प्रतिमा और मूर्ति कला
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प्रतिमा और मूर्ति कला के बीच अंतर
प्रतिमा vs. मूर्ति कला
'प्रतिमा' शब्द देवविशेष, व्यक्तिविशेष अथवा पदार्थविशेष की प्रतिकृति, बिंब, मूर्ति अथवा आकृति सभी का बोधक है; परंतु यहाँ पर प्रतिमा से तात्पर्य भक्तिभावना से भावित देवविशेष की मूर्ति अथवा देवभावना से अनुप्राणित पदार्थविशेष की प्रतिकृति से है। किसी ऐतिहासिक व्यक्ति या वस्तु की तथैव अथवा काल्पनिक प्रतिकृति जो मिट्टी या पत्थर में बनाई जाए प्रतिमा कहलाती है। प्रतिमा बनाने वाले को मूर्ति शिल्पी कहते हैं और प्रतिमा बनाने के काम को मूर्ति शिल्प कहा जाता है। मंदिरों में पूजा के लिए इनकी स्थापना होती है तथा घर नगर और संस्थानों में सुंदरता के लिए इन्हें स्थापित किया जाता है। देवी देवताओं और प्रसिद्ध व्यक्तियों की प्रतिमाएँ बनाई जाती हैं। . '''यक्षिणी''', पटना संग्रहालय में शिल्पकला (sculpture) कला का वह रूप है जो त्रिविमीय (three-dimensional) होती है। यह कठोर पदार्थ (जैसे पत्थर), मृदु पदार्थ (plastic material) एवं प्रकाश आदि से बनाये जा सकते हैं। मूर्तिकला एक अतिप्राचीन कला है। .
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संदर्भ
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