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पाकिस्तान क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1986-87 और सवाई मान सिंह स्टेडियम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पाकिस्तान क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1986-87 और सवाई मान सिंह स्टेडियम के बीच अंतर

पाकिस्तान क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1986-87 vs. सवाई मान सिंह स्टेडियम

पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ने 1986-87 के मौसम में पांच टेस्ट मैचों और छह वनडे मैचों के लिए भारत का दौरा किया। उन्होंने तीन प्रथम श्रेणी के मैच भी खेले। श्रृंखला के अंतिम मैच में पाकिस्तानी टीम 16 टेस्ट से जीत के बाद 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी, पिछले चार मैचों की श्रृंखला ड्रॉ की गई थी। इमरान खान ने पाकिस्तान की कप्तानी की थी, जिसे "मैन ऑफ द सीरीज" वोट दिया गया था। . यह जयपुर का एक प्रमुख खेल का मैदान है। .

पाकिस्तान क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1986-87 और सवाई मान सिंह स्टेडियम के बीच समानता

पाकिस्तान क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1986-87 और सवाई मान सिंह स्टेडियम आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): जयपुर

जयपुर

जयपुर जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है। आमेर के तौर पर यह जयपुर नाम से प्रसिद्ध प्राचीन रजवाड़े की भी राजधानी रहा है। इस शहर की स्थापना १७२८ में आमेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने की थी। जयपुर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा, सरस-संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खूबी है। १८७६ में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से आच्छादित करवा दिया था। तभी से शहर का नाम गुलाबी नगरी पड़ा है। 2011 की जनगणना के अनुसार जयपुर भारत का दसवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। राजा जयसिंह द्वितीय के नाम पर ही इस शहर का नाम जयपुर पड़ा। जयपुर भारत के टूरिस्ट सर्किट गोल्डन ट्रायंगल (India's Golden Triangle) का हिस्सा भी है। इस गोल्डन ट्रायंगल में दिल्ली,आगरा और जयपुर आते हैं भारत के मानचित्र में उनकी स्थिति अर्थात लोकेशन को देखने पर यह एक त्रिभुज (Triangle) का आकार लेते हैं। इस कारण इन्हें भारत का स्वर्णिम त्रिभुज इंडियन गोल्डन ट्रायंगल कहते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली से जयपुर की दूरी 280 किलोमीटर है। शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। बाद में एक और द्वार भी बना जो 'न्यू गेट' कहलाया। पूरा शहर करीब छह भागों में बँटा है और यह १११ फुट (३४ मी.) चौड़ी सड़कों से विभाजित है। पाँच भाग मध्य प्रासाद भाग को पूर्वी, दक्षिणी एवं पश्चिमी ओर से घेरे हुए हैं और छठा भाग एकदम पूर्व में स्थित है। प्रासाद भाग में हवा महल परिसर, व्यवस्थित उद्यान एवं एक छोटी झील हैं। पुराने शह के उत्तर-पश्चिमी ओर पहाड़ी पर नाहरगढ़ दुर्ग शहर के मुकुट के समान दिखता है। इसके अलावा यहां मध्य भाग में ही सवाई जयसिंह द्वारा बनावायी गईं वेधशाला, जंतर मंतर, जयपुर भी हैं। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। देश के सबसे प्रतिभाशाली वास्तुकारों में इस शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य का नाम सम्मान से लिया जाता है। ब्रिटिश शासन के दौरान इस पर कछवाहा समुदाय के राजपूत शासकों का शासन था। १९वीं सदी में इस शहर का विस्तार शुरु हुआ तब इसकी जनसंख्या १,६०,००० थी जो अब बढ़ कर २००१ के आंकड़ों के अनुसार २३,३४,३१९ और २०१२ के बाद ३५ लाख हो चुकी है। यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन-उद्योग आदि शामिल हैं। जयपुर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। इस शहर के वास्तु के बारे में कहा जाता है कि शहर को सूत से नाप लीजिये, नाप-जोख में एक बाल के बराबर भी फ़र्क नहीं मिलेगा। .

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पाकिस्तान क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1986-87 और सवाई मान सिंह स्टेडियम के बीच तुलना

पाकिस्तान क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1986-87 27 संबंध है और सवाई मान सिंह स्टेडियम 1 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 3.57% है = 1 / (27 + 1)।

संदर्भ

यह लेख पाकिस्तान क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1986-87 और सवाई मान सिंह स्टेडियम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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