पाकिस्तान का संविधान और बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के बीच समानता
पाकिस्तान का संविधान और बलूचिस्तान उच्च न्यायालय आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पाकिस्तान का संविधान, मजलिस-ए-शूरा।
पाकिस्तान का संविधान
पाकिस्तान का संविधान (آئین پاکستان;आईन(ए) पाकिस्तान) या दस्तूरे पाकिस्तान دستور پاکستان) को १९७३ का क़ानून भी कहते हैं। यह पाकिस्तान का सर्वोच्च दस्तूर है। पाकिस्तान का संविधान संविधान सभा द्वारा १० अप्रैल १९७३ को पारित हुआ तथा 14 अगस्त 1973 से प्रभावी हुआ। इस का प्रारूप ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो की सरकार और विपक्ष ने मिल कर तैयार किया। ये पाकिस्तान का तीसरा दस्तूर है और इस में कई बार रद्दोबदल की जा चुकी है। .
पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान का संविधान · पाकिस्तान का संविधान और बलूचिस्तान उच्च न्यायालय ·
मजलिस-ए-शूरा
मजलिस-ए-शूरा (उर्दू) यानी पाकिस्तान की संसद पाकिस्तान में संघीय स्तर पर सर्वोच्च विधायी संस्था है। इस संस्थान में दो सदन हैं, निचले सदन या कौमी एसेंबली और ऊपरी सदन या सीनेट। पाकिस्तान का संविधान की धारा 50 के मुताबिक़ राष्ट्रपति भी मजलिस-ए-शूरा का हिस्सा हैं। इसकी दोनों सदनों में से निम्नसदन नैशनल असेम्बली एक अस्थाई इकाई है, और प्रती पाँचवे वर्ष, आम निर्वाचन द्वारा यह परिवर्तित होती रहती है, वहीं उच्चसदन सेनेट एक स्थाई इकाई है, जो कभी भंग नहीं होती है, परंतु भाग-दर-भाग इसके सदस्यों को बदल दिया जाता है। संसद की दोनों सदनों हेतु सभागृह इस्लामाबाद को पार्लिआमेंट हाउस में है। 1960 में संसद के आसन को कराँची से इस्लामाबाद लाया गया था। .
पाकिस्तान का संविधान और मजलिस-ए-शूरा · बलूचिस्तान उच्च न्यायालय और मजलिस-ए-शूरा ·
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या पाकिस्तान का संविधान और बलूचिस्तान उच्च न्यायालय लगती में
- यह आम पाकिस्तान का संविधान और बलूचिस्तान उच्च न्यायालय में है क्या
- पाकिस्तान का संविधान और बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के बीच समानता
पाकिस्तान का संविधान और बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के बीच तुलना
पाकिस्तान का संविधान 49 संबंध है और बलूचिस्तान उच्च न्यायालय 18 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.99% है = 2 / (49 + 18)।
संदर्भ
यह लेख पाकिस्तान का संविधान और बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: