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पोलिमोर्फ़िज्म (कंप्यूटर विज्ञान)

सूची पोलिमोर्फ़िज्म (कंप्यूटर विज्ञान)

कंप्यूटर विज्ञान में, पोलिमोर्फ़िज्म (polymorphism) प्रोग्रामिंग भाषा की एक विशेषता है जो डेटा के भिन्न प्रकारों को एक समान इंटरफेस का उपयोग करते हुए हेंडल करने में मदद करती है। पैरामीट्रिक पोलिमोर्फ़िज्मकी अवधारणा डेटा के प्रकार और फंक्शन (functions) दोनों पर लागू होती है। एक फंक्शन जो भिन्न प्रकारों के मान का मूल्यांकन कर सकता है या इन पर लागू हो सकता है एक बहुरूपी फंक्शन (polymorphic function) कहलाता है। एक डेटा प्रकार जो एक सामान्यीकृत प्रकार (generalized type) (उदाहरण मनमाने प्रकारों के तत्वों की एक सूची) के रूप में प्रकट हो सकता है, वह सामान्यीकृत प्रकार की तरह निर्दिष्ट बहुरूपी डेटा प्रकार (polymorphic data type) है, जिससे इस प्रकार की विशेषज्ञता का निर्माण होता है। मूल रूप से पोलिमोर्फ़िज्मके दो भिन्न प्रकार हैं, जिनका वर्णन अनौपचारिक रूप से 1967 में क्रिस्टोफर स्ट्रेची के द्वारा किया गया था। यदि वास्तविक प्रकारों की रेंज जिसे परिमित और संयोजन में प्रयुक्त किया जा सकता है, उसे उपयोग से व्यग्तिगत रूप से निर्दिष्ट किया जाना चाहिए, यह तदर्थ पोलिमोर्फ़िज्म (ad-hoc polymorphism) कहलाती है। यदि सभी कोड किसी विशेष प्रकार के उल्लेख के बिना लेखे गए हैं और इस प्रकार से इन्हें नए प्रकार की किसी भी संख्या के साथ प्रयुक्त किया जा सकता है, यह पैरामीट्रिक पोलिमोर्फ़िज्म (parametric polymorphism) कहलाती है। जॉन सी. रेनाल्ड्स (और बाद में जीन-यवेस गिरार्ड) ने औपचारिक रूप से पोलिमोर्फ़िज्मकी इस धारणा को लेम्बडा केलकुलस (lambda calculus) के विस्तार के रूप में विकसित किया (यह बहुरूपी लेम्बडा केलकुलस या सिस्टम एफ कहलाती है) ऑब्जेक्ट ओरियनटेड प्रोग्रामिंग (object-oriented programming) में, तदर्थ पोलिमोर्फ़िज्म (ad-hoc polymorphism) प्रकार सिद्धांत (type theory) में एक अवधारणा है जिसमें नाम कई भिन्न प्रकारों के उदाहरणों को व्यक्त कर सकते हैं, जब तक वे किसी सामान्य सुपर वर्ग (common super class) से सम्बंधित हैं।बूच, एट आल 2007 ऑब्जेक्ट ओरियनटेड एनालिसिस एंड डिजाइन विद एप्लीकेशंस एडिसन-वेस्ले.

6 संबंधों: प्रोग्रामिंग भाषा, सी++, जावा (प्रोग्रामिंग भाषा), ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग, कम्प्यूटर विज्ञान, अनुभाषक

प्रोग्रामिंग भाषा

पाइथन (Python) नामक प्रोग्रामन भाषा में लिखित प्रोग्राम का अंश प्रोग्रामिंग भाषा (programming language) एक कृत्रिम भाषा होती है, जिसकी डिजाइन इस प्रकार की जाती है कि वह किसी काम के लिये आवश्यक विभिन्न संगणनाओ (computations) को अभिव्यक्त कर सके। प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग विशेषतः संगणकों के साथ किया जाता है (किन्तु अन्य मशीनों पर भी प्रोग्रामिंग भाषाओं का उपयोग होता है)। प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग हम प्रोग्राम लिखने के लिये, कलन विधियों को सही रूप व्यक्त करने के लिए, या मानव संचार के एक साधन के रूप में भी कर सकते हैं। इस समय लगभग 2,500 प्रोग्रामिंग भाषाएं मौजूद हैं। पास्कल, बेसिक, फोर्ट्रान, सी, सी++, जावा, जावास्क्रिप्ट आदि कुछ प्रोग्रामिंग भाषाएं हैं। .

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सी++

सी++ (C++; उच्चारण: सी प्लस-प्लस) एक स्थैतिक टाइप, स्वतंत्र-प्रपत्र, बहु-प्रतिमान संकलित, सामान्य प्रयोजन प्रोग्रामिंग भाषा है। यह एक मध्यस्तरीय भाषा के रूप में जानी जाती है, क्योंकि यह दोनों उच्च स्तर और निम्न स्तर की भाषा सुविधाओं का एक संयोजन है। यह जार्न स्तार्स्तप द्वारा विकसित सी भाषा की वृद्धि के रूप में बेल लेबोरेटरीज में 1979 में शुरू किया गया था। इस भाषा का मूल नाम सी विथ क्लासेस था, जिसे १९८३ में बदल कर सी++ कर दिया गया। यह एक आब्जेक्ट उन्मुखी (ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड) भाषा है। .

