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पश्चिमी देशों में संस्कृत और मैक्स मूलर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पश्चिमी देशों में संस्कृत और मैक्स मूलर के बीच अंतर

पश्चिमी देशों में संस्कृत vs. मैक्स मूलर

पश्चिमी जगत में संस्कृत का अध्ययन १७वीं शताब्दी में आरम्भ हुआ। भर्तृहरि के कुछ काव्यों का सन् १६५१ में पुर्तगालियों ने अनुवाद किया। सन् १७७९ में विवादार्णवसेतु नामक एक विधिक संहिता का नाथानियल ब्रासी हल्हेड (Nathaniel Brassey Halhed) ने पारसी अनुवाद से अनुवाद किया। इसे 'अ कोड ऑफ गेन्टू लाज़' (A Code of Gentoo Laws) नाम दिया। 1785 में चार्ल्स विकिंस (Charles Wilkins) ने भगवद्गीता का अंग्रेजी में अनुवाद प्रकाशित किया। शायद यही पहली बार था जब संस्कृत ग्रन्थ का सीधे किसी यूरोपीय भाषा में अनुवाद हुआ। . फ्रेडरिक मैक्स मूलर (०६ दिसम्बर १८२३ - २८ अक्टूबर १९००) एक जर्मनवासी थे जो ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के कर्मचारी थे। वे एक जर्मन भाषाविद तथा प्राच्य विद्या विशारद थे, जन्म से जर्मन होने के बावजूद उन्होने अप्नी ज्यादातर जिन्दगी बिताई इंगलैंड में और वही अपना अध्ययन भी किया। वे सन्स्थापक थे शैक्षिक पश्चिमी, भरतीय विद के तथा तुलनात्मक धर्म के अनुशासन के। .

पश्चिमी देशों में संस्कृत और मैक्स मूलर के बीच समानता

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संदर्भ

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