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प्रयोग और प्रायिकता सिद्धांत

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

प्रयोग और प्रायिकता सिद्धांत के बीच अंतर

प्रयोग vs. प्रायिकता सिद्धांत

बेंजामिन फ्रैंकलिन का तड़ित सम्बन्धी प्रयोग किसी वैज्ञानिक जिज्ञासा (scientific inquiry) के समाधान के लिये उससे सम्बन्धित क्षेत्र में और अधिक आंकड़े (data) एकत्र करने जी आवश्यकता होती है। इन आंकड़ों की प्राप्ति के लिये जो कुछ किया जाता है उसे प्रयोग (experiment) कहते हैं। प्रयोग, वैज्ञानिक विधि का प्रमुख स्तम्भ है। प्रयोग करना एवं आंकड़े प्राप्त करना इसलिये भी जरूरी है ताकि सिद्धान्त के प्रतिपादन में कहीं पूर्वाग्रह या पक्षपात आड़े न आ जाँए। किसी क्षेत्र के गहन अध्ययन एवं ज्ञान के लिये प्रयोग का बहुत महत्व है। प्राकृतिक एवं सामाजिक दोनो ही विज्ञानों में प्रयोग की महती भूमिका है। व्यावहारिक समस्याओं के समाधान में, कम ज्ञात क्षेत्रों के और अधिक जानकारी प्राप्ति के लिये तथा सैद्धान्तिक मान्यताओं (theoretical assumptions) की जाँच के लिये प्रयोग करने की जरूरत पड़ती रहती है। कुछ प्रयोग इसलिये नहीं किये जा सकते कि वे बहुत महंगे हो सकते हैं, बहुत भयंकर हो सकते हैं या उन्हें करना नैतिक दृष्टि से मान्य नहीं है। . प्रायिकता सिद्धांत (Probability theory) गणित की शाखा है जो यादृच्छ (रैंडम) परिघटनाओं के विश्लेषण से संबन्धित है। .

प्रयोग और प्रायिकता सिद्धांत के बीच समानता

प्रयोग और प्रायिकता सिद्धांत आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

प्रयोग और प्रायिकता सिद्धांत के बीच तुलना

प्रयोग 9 संबंध है और प्रायिकता सिद्धांत 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (9 + 3)।

संदर्भ

यह लेख प्रयोग और प्रायिकता सिद्धांत के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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