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जावा (प्रोग्रामिंग भाषा)

जावा एक प्रोग्रामिंग भाषा है जिसे मूलतः सन माइक्रोसिस्टम्स के जेम्स गोसलिंग द्वारा विकसित किया गया तथा 1995 में इसे सन माइक्रोसिस्टम्स के जावा प्लेटफ़ार्म के एक मुख्य अवयव के रूप में रिलीज़ किया गया। भाषा अपना अधिकांश वाक्य विन्यास (सिंटेक्स) C (सी) और C++ से प्राप्त करती है लेकिन इसके पास एक सरल ऑब्जेक्ट मॉडल और कुछ निम्न स्तर की सुविधायें मौजूद हैं। जावा के प्रयोगों को विशिष्ट रूप से बाईटकोड (क्लास फाइल) के लिए संकलित किया जाता है जिसे किसी भी कंप्यूटर आर्किटेक्चर वाले किसी भी जावा वर्चुअल मशीन (JVM) पर चालू किया जा सकता है। 1995 से सन द्वारा मूल तथा सन्दर्भ कार्यान्वयन जावा संकलकों (कम्पाइलरों), वर्चुअल मशीनों और क्लास लाइब्रेरियों को विकसित किया गया। मई 2007 तक, जावा कम्युनिटी प्रोसेस के विशेष उल्लेखपूर्वक अनुमति में सन ने अपने अधिकांश जावा प्रोद्योगिकियों को GNU जनरल पब्लिक लाइसेन्स के अर्न्तगत मुफ्त सॉफ्टवेयर के रूप में उपलब्ध कराया.

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ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग

ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (Object Oriented Programming), कम्प्युटर प्रोग्रामिंग का एक प्रकार है, जो ओब्जेक्ट्स की परिकल्पना पर आधारित है। ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंगको समझने हेतु कुछ आधारभूत सिद्धांतों और इसके मुख्य घटकों को समझना आवश्यक है। जैसे-ऑब्जेक्ट, क्लास, मेथड, इत्यादि। .

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कम्प्यूटर विज्ञान

कम्प्यूटर विज्ञान संगणन और उसके उपयोग की ओर वैज्ञानिक और व्यवहारिक दृष्टिकोण है। यह जानकारी के पहुँच, सम्प्रेषण, संचय, प्रसंस्करण, प्रतिनिधित्व और अर्जन हेतु उपयोग में लाये जाने वाले व्यवस्थित प्रक्रियाओं (या कलन विधियों) के मशीनीकरण, अभिव्यक्ति, संरचना, और साध्यता का व्यवस्थित अध्ययन है। संगणक विज्ञान एक वैकल्पिक, संक्षिप्त परिभाषा के अनुसार यह मापने योग्य स्वचालित कलन विधियों का अध्ययन है। संगणक वैज्ञानिक संगणन के सिद्धांत और गणना योग्य प्रणालियों की योजना में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं। कंप्यूटर विज्ञान (कम्प्यूटर विज्ञान) के अन्तर्गत सूचना तथा संगणन (computation) के सैद्धान्तिक आधारों अध्ययन किया जाता है और साथ में इन सिद्धान्तों को कंप्यूटर प्रणालियों में व्यवहार में लाने की विधियों का अध्ययन किया जाता है। कंप्यूटर विज्ञान को प्राय: कलन विधियों के विधिवत (systematic) अध्ययन के रूप में देखा जाता है और कंप्यूटर विज्ञान का मूल प्रश्न यही है - कौन सा काम (दक्षतापूर्वक) स्वत: किया जा सकता है? (What can be (efficiently) automated?) .

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अनुभाषक

किसी बहु-भाषी एवं बहु-लक्ष्यी (multi-target) कम्पाइलर की रचना का ब्लाक-आरेख अनुभाषक या कम्पाइलर (compiler) एक या अधिक कम्प्यूटर प्रोग्रामों का समूह होता है जो किसी उच्च स्तरीय कम्प्यूटर भाषा में लिखे प्रोग्राम को किसी दूसरी कम्प्यूटर भाषा में बदल देता है। जिस कम्प्यूटर भाषा में मूल प्रोग्राम है उसे स्रोत भाषा कहते हैं तथा इस प्रोग्राम को स्रोत कोड कहते हैं। इसी प्रकार जिस भाषा में स्रोत कोड को बदला जाता है उसे लक्ष्य-भाषा (target language) कहते हैं एवं इस प्रकार प्राप्त कोड को ऑब्जेक्ट कोड कहते हैं। ऑब्जेक्ट कोड प्रायः बाइनरी भाषा में होता है जिसे लेकर लिंकर किसी मशीन विशेष पर चलने लायक (executable) मशीन कोड पैदा करता है। ऐसे कम्प्यूटर-प्रोग्राम जो किसी निम्न-स्तरीय कम्प्यूटर भाषा के प्रोग्राम कोलेकर किसी उच्च-स्तरीय भाषा का प्रोग्राम उत्पन्न करते हैं उन्हें डिकम्पाइलर (decompiler) कहा जाता है। ऐसा प्रोग्राम जो एक उच्च-स्तरीय कम्प्यूटर भाषा को दूसरी उच्च-स्तरीय कम्प्यूटर भाषा में बदलता है उसे कम्प्यूटर-भाषा अनुवादक (language translator) कहते हैं। .

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