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पशुजन्यरोग

सूची पशुजन्यरोग

ज़ूनोसिस या ज़ूनोस कोई भी ऐसा संक्रामक रोग है जो (कुछ उदाहरणों में, एक निश्चित परिमाण द्वारा) गैर मानुषिक जानवरों, घरेलू और जंगली दोनों ही, से मनुष्यों में या मनुष्यों से गैर मानुषिक जानवरों में संक्रमित हो सकता है (मनुष्यों से जानवरों में संक्रमित होने पर इसे रिवर्स ज़ुनिसिस या एन्थ्रोपोनोसिस कहते हैं).

29 संबंधों: चमगादड़, चूहा, डेंगू बुख़ार, न्यूयॉर्क नगर, प्रागितिहास, प्रजीवगण, प्लेग, पेन्सिलवेनिया, बंदर, बकरी, भोजन विषात्तन, मच्छर, मलेरिया, मछली, मेला, यक्ष्मा, यूनाइटेड किंगडम, रेबीज़, रोग, शूकर इन्फ्लूएंजा, संयुक्त राज्य, स्थलीय घोंघा, हैजा, होमो सेपियन्स, ज़ुकाम, घोड़ा, खरगोश, गाय, ओण्टारियो

चमगादड़

चमगादड़ चमगादड़ आकाश में उड़ने वाला एक स्तनधारी प्राणी है, जो अपनी १००० से भी अधिक प्रजातियों के साथ स्तनधारियों के दूसरे सबसे बडे़ कुल का निर्माण करता है। ये पूर्ण रूप से निशाचर होते हैं और पेड़ों की डाली अथवा अँधेरी गुफाओं के अन्दर उल्टा लटके रहते हैं। इनको दो समूहों मे विभाजित किया जाता है, पहला समूह फलभक्षी बडे़ चमगादड़ का होता है, जो देख कर और सूंघ कर अपना भोजन ढूंढते हैं जबकि दूसरा समूह् कीटभक्षी छोटे चमगादड़ का होता है, जो प्रतिध्वनि द्वारा स्थिति निर्धारण विधि के द्वारा अपना भोजन तलाशते हैं। यह एकमात्र ऐसा स्तनधारी है जो उड़ सकता है तथा रात में भी उड़ सकता है। इसके अग्रबाहु पंख मे परिवर्तित हो गये हैं जो देखने में झिल्ली (पेटाजियम) के समान लगते हैं। त्वचा की यह झिल्ली गरदन से लेकर हाथ की अँगुलियों तथा शरीर के पार्श्वभाग से होती हुई पूँछ तक चली जाती है एवं पंख का निर्माण करती है। पिछली टाँगें पतली, छोटी और नखयुक्त होती हैं। इसके शरीर पर बाल कम ही होते हैं। सिर के दोनों ओर बड़े-बड़े कर्णपल्लव पाये जाते हैं। चमगादड़ के पंखो का आकार २.९ सेण्टीमीटर से लेकर १५०० सेण्टीमीटर तक तथा इनका वजन २ ग्राम से १२०० ग्राम तक होता है। चमगादड़ उलटे लटकते हैं क्यों कि उल्टे लटके रहने से वे बड़ी आसानी से उड़ान भर सकते हैं। पक्षियों की तरह वे ज़मीन से उड़ान नहीं भर पाते, क्योंकि उनके पंख भरपूर उठान नहीं देते और उनके पिछले पैर इतने छोटे और अविकसित होते हैं कि वो दौड़ कर गति नहीं पकड़ पाते। चमगादड़ आमतौर पर अंधेरी गुफ़ाओं में दिनभर आराम करते हैं, सोते हैं और रात को ही निकलते हैं। ये सोते हुए गिर क्यों नहीं जाते इसका कारण ये है कि चमगादड़ के पैरों की नसें इस तरह व्यवस्थित हैं, कि उनका वज़न ही उनके पंजों को मज़बूती के साथ पकड़ने में मदद करता है। .

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चूहा

चूहा एक स्तनधारी प्राणी है। यह साधारणतः सभी देशों में विशेषकर उष्ण देशों में पाया जाता है। यह कपड़ा, सूटकेश आदि को काटकर बहुत हानि पहुँचाता है। शरीर बालों से आवृत एवं सिर, गर्दन, धड़ तथा पूँछ में विभक्त होता है। ऊपरी एवं निचली ओठ से घिरा रहता है। सिर में एक जोड़ा नेत्र, दो बाह्यकर्ण, धड़ में दो जोड़े पैर तथा स्तन होते हैं। नेत्र के ऊपर तथा किनारे में लंबे और कड़े बाल, जिन्हें मूँछ कहते हैं, ये स्पर्शेन्द्रिय का काम करते हैं। .

