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पुष्यमित्र शुंग और शुंग राजवंश

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पुष्यमित्र शुंग और शुंग राजवंश के बीच अंतर

पुष्यमित्र शुंग vs. शुंग राजवंश

पुष्यमित्र शुंग की मूर्ति पुष्यमित्र शुंग (१८५ – १४९ ई॰पू॰) यह एक ब्राम्हण था । उत्तर भारत के शुंग साम्राज्य के संस्थापक और प्रथम राजा था । इससे पहले वो मौर्य साम्राज्य में सेनापति था। १८५ ई॰पूर्व में इसने अन्तिम मौर्य सम्राट (बृहद्रथ) की रात में दरवार में अकेला बुलाया और उनकी पीठ पर छुरा घोपकर सम्राट बृहद्रथ की हत्या कर दी और अपने आपको राजा उद्घोषित किया। उसके बाद उन्होंने अश्वमेध यज्ञ किया और उत्तर भारत का अधिकतर हिस्सा अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया। शुंग राज्य के शिलालेख पंजाब के जालन्धर में पुष्यमित्र का एक शिलालेख मिले हैं और दिव्यावदान के अनुसार यह राज्य सांग्ला (वर्तमान सियालकोट) तक विस्तृत था। . शुंग साम्राज्य का विस्तार शुंग वंश प्राचीन भारत का एक शासकीय वंश था जिसने मौर्य राजवंश के बाद शासन किया। इसका शासन उत्तर भारत में १८७ ई.पू.

पुष्यमित्र शुंग और शुंग राजवंश के बीच समानता

पुष्यमित्र शुंग और शुंग राजवंश आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पतञ्जलि, बृहद्रथ मौर्य, मौर्य राजवंश

पतञ्जलि

पतंजलि योगसूत्र के रचनाकार है जो हिन्दुओं के छः दर्शनों (न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा, वेदान्त) में से एक है। भारतीय साहित्य में पतंजलि के लिखे हुए ३ मुख्य ग्रन्थ मिलते हैः योगसूत्र, अष्टाध्यायी पर भाष्य और आयुर्वेद पर ग्रन्थ। कुछ विद्वानों का मत है कि ये तीनों ग्रन्थ एक ही व्यक्ति ने लिखे; अन्य की धारणा है कि ये विभिन्न व्यक्तियों की कृतियाँ हैं। पतंजलि ने पाणिनि के अष्टाध्यायी पर अपनी टीका लिखी जिसे महाभाष्य का नाम दिया (महा+भाष्य (समीक्षा, टिप्पणी, विवेचना, आलोचना))। इनका काल कोई २०० ई पू माना जाता है। .

पतञ्जलि और पुष्यमित्र शुंग · पतञ्जलि और शुंग राजवंश · और देखें »

बृहद्रथ मौर्य

बृहद्रथ मौर्य राजवंश के अंतिम राजा थे। उन्होंने १९१ से १८४ ई॰पू॰ तक शासन किया। यह सम्राट अशोक के वंशज थे।इसकी हत्या इसके ही सेनापति पुष्यमित्र शुंग के द्वारा 185 ई0पू0 को कर दी गई थी।यहां हम आपको बताते चलें कि मगध के सबसे प्राचीन वंश के संस्थापक का नाम भी बृहद्रथ था जिसकी राजधानी गिरिबृज या राजगृह थी।दोनों बृहद्रथ अलग अलग हैं। .

पुष्यमित्र शुंग और बृहद्रथ मौर्य · बृहद्रथ मौर्य और शुंग राजवंश · और देखें »

मौर्य राजवंश

मौर्य राजवंश (३२२-१८५ ईसापूर्व) प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली एवं महान राजवंश था। इसने १३७ वर्ष भारत में राज्य किया। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री कौटिल्य को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया। मौर्य साम्राज्य के विस्तार एवं उसे शक्तिशाली बनाने का श्रेय सम्राट अशोक को जाता है। यह साम्राज्य पूर्व में मगध राज्य में गंगा नदी के मैदानों (आज का बिहार एवं बंगाल) से शुरु हुआ। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज के पटना शहर के पास) थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने ३२२ ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ़ अपना साम्राज्य का विकास किया। उसने कई छोटे छोटे क्षेत्रीय राज्यों के आपसी मतभेदों का फायदा उठाया जो सिकन्दर के आक्रमण के बाद पैदा हो गये थे। ३१६ ईसा पूर्व तक मौर्य वंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी भारत पर अधिकार कर लिया था। चक्रवर्ती सम्राट अशोक के राज्य में मौर्य वंश का बेहद विस्तार हुआ। सम्राट अशोक के कारण ही मौर्य साम्राज्य सबसे महान एवं शक्तिशाली बनकर विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ। .

पुष्यमित्र शुंग और मौर्य राजवंश · मौर्य राजवंश और शुंग राजवंश · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

पुष्यमित्र शुंग और शुंग राजवंश के बीच तुलना

पुष्यमित्र शुंग 13 संबंध है और शुंग राजवंश 14 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 11.11% है = 3 / (13 + 14)।

संदर्भ

यह लेख पुष्यमित्र शुंग और शुंग राजवंश के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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