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प्राचीन भारत और भरतपुरा लाइब्रेरी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

प्राचीन भारत और भरतपुरा लाइब्रेरी के बीच अंतर

प्राचीन भारत vs. भरतपुरा लाइब्रेरी

मानव के उदय से लेकर दसवीं सदी तक के भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास कहलाता है। . पटना से करीब 45 किलोमीटर दूर भरतपुरा गांव में स्टेनगनधारी पुलिसकर्मियों से घिरी एक इमारत में ढेर सारे अमूल्य दुर्लभ ग्रन्थ, प्राचीन तथा मुगलकालीन सचित्र पाण्डुलिपियां, पंचमार्क से लेकर मुगलकालीन सोने के सिक्के किसी को भी विस्मित कर सकती है। यह ऐसी है ही। भरतपुरा गांव स्थित गोपालनारायण पब्लिक लाइब्रेरी कहने भर को ही लाइब्रेरी है। यह अमूल्य एवं दुर्लभ सचित्र पाण्डुलिपियों की खान है। यहां फिरदौसी का शाहनामा, निजामी का सिकन्दरनामा, अमीर हम्जा का दास्तान-ए-अमीर हम्जा, दसवीं सदी के जरीन रकम, अलहुसैनी, शिराजी तथा 11वीं सदी के मुहम्मद मोमिन जैसे उत्कृष्ट कैलिग्राफरों की कृतियों (वैसलिस) समेत 11वीं सदी की सिंहासन बतीसी, बैताल पचीसी, अबुलफजल की कृतियां, त्रिपुरसुन्दरी पटलम, गर्ग संहिता जैसे ग्रन्थ एवं पाण्डुलिपियां हैं। पटना कलम के पूर्वज मनोहर के पिता बसावन की पेंटिंग ‘साधु’ इस लाइब्रेरी की खास धरोहर है। राजा भरत सिंह के वंशज गोपालनारायण सिंह ने इस लाइब्रेरी की स्थापना सन् 1912 ईस्वी में ब्रिटिश भारत में सम्राट के दिल्ली में ताजपोशी के अवसर पर पटना के तत्कालीन कलक्टर मि॰ प्रेन्टिस के हाथों करवाई थी। गोपालनारायण सिंह राजा बनारस के दामाद थे। राजा बनारस से उपहारस्वरूप उन्हें अनेक दुर्लभ बहुमूल्य पाण्डुलिपियां मिली। जिनमें ताड़ के पत्ते पर महाभारत, त्रिपुरसुन्दरी पटलम, तुलसीकृत रामायण, सिकन्दरनामा, शाहनामा, वैसलिस (कैलिग्राफी के बेहतरीन एवं दुर्लभ नमूने) तथा कई अन्य प्राचीन तथा मुगलकालीन ग्रन्थ थे। बाद के दिनों में गोपालनारायण सिंह ने और भी बहुमूल्य, दुर्लभ पाण्डुलिपियों का संग्रह किया। प्राचीन पाण्डुलिपियां लाइब्रेरी के कर्ताधर्ताओं को इन पाण्डुलिपियों के महत्व का अंदाजा नहीं था। शायद इसलिए यह लाइब्रेरी बरसों यूं ही उपेक्षित पड़ी रही। तभी पटना से दो रिसर्च स्कालर डा॰ क्यामुद्दीन अहमद (बाद के दिनों के प्रसिद्ध इतिहासकार) और एस.एन.

प्राचीन भारत और भरतपुरा लाइब्रेरी के बीच समानता

प्राचीन भारत और भरतपुरा लाइब्रेरी आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पटना, भारत

पटना

पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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प्राचीन भारत और भरतपुरा लाइब्रेरी के बीच तुलना

प्राचीन भारत 132 संबंध है और भरतपुरा लाइब्रेरी 18 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 1.33% है = 2 / (132 + 18)।

संदर्भ

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