लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

पुनर्जन्म और बचपन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पुनर्जन्म और बचपन के बीच अंतर

पुनर्जन्म vs. बचपन

पुनर्जन्म एक भारतीय सिद्धांत है जिसमें जीवात्मा के जन्म और मृत्यु के बाद पुनर्जन्म की मान्यता को स्थापित किया गया है। विश्व के सब से प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद से लेकर वेद, दर्शनशास्त्र, पुराण, गीता, योग आदि ग्रंथों में पूर्वजन्म की मान्यता का प्रतिपादन किया गया है। इस सिद्धांत के अनुसार शरीर का मृत्यु ही जीवन का अंत नहीं है परंतु जन्म जन्मांतर की श्रृंखला है। ८४ लाख या ८४ प्रकार की योनियों में जीवात्मा जन्म लेता है और अपने कर्मों को भोगता है। आत्मज्ञान होने के बाद जन्म की श्रृंखला रुकती है; फिर भी आत्मा स्वयं के निर्णय, लोकसेवा, संसारी जीवों को मुक्त कराने की उदात्त भावना से भी जन्म धारण करता है। ईश्वर के अवतारों का भी वर्णन किया गया है। पुराण से लेकर आधुनिक समय में भी पुनर्जन्म के विविध प्रसंगों का उल्लेख मिलता है। . बचपन, जन्म से लेकर किशोरावस्था तक के आयु काल को कहते है। विकासात्मक मनोविज्ञान में, बचपन को शैशवावस्था (चलना सीखना), प्रारंभिक बचपन (खेलने की उम्र), मध्य बचपन (स्कूली उम्र), तथा किशोरावस्था (वयः संधि) के विकासात्मक चरणों में विभाजित किया गया है। .

पुनर्जन्म और बचपन के बीच समानता

पुनर्जन्म और बचपन आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

पुनर्जन्म और बचपन के बीच तुलना

पुनर्जन्म 9 संबंध है और बचपन 13 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (9 + 13)।

संदर्भ

यह लेख पुनर्जन्म और बचपन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »