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पेटेंट और पेटेंट और पौधों की किस्में एवं जैविक भिन्नता

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पेटेंट और पेटेंट और पौधों की किस्में एवं जैविक भिन्नता के बीच अंतर

पेटेंट vs. पेटेंट और पौधों की किस्में एवं जैविक भिन्नता

‘पेटेंट’ का शब्द, लैटिन के शब्द Lilterae Patents से आया है। पेटेंट का अर्थ है ‘खुला’ और Lilterae Patents का शाब्दिक अर्थ है (Letters patents) या खुले पत्र। पुराने जमाने में शासको या सरकारों के द्वारा पदवी‚ हक‚ विशेष अधिकार पत्र के द्वारा दिया जाता है। यह शासकीय दस्तावेज होता था और इन्हे चूंकि सार्वजनिक रूप से दिया जाता था, इसलिए यह हमेशा ‘खुले’ रहते थे। यूरोप में 6वीं शताब्‍दी में से इस तरह के पत्र दिये जाते थे। यह शासक की ओर से विदेशी भूमि की खोज तथा उस पर विजय के लिये जारी किये जाते थे। आजकल पेटेंट शब्द का प्रयोग आविष्कारों के संबंध में होता है। इस तरह का प्रयोग पहली बार 15वीं शताब्दी के आस-पास आया। सर्वप्रथम, पेटेंट कानून जैसा इसे आज समझा जाता हैं, 14 मार्च 1474 को वियाना सिनेट (Venetian Senate) के द्वारा को पारित किया गया। पेटेंट‚ आविष्कारकों को अनन्य (Exclusive) अधिकार देता है। यह बहुत जल्दी इटली से यूरोप के अन्य देशों तक फैल गया। जिन देशों के पास प्रौद्योगिकी नहीं थी, उन्होंने प्रौद्योगिकी को स्थापित करने के लिए विदेशी आविष्कारकों को पेटेंट देना शुरू कर दिया। इंगलैंड में पहले इसकी अवधि नहीं थी पर ब्रिटिश संसद ने 1623 में नया कानून बनाकर इसे 14 वर्षो तक सीमित कर दिया। अमेरिका के संविधान के अनुच्छेद 1 अनुभाग 8 के अन्तर्गत अमेरिकी कॉग्रेस को विज्ञान और कलाओं की प्रगति के लिये कानून बनाने का अधिकार है। इस परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस ने 1790 में पहला पेटेंट कानून पारित किया। फ्रान्स ने इसके अगले वर्ष पेटेंट कानून बनाया। 19वीं शताब्दी के अंत तक अनेक देशों ने अपना (जिसमें भारतवर्ष भी सम्मिलित है) पेटेंट कानून बनाया। भारतवर्ष में पेटेंट कानून का इतिहास भारतवर्ष में पहला पेटेंट सम्बन्धित कानून, १८५६ में पारित अधिनियम था। इसे २५ फरवरी‚ १८५६ को गवर्नर जनरल की अनुमति प्राप्त हो गयी थी पर यह कानून १८५७ में अधिनियम सं. प्रकृति में पायी जाने वाली वस्तुओं के गुणों का पेटेंट नहीं कराया जा सकता है पर प्रकृति में प्राप्त वस्तुओं या इसके गुणों का प्रयोग कर यदि कोई नवीन उत्पाद बनाया जाय तो उसको पेटेंट कराया जा सकता है। एक सार्वजनिक प्रक्रिया या उत्पाद, अथवा परंपरागत जानकारी को पेटेंट नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह नवीन आविष्कार नहीं है। इनको दोहरा कर दूसरी प्रक्रिया या प्राप्त उत्पाद को भी पेटेंट नहीं कराया जा सकता है क्योंकि यहां भी यह नवीन आविष्कार नहीं कहे जा सकते हैं। हमारे देश में रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा तैयार किये गये उत्पाद या खाद्य पदार्थ, या औषधि, पर पेटेंट नहीं दिया जा सकता था। इसका अर्थ यह नहीं है कि इस तरह के उत्पाद हमारे देश में होते नहीं थे, या उनका हमारे देश में प्रयोग नहीं किया जाता था। हमारे देश में केवल इनका पेटेंट नहीं होता था हालांकि बाहर के देशों में, इस तरह की कोई भी रोक नहीं थी तथा वहां इस तरह के उत्पाद का पेटेंट होता था। ट्रिप्स के अन्दर इस तरह की कोई रोक नहीं लगायी जा सकती है इसलिये अब इस तरह के पेटेंट अपने देश में भी दिये जाने लगे हैं। हमने जैविक भिन्नता (Biological Diversity) अधिनियम 2002 बनाया हैं इसको बनाने के निम्न कारण हैं।.

पेटेंट और पेटेंट और पौधों की किस्में एवं जैविक भिन्नता के बीच समानता

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संदर्भ

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