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पितृसत्ता और मातृतंत्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पितृसत्ता और मातृतंत्र के बीच अंतर

पितृसत्ता vs. मातृतंत्र

पितृसत्ता एक सामाजिक व्यवस्था है जिसमे पुरुषों की प्राथमिक सत्ता होती हैं। राजनैतिक नेतृत्व, नैतिक अधिकार, सामाजिक सम्मान, सम्पत्ति का नियंत्रण की भूमिकाओं में प्रबल होते हैं। परिवार के क्षेत्र में पिता या अन्य पुरुष महिलाओं और बच्चों के ऊपर अधिकार जमाते है। इस व्यवस्था में स्त्री तथा पुरुष को समाज द्वारा दिए गए कार्यो के अनुसार चलना पढता है। धर्म, समाज व रूढ़िवादी परम्पराएं पितृसत्ता को अधिक ताक़तवर बनाती हैं। सदियों से महिलाएं पितृसत्ता के कारण उत्पीड़ित हो रही हैं। . मातृतंत्र (Matriarchy) से अभिप्राय ऐसे समाज से है जिसमें स्त्रियों (मुख्यतः माताओं) की केन्द्रीय भूमिका हो। ऐसे समाज का राजनैतिक नेतृत्व, नैतिक प्राधिकार एवं सम्पत्ति का अधिकार आदि स्त्रियों के पास होता है। कभी-कभी इसे 'स्त्रीतंत्र' (gynarchy) भी कहते हैं। .

पितृसत्ता और मातृतंत्र के बीच समानता

पितृसत्ता और मातृतंत्र आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): समाज

समाज

समाज एक से अधिक लोगों के समुदाय को कहते हैं जिसमें सभी व्यक्ति मानवीय क्रियाकलाप करते है। मानवीय क्रियाकलाप में आचरण, सामाजिक सुरक्षा और निर्वाह आदि की क्रियाएं सम्मिलित होती है। समाज लोगों का ऐसा समूह होता है जो अपने अंदर के लोगों के मुकाबले अन्य समूहों से काफी कम मेलजोल रखता है। किसी समाज के अंतर्गत आने वाले व्यक्ति एक दूसरे के प्रति परस्पर स्नेह तथा सहृदयता का भाव रखते हैं। दुनिया के सभी समाज अपनी एक अलग पहचान बनाते हुए अलग-अलग रस्मों-रिवाज़ों का पालन करते हैं। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

पितृसत्ता और मातृतंत्र के बीच तुलना

पितृसत्ता 6 संबंध है और मातृतंत्र 4 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 10.00% है = 1 / (6 + 4)।

संदर्भ

यह लेख पितृसत्ता और मातृतंत्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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