प्रकाश का कणिका सिद्धान्त और १९२७
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प्रकाश का कणिका सिद्धान्त और १९२७ के बीच अंतर
प्रकाश का कणिका सिद्धान्त vs. १९२७
न्यूटन सबसे पहला, पूर्णत: वैज्ञानिक सिद्धांत विख्यात अँग्रेज वैज्ञानिक न्यूटन (सन् 1642-1727) द्वारा प्रतिपादित हुआ था। इसमें यह माना गया था कि प्रदीप्त वस्तु में से प्रकाश अत्यंत सूक्ष्म एवं तीव्रगामी कणिकाओं के रूप में निकलता है। ये कणिकाएँ साधारण द्रव्य की नहीं होतीं, क्योंकि इनमें भार बिलकुल नहीं होता। विभिन्न रंगों के प्रकाश की कणिकाओं में भेद केवल उनके विस्तार का होता है: लाल प्रकाश की कणिकाएँ बड़ी होती हैं और बैंगनी की छोटी। इस परिकल्पना के द्वारा प्रकाश द्वारा उर्जा का संचारण, शून्यकाश में गमन, सरल रेखा गमन आदि बातें तो स्पष्ट: समझ में आ जाती हैं, क्योंकि ये घटनाएँ तो न्यूटन ही के सुप्रतिष्ठित गतिवैज्ञानिक नियमानुकूल हैं। इन कणिकाओं को पूर्णत: प्रत्यास्थी मान लेने से उन्हीं नियमों से परावर्तन के मुख्य नियम (परावर्तन कोण . 1927 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
प्रकाश का कणिका सिद्धान्त और १९२७ के बीच समानता
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संदर्भ
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