पतञ्जलि और पाणिनि के बीच समानता
पतञ्जलि और पाणिनि आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): महाभाष्य, अष्टाध्यायी।
महाभाष्य
पतंजलि ने पाणिनि के अष्टाध्यायी के कुछ चुने हुए सूत्रों पर भाष्य लिखी जिसे व्याकरणमहाभाष्य का नाम दिया (महा+भाष्य (समीक्षा, टिप्पणी, विवेचना, आलोचना))। व्याकरण महाभाष्य में कात्यायन वार्तिक भी सम्मिलित हैं जो पाणिनि के अष्टाध्यायी पर कात्यायन के भाष्य हैं। कात्यायन के वार्तिक कुल लगभग १५०० हैं जो अन्यत्र नहीं मिलते बल्कि केवल व्याकरणमहाभाष्य में पतंजलि द्वारा सन्दर्भ के रूप में ही उपलब्ध हैं। संस्कृत के तीन महान वैयाकरणों में पतंजलि भी हैं। अन्य दो हैं - पाणिनि तथा कात्यायन (१५० ईशा पूर्व)। महाभाष्य में शिक्षा (phonology, including accent), व्याकरण (grammar and morphology) और निरुक्त (etymology) - तीनों की चर्चा हुई है। .
पतञ्जलि और महाभाष्य · पाणिनि और महाभाष्य ·
अष्टाध्यायी
अष्टाध्यायी (अष्टाध्यायी .
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पतञ्जलि और पाणिनि के बीच तुलना
पतञ्जलि 19 संबंध है और पाणिनि 37 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 3.57% है = 2 / (19 + 37)।
संदर्भ
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