पारम्परिक चीनी वर्ण और वसुबन्धु
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पारम्परिक चीनी वर्ण और वसुबन्धु के बीच अंतर
पारम्परिक चीनी वर्ण vs. वसुबन्धु
पारम्परिक चीनी वर्ण (सरलीकृत चीनी: 正体字; पारम्परिक चीनी: 正體字) का अर्थ उन वर्णसमूह से है जिनमें नवसृजित वर्ण सम्मिलित नहीं है या वे वर्ण प्रतिस्थापन नहीं है जो १९४६ के पश्चात गढे़ गए थे। इस लिपि के अन्तर्गत अन्य चीनी लिपियों की तुलना में अधिक जटिल वर्ण हैं। पारम्परिक चीनी वर्ण ताइवान, हांगकांग और मकाउ में प्रयुक्त किए जाते हैं, जबकि मुख्यभूमि चीन, सिंगापुर और मलेशिया में सरलीकृत चीनी वर्ण प्रयुक्त होते हैं। . वसुबन्धु बौद्ध नैयायिक थे। वे असंग के कनिष्ठ भ्राता थे। वसुबन्धु पहले हीनयानी वैभाषिकवेत्ता थे, बाद में असंग की प्रेरणा से इन्होंने महायान मत स्वीकार किया था। योगाचार के सिद्धांतों पर इनके अनेक महत्वपूर्ण ग्रंथ प्रसिद्ध हैं। ये उच्चकोटि की प्रतिभा से संपन्न महान नैयायिक थे। "तर्कशास्त्र" नामक इनका ग्रंथ बौद्ध न्याय का बेजोड़ ग्रंथ माना जाता है। अपने जीवन का लंबा भाग इन्होंने शाकल, कौशांबी और अयोध्या में बिताया था। ये कुमारगुप्त, स्कंदगुप्त और बालादित्य के समकालिक थे। 490 ई. के लगभग 80 वर्ष की अवस्था में इनका देहांत हुआ था। .
पारम्परिक चीनी वर्ण और वसुबन्धु के बीच समानता
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संदर्भ
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