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प्रसरण और समाजशास्त्रीय सिद्धान्त

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

प्रसरण और समाजशास्त्रीय सिद्धान्त के बीच अंतर

प्रसरण vs. समाजशास्त्रीय सिद्धान्त

प्रसारण (broadcasting) से भ्रमित न हों। ----- प्रायिकता और सांख्यिकी के सन्दर्भ में प्रसरण (variance) वह माप है जो दर्शाती है कि दिये गये आंकड़े (संख्यायेँ) कितने बिखरे हुए है। यदि सभी आंकड़े समान हों तो प्रसरण का मान शून्य होगा। प्रसरण का मान कम हो तो यह इंगित करता है कि सभी आंकड़े माध्य के बहुत पास हैं। . समाजविज्ञान के सम्बन्ध में समाजशास्त्रीय सिद्धान्त (sociological theoriy) से आशय समाज से सम्बन्धित तथ्यों की व्याख्या करने वाले सिद्धान्त हैं। .

प्रसरण और समाजशास्त्रीय सिद्धान्त के बीच समानता

प्रसरण और समाजशास्त्रीय सिद्धान्त आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

प्रसरण और समाजशास्त्रीय सिद्धान्त के बीच तुलना

प्रसरण 8 संबंध है और समाजशास्त्रीय सिद्धान्त 2 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (8 + 2)।

संदर्भ

यह लेख प्रसरण और समाजशास्त्रीय सिद्धान्त के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: