक कार्यो के लिये प्रोग्राम बनाने में होता है, परन्तु इनमे से कुछ भाषाएं ऎसी भी होती है जो वैज्ञानिक कार्यो के अलावा अन्य कार्यो को भी उतनी ही दक्षता से करती है। जैसे-ALGOL(Algorithmic language),BASIC,PASCAL,FORTRAN, आदि है। (२) व्यवसायिक प्रोग्रामिंग भाषाएं-व्यापारिक कार्यो से सम्बंधित जैसे-बही खाता, रोजानामचा, स्टाक आदि का लेखा जोखा आदि व्यापारिक प्रोग्रामिंग भाषाओ के प्रोग्राम द्वारा अत्यन्त सरलता से किया जा सकता है। जैसे-PL1(Programing language 1),COBOL, DBASE आदि। (३) विशेष उद्देश्य प्रोग्रामिंग भाषाएं-ये भाषाएं विभिन्न कार्यो को विशेष क्षमता के साथ करने के लिये प्रयोग की जाती है। जैसे- (अ)APL360- पेरीफिरल युक्तियां सर्वश्रेष्ठ अनुप्रयोग हेतु प्रयोग की जाती है। यह भाषा 1968 से प्रचलन में आई। (ब)LOGO- लोगो का विकास मात्र कम्प्यूटर शिक्षा को सरल बनाने हेतु किया गया। इस भाषा में चित्रण इतना सरल है कि छोटे बच्चे भी चित्रण कर सकते हैं। लोगो भाषा में चित्रण के लिये एक विशेष प्रकार की त्रिकोणाकार आकृति होती है जिसे टरटल कहते हैं। मॉनीटर पर प्रदर्शित रहता है लोगो भाषा के निर्देशो द्वारा यह टरटल, किसी भी तरफ घूम सकता है और आगे-पीछे चल सकता है। जब टरटल चलता है तो पीछे अपने मार्ग पर लकीर बनाता चलता है। इससे अनेक प्रकार के चित्रो को सरलता से बनाया जा सकता है। (४) बहुउद्देशीय भाषाएं- जो भाषाएं समान रूप से भिन्न-भिन्न प्रकार के अनेक कार्यो को करने की क्षमता रखती है, उन्हे बहुउद्देशीय भाषाएं कहते हैं। जैसे- BASIC,PASCAL,PL1| .

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प्रोग्रामिंग भाषा और मूल कोड के बीच तुलना

प्रोग्रामिंग भाषा 11 संबंध है और मूल कोड 8 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 15.79% है = 3 / (11 + 8)।

संदर्भ

यह लेख प्रोग्रामिंग भाषा और मूल कोड के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: