प्राधान्य और मार्क्सवाद
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
प्राधान्य और मार्क्सवाद के बीच अंतर
प्राधान्य vs. मार्क्सवाद
जब किसी समूह का अन्य समूहों के उपर राजनीतिक, आर्थिक, वैचारिक या सामाजिक दबदबा मौजूद हो तो इसे प्राधान्य या वर्चस्व (Hegemony) कहते हैं। 'हेजीमोनी' शब्द का मूल अर्थ ग्रीस के कुछ नगर-राष्ट्रों का दूसरे पड़ोसी नगरों पर राजनीतिक दबदबा था। किन्तु अब इसका अनेकानेक सन्दर्भों में प्रयोग किया जाने लगा है। अन्तोनियो ग्राम्शी जैसे कुछ मार्क्सवादी सिद्धान्तकारों ने सांस्कृतिक बर्चस्व की बात की है। . सामाजिक राजनीतिक दर्शन में मार्क्सवाद (Marxism) उत्पादन के साधनों पर सामाजिक स्वामित्व द्वारा वर्गविहीन समाज की स्थापना के संकल्प की साम्यवादी विचारधारा है। मूलतः मार्क्सवाद उन आर्थिक राजनीतिक और आर्थिक सिद्धांतो का समुच्चय है जिन्हें उन्नीसवीं-बीसवीं सदी में कार्ल मार्क्स, फ्रेडरिक एंगेल्स और व्लादिमीर लेनिन तथा साथी विचारकों ने समाजवाद के वैज्ञानिक आधार की पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया। .
प्राधान्य और मार्क्सवाद के बीच समानता
प्राधान्य और मार्क्सवाद आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या प्राधान्य और मार्क्सवाद लगती में
- यह आम प्राधान्य और मार्क्सवाद में है क्या
- प्राधान्य और मार्क्सवाद के बीच समानता
प्राधान्य और मार्क्सवाद के बीच तुलना
प्राधान्य 3 संबंध है और मार्क्सवाद 8 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (3 + 8)।
संदर्भ
यह लेख प्राधान्य और मार्क्सवाद के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: