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प्रत्यभिज्ञा दर्शन और वरदराज

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

प्रत्यभिज्ञा दर्शन और वरदराज के बीच अंतर

प्रत्यभिज्ञा दर्शन vs. वरदराज

प्रत्यभिज्ञा दर्शन, काश्मीरी शैव दर्शन की एक शाखा है। यह ९वीं शताब्दी में जन्मा एक अद्वैतवादी दर्शन है। इस दर्शन का नाम उत्पलदेव द्वारा रचित ईश्वरप्रत्यभिज्ञाकारिका नामक ग्रन्थ के नाम पर आधारित है। प्रत्यभिज्ञा (. वरदराज संस्कृत व्याकरण के महापण्डित थे। वे महापण्डित भट्टोजि दीक्षित के शिष्य थे। भट्टोजि दीक्षित की सिद्धान्तकौमुदी पर आधारित उन्होने तीन ग्रन्थ रचे: मध्यसिद्धान्तकौमुदी, लघुसिद्धान्तकौमुदी तथा सारकौमुदी। .

प्रत्यभिज्ञा दर्शन और वरदराज के बीच समानता

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प्रत्यभिज्ञा दर्शन और वरदराज के बीच तुलना

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संदर्भ

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