पेरिस शांति सम्मेलन और मिस्र की क्रांति (१९५२)
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पेरिस शांति सम्मेलन और मिस्र की क्रांति (१९५२) के बीच अंतर
पेरिस शांति सम्मेलन vs. मिस्र की क्रांति (१९५२)
लॉयड जॉर्ज (Lloyd George), ओर्लाण्डो (V E Orlando), जॉर्ज क्लीमेंसो (Georges Clemenceau), तथा वुडरो विल्सन प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद पेरिस में विजयी देशों का जो सम्मेलन हुआ उसे पेरिस शांति सम्मेलन कहते हैं। इसमें पराजित देशों पर लागू की जाने वाली 'शांति की शर्तों' का निर्माण हुआ। यह सम्मेलन १९१९ में पेरिस में हुआ था जिसमें विश्व के ३२ देशों के राजनयिकों ने भाग लिया। इसमें लिये गये मुख्य निर्णय थे- लीग ऑफ नेशन्स का निर्माण तथा पराजित देशों के साथ पाँच शान्ति-संधियाँ। . नासर और नकीब १९५२ की मिस्र की क्रांति (अरबी: ثورة 23 يوليو 1952), २३ जुलाई १९५२ को मिस्र की थलसेना के कुछ अधिकारियों के समूह द्वारा की गयी थी जिसका नेतृत्व मुहम्मद नकीब और गमाल अब्देल नासर ने किया। आरम्भ में इस क्रान्ति का उद्देश्य वहाँ के राजा फारुख को अपदस्थ करना था। किन्तु इस क्रान्ति के परिणामस्वरूप अन्ततः मिस्र और सूडान में संवैधानिक राजतंत्र एवं कुलीनतंत्र की समाप्ति हुई। इसके बाद मिस्र एक रिपब्लिक बना तथा इससे ब्रिटेन का कब्जा समाप्त हुआ। सूडान भी स्वतंत्र हो गया। श्रेणी:मिस्र का इतिहास.
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संदर्भ
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