पोवाड़ा और मराठी साहित्य के बीच समानता
पोवाड़ा और मराठी साहित्य आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पेशवा, मराठी भाषा, महाराष्ट्र, शिवाजी।
पेशवा
दरबारियों के साथ पेशवा मराठा साम्राज्य के प्रधानमंत्रियों को पेशवा (मराठी: पेशवे) कहते थे। ये राजा के सलाहकार परिषद अष्टप्रधान के सबसे प्रमुख होते थे। राजा के बाद इन्हीं का स्थान आता था। शिवाजी के अष्टप्रधान मंत्रिमंडल में प्रधान मंत्री अथवा वजीर का पर्यायवाची पद था। 'पेशवा' फारसी शब्द है जिसका अर्थ 'अग्रणी' है। पेशवा का पद वंशानुगत नहीं था। आरंभ में, संभवत: पेशवा मर्यादा में अन्य सदस्यों के बराबर ही माना जाता था। छत्रपति राजाराम के समय में पंत-प्रतिनिधि का नवनिर्मित पद, राजा का प्रतिनिधि होने के नाते पेशवा से ज्येष्ठ ठहराया गया था। पेशवाई सत्ता के वास्तविक संस्थापन का, तथा पेशवा पद को वंशपरंपरागत रूप देने का श्रेय ऐतिहासिक क्रम से सातवें पेशवा, बालाजी विश्वनाथ को है। किंतु, यह परिवर्तन छत्रपति शाहू के सहयोग और सहमति द्वारा ही संपन्न हुआ, उसकी असमर्थता के कारण नहीं। यद्यपि बालाजी विश्वनाथ के उत्तराधिकारी बाजीराव ने मराठा साम्राज्य के सीमाविस्तार के साथ साथ अपनी सत्ता को भी सर्वोपरि बना दिया, तथापि वैधानिक रूप से पेशवा की स्थिति में क्रांतिकारी परिवर्तन शाहू की मृत्यु के बाद, बाजीराव के पुत्र बालाजी के समय में हुआ। अल्पवयस्क छत्रपति रामराजा की अयोग्यता के कारण समस्त राजकीय शक्ति संगोला के समझौते (२५ सितंबर १७५०) के अनुसार, पेशवा को हस्तांतरित हो गई, तथा शासकीय केंद्र सातारा की अपेक्षा पुणे निर्धारित किया गया। किंतु पेशवा माधवराव के मृत्युपरांत जैसा सातारा राजवंश के साथ हुआ, वैसा ही पेशवा वंश के साथ हुआ। माधवराव के उत्तराधिकारियों की नितांत अयोग्यता के कारण राजकीय सत्ता उनके अभिभावक नाना फडनवीस के हाथों में केंद्रित हो गई। किंतु आँग्ल शक्ति के उत्कर्ष के कारण इस स्थिति में भी शीघ्र ही महान परिवर्तन हुआ। अंतिम पेशवा बाजीराव द्वितीय को वसई की संधि के अनुसार (३१ दिसम्बर १८०२) अंग्रेजों का प्रभुत्व स्वीकार करना पड़ा; १३ जून १८१७, की संधि के अनुसार मराठा संघ पर उसे अपना अधिकार छोड़ना पड़ा; तथा अंत में तृतीय आंग्ल मराठा युद्ध की समाप्ति पर, मराठा साम्राज्य के विसर्जन के बाद, पदच्युत होकर अंग्रेजों की पेंशन ग्रहण करने के लिये विवश होना पड़ा।; पेशवाओं का शासनकाल-.
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मराठी भाषा
मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत में बोली जानेवाली सबसे मुख्य भाषा है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है जिसका विकास संस्कृत से अपभ्रंश तक का सफर पूरा होने के बाद आरंभ हुआ। मराठी भारत की प्रमुख भाषओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा में राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राजभाषा हैं। मातृभाषियों कि संख्या के आधार पर मराठी विश्व में पंद्रहवें और भारत में चौथे स्थान पर है। इसे बोलने वालों की कुल संख्या लगभग ९ करोड़ है। यह भाषा 900 ईसवी से प्रचलन में है और यह भी हिन्दी के समान संस्कृत आधारित भाषा है। .
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महाराष्ट्र
महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है। और यहाँ का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों में गिना जाता है। यहाँ का पुणे शहर भारत का छठवाँ सबसे बड़ा शहर है। महाराष्ट्र की जनसंख्या सन २०११ में ११,२३,७२,९७२ थी, विश्व में सिर्फ़ ग्यारह ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या महाराष्ट्र से ज़्यादा है। इस राज्य का निर्माण १ मई, १९६० को मराठी भाषी लोगों की माँग पर की गयी थी। यहां मराठी ज्यादा बोली जाती है। मुबई अहमदनगर पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापूर, नाशिक नागपुर ठाणे शिर्डी-अहमदनगर आैर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं। .
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शिवाजी
छत्रपति शिवाजी महाराज या शिवाजी राजे भोसले (१६३० - १६८०) भारत के महान योद्धा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने १६७४ में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। सन १६७४ में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और छत्रपति बने। शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये तथा छापामार युद्ध (Gorilla War) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और फारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में बहुत से लोगों ने शिवाजी के जीवनचरित से प्रेरणा लेकर भारत की स्वतन्त्रता के लिये अपना तन, मन धन न्यौछावर कर दिया। .
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पोवाड़ा 14 संबंध है और मराठी साहित्य 32 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 8.70% है = 4 / (14 + 32)।
संदर्भ
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