पुरापाषाण काल और मातृतंत्र
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पुरापाषाण काल और मातृतंत्र के बीच अंतर
पुरापाषाण काल vs. मातृतंत्र
पुरापाषाण काल (अंग्रेजी Palaeolithic) प्रौगएतिहासिक युग का वह समय है जब मानव ने पत्थर के औजार बनाना सबसे पहले आरम्भ किया। यह काल आधुनिक काल से २५-२० लाख साल पूर्व से लेकर १२,००० साल पूर्व तक माना जाता है। इस दौरान मानव इतिहास का ९९% विकास हुआ। इस काल के बाद मध्यपाषाण युग का प्रारंभ हुआ जब मानव ने खेती करना शुरु किया था। भारत में पुरापाषाण काल के अवशेष तमिल नाडु के कुरनूल, कर्नाटक के हुँस्न्गी, ओडिशा के कुलिआना, राजस्थान के डीडवानाके श्रृंगी तालाब के निकट और मध्य प्रदेश के भीमबेटका में मिलते हैं। इन अवशेषो की संख्या मध्यपाषाण काल के प्राप्त अवशेषो से बहुत कम है। इस काल को जलवायु परिवर्तन तथा उस समय के पत्थर के हथियारो तथा औजारो के प्रकारों के आधार पर निम्न तीन भागों में विभाजित किया गया है:- . मातृतंत्र (Matriarchy) से अभिप्राय ऐसे समाज से है जिसमें स्त्रियों (मुख्यतः माताओं) की केन्द्रीय भूमिका हो। ऐसे समाज का राजनैतिक नेतृत्व, नैतिक प्राधिकार एवं सम्पत्ति का अधिकार आदि स्त्रियों के पास होता है। कभी-कभी इसे 'स्त्रीतंत्र' (gynarchy) भी कहते हैं। .
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संदर्भ
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