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पाकिस्तान का इतिहास और फ़रग़ना वादी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पाकिस्तान का इतिहास और फ़रग़ना वादी के बीच अंतर

पाकिस्तान का इतिहास vs. फ़रग़ना वादी

पाकिस्तान शब्द का जन्म सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली के द्वारा हुआ। इसके पहले सन् 1930 में शायर मुहम्मद इक़बाल ने भारत के उत्तर-पश्चिमी चार प्रान्तों -सिन्ध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद)- को मिलाकर एक अलग राष्ट्र का मांग की थी। 1947 अगस्त में भारत के विभाजन के फलस्वरूप पाकिस्तान का जन्म हुआ। उस समय पाकिस्तान में वर्तमान पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों सम्मिलित थे। सन् 1971 में भारत के साथ हुए युद्ध में पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा (जिसे उस समय तक पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था) बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र हो गया। आज का पाकिस्तानी भूभाग कई संस्कृतियों का गवाह रहा है। आज के पाकिस्तानी भूभाग में ईसा के 3000 साल पहले सिन्धुघाटी सभ्यता का जन्म हुआ। यह 1500 ईसापूर्व के आसपास नष्ट हो गई और 1200 ईसापूर्व के आसपास आर्यों की एक शाखा भारत आई। ईसापूर्व सन् 543 में यह फारस के हखामनी शासकों के साम्राज्य का अंग बना। सिकन्दर ने 330 ईसापूर्व के आसपास हखामनी शासक दारा तृतीय को हराकर उसके सम्पूर्ण साम्राज्य पर कब्जा कर लिया। उसके साम्राज्य को उसके सेनापतियों ने बाँट लिया और इस क्षेत्र मे एक अभूतपूर्व यूनानी-बैक्टियन संस्कृति का अंग बना। इसके बाद यह मौर्य साम्राज्य का अंग बना। इसके बाद शक (सीथियनों की भारतीय शाखा) और फिर कुषाणों की शाखा यहाँ आई। सन् 712 में फारस के एक अरब सेनापति मुहम्मद-बिन-क़ासिम ने सिन्ध के नरेश को हरा दिया। इसके बाद यहाँ इस्लाम का आगमन हुआ। इस क्षेत्र पर गजनवियों का अधिकार बारहवीं सदी में हुआ और 1206 में यह दिल्ली सल्तनत का अंग बन गया। सन् 1526 में दिल्ली की सत्ता पर मुगलों का अधिकार हो गया और 1857 के बाद यहाँ अंग्रेजों का शासन आया। 14 अगस्त 1947 को यह स्वतंत्र हुआ। . अंतरिक्ष से फ़रग़ना वादी का दृश्य उज़्बेकिस्तान में फ़रग़ना वादी में कुछ खेत-बाग़ान फ़रग़ना वादी का क्षेत्र उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान में बंटा हुआ है फ़रग़ना वादी या फ़रग़ना घाटी (फ़ारसी:, वादी-ए-फ़रग़ना; ताजिकी: водии Фарғона, वोदी-ए-फ़रग़ोना; अंग्रेजी: Fergana Valley) मध्य एशिया का एक क्षेत्र है जो पूर्वी उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान में विस्तृत है। मध्य एशिया का यह इलाक़ा वैसे तो काफ़ी शुष्क और रेगिस्तानी है, लेकिन इस त्रिकोण अकार की वादी में नरयिन नदी, कारा दरिया और उनके विलय से बनने वाले सिर दरिया की वजह से यह घाटी हरी-भरी और उपजाऊ है। फ़रग़ना वादी की मध्य एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहासों पर गहरी छाप है और मुग़ल साम्राज्य का पहला सम्राट बाबर इसी घाटी का एक उज़बेक निवासी था। फ़रग़ना वादी में बहुत भिन्न समुदायों के लोग रहते हैं। घाटी की कुल जनसँख्या १.२ करोड़ अनुमानित की गई है और यह मध्य एशिया की सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र है।, S. Frederick Starr, Baktybek Beshimov, Inomjon I. (CON) Bobokulov, M.E. Sharpe, 2011, ISBN 978-0-7656-2999-9,...

पाकिस्तान का इतिहास और फ़रग़ना वादी के बीच समानता

पाकिस्तान का इतिहास और फ़रग़ना वादी आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बाबर, मुग़ल साम्राज्य

बाबर

ज़हिर उद-दिन मुहम्मद बाबर (14 फ़रवरी 1483 - 26 दिसम्बर 1530) जो बाबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, एक मुगल शासक था, जिनका मूल मध्य एशिया था। वह भारत में मुगल वंश के संस्थापक था। वो तैमूर लंग के परपोते था, और विश्वास रखते था कि चंगेज़ ख़ान उनके वंश के पूर्वज था। मुबईयान नामक पद्य शैली का जन्मदाता बाबर को ही माना जाता है! .

पाकिस्तान का इतिहास और बाबर · फ़रग़ना वादी और बाबर · और देखें »

मुग़ल साम्राज्य

मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी:, मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय 40 लाख किमी² (15 लाख मील²) के क्षेत्र पर फैले इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई। उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया। 1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कृष्ट काल शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। इस समय के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में एक उच्च केंद्रीकृत प्रशासन निर्मित किया गया था। मुग़लों के सभी महत्वपूर्ण स्मारक, उनके ज्यादातर दृश्य विरासत, इस अवधि के हैं। .

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पाकिस्तान का इतिहास और फ़रग़ना वादी के बीच तुलना

पाकिस्तान का इतिहास 35 संबंध है और फ़रग़ना वादी 13 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.17% है = 2 / (35 + 13)।

संदर्भ

यह लेख पाकिस्तान का इतिहास और फ़रग़ना वादी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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