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पश्चिमी एशिया और मुद्रा (भाव भंगिमा)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पश्चिमी एशिया और मुद्रा (भाव भंगिमा) के बीच अंतर

पश्चिमी एशिया vs. मुद्रा (भाव भंगिमा)

पश्चिमी एशिया, या दक्षिण पश्चिम एशिया, शब्दावली का प्रयोग एशिया के सुदूर पश्चिमी भाग का वर्णन करने के लिए किया जाता है। यह शब्द आंशिक रूप से मध्य पूर्व (Middle East) का समानार्थी ही है, जो कि (मध्य पूर्व) एशिया के भीतर अपनी स्थिति के बजाय पश्चिमी यूरोप के साथ भौगोलिक स्थिति के सम्बन्ध का वर्णन करता है। . ---- एक मुद्रा (संस्कृत: मुद्रा, (अंग्रेजी में: "seal", "mark," या "gesture")) हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म में एक प्रतीकात्मक या आनुष्ठानिक भाव या भाव-भंगिमा है। जबकि कुछ मुद्राओं में पूरा शरीर शामिल रहता है, लेकिन ज्यादातर मुद्राएं हाथों और उंगलियों से की जाती हैं। एक मुद्रा एक आध्यात्मिक भाव-भंगिमा है और भारतीय धर्म तथा धर्म और ताओवाद की परंपराओं के प्रतिमा शास्त्र व आध्यात्मिक कर्म में नियोजित प्रामाणिकता की एक ऊर्जावान छाप है। नियमित तांत्रिक अनुष्ठानों में एक सौ आठ मुद्राओं का प्रयोग होता है। योग में, आम तौर पर जब वज्रासन की मुद्रा में बैठा जाता है, तब सांस के साथ शामिल शरीर के विभिन्न भागों को संतुलित रखने के लिए और शरीर में प्राण के प्रवाह को प्रभावित करने के लिए मुद्राओं का प्रयोग प्राणायाम (सांस लेने के योगिक व्यायाम) के संयोजन के साथ किया जाता है। नवंबर 2009 में राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में प्रकाशित एक शोध आलेख में दिखाया गया है कि हाथ की मुद्राएं मस्तिष्क के उसी क्षेत्र को उत्तेजित या प्रोत्साहित करती हैं जो भाषा की हैं। .

पश्चिमी एशिया और मुद्रा (भाव भंगिमा) के बीच समानता

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पश्चिमी एशिया और मुद्रा (भाव भंगिमा) के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख पश्चिमी एशिया और मुद्रा (भाव भंगिमा) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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