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डेंगू बुख़ार

डेंगू बुख़ार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं. मच्छर डेंगू वायरस को संचरित करते (या फैलाते) हैं। डेंगू बुख़ार को "हड्डीतोड़ बुख़ार" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गयी हों। डेंगू बुख़ार के कुछ लक्षणों में बुखार; सिरदर्द; त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। कुछ लोगों में, डेंगू बुख़ार एक या दो ऐसे रूपों में हो सकता है जो जीवन के लिये खतरा हो सकते हैं। पहला, डेंगू रक्तस्रावी बुख़ार है, जिसके कारण रक्त वाहिकाओं (रक्त ले जाने वाली नलिकाएं), में रक्तस्राव या रिसाव होता है तथा रक्त प्लेटलेट्स  (जिनके कारण रक्त जमता है) का स्तर कम होता है। दूसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम है, जिससे खतरनाक रूप से निम्न रक्तचाप होता है। डेंगू वायरस चार भिन्न-भिन्न प्रकारों के होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इनमें से किसी एक प्रकार के वायरस का संक्रमण हो जाये तो आमतौर पर उसके पूरे जीवन में वह उस प्रकार के डेंगू वायरस से सुरक्षित रहता है। हलांकि बाकी के तीन प्रकारों से वह कुछ समय के लिये ही सुरक्षित रहता है। यदि उसको इन तीन में से किसी एक प्रकार के वायरस से संक्रमण हो तो उसे गंभीर समस्याएं होने की संभावना काफी अधिक होती है।  लोगों को डेंगू वायरस से बचाने के लिये कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। डेंगू बुख़ार से लोगों को बचाने के लिये कुछ उपाय हैं, जो किये जाने चाहिये। लोग अपने को मच्छरों से बचा सकते हैं तथा उनसे काटे जाने की संख्या को सीमित कर सकते हैं। वैज्ञानिक मच्छरों के पनपने की जगहों को छोटा तथा कम करने को कहते हैं। यदि किसी को डेंगू बुख़ार हो जाय तो वह आमतौर पर अपनी बीमारी के कम या सीमित होने तक पर्याप्त तरल पीकर ठीक हो सकता है। यदि व्यक्ति की स्थिति अधिक गंभीर है तो, उसे अंतः शिरा द्रव्य (सुई या नलिका का उपयोग करते हुये शिराओं में दिया जाने वाला द्रव्य) या रक्त आधान (किसी अन्य व्यक्ति द्वारा रक्त देना) की जरूरत हो सकती है। 1960 से, काफी लोग डेंगू बुख़ार से पीड़ित हो रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह बीमारी एक विश्वव्यापी समस्या हो गयी है। यह 110 देशों में आम है। प्रत्येक वर्ष लगभग 50-100 मिलियन लोग डेंगू बुख़ार से पीड़ित होते हैं। वायरस का प्रत्यक्ष उपचार करने के लिये लोग वैक्सीन तथा दवाओं पर काम कर रहे हैं। मच्छरों से मुक्ति पाने के लिये लोग, कई सारे अलग-अलग उपाय भी करते हैं।  डेंगू बुख़ार का पहला वर्णन 1779 में लिखा गया था। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में वैज्ञानिकों ने यह जाना कि बीमारी डेंगू वायरस के कारण होती है तथा यह मच्छरों के माध्यम से संचरित होती (या फैलती) है। .

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न्यूयॉर्क नगर

न्यूयॉर्क के अन्य विकल्प के लिए देखे न्यूयॉर्क (बहुविकल्पी) न्यू यार्क अमेरिका का सबसे बड़ा और प्रमुख नगर है। यह न्यूयार्क राज्य में है, जो अमेरिका के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित है। न्यूयार्क नगर १७९० से अमेरिका का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है, जबकि न्यूयार्क का महानगरीय क्षेत्र विश्व के सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरीय क्षेत्रों में से एक है। यह विश्व का एक प्रमुख महानगर है और विश्व व्यापार, वाणिज्य, संस्कृति, फैशन और मनोरंजन पर इसका बहुत प्रभाव है। संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय यहाँ स्थित होने के कारण यह अन्तर्राष्ट्रीय मामलों का भी एक प्रमुख केन्द्र है। अटलांटिक की ओर मुख किए हुए विशाल बंदरगाह बाले इस महानगर में पाँच बरो (प्रशासनिक इकाईयाँ) हैं: ब्रॉन्क्स, ब्रुक्लिन, मैनहटन, क्वींस और स्टेटन द्वीप। नगर की अनुमानित जनसंख्या लगभग ८२ लाख है, जो ७९० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में बसी हुई है, जो न्यूयार्क को अमेरिका का सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला नगर बनाता है। न्यूयार्क महानगरीय क्षेत्र की अनुमानित १.८८ करोड़ की जनसंख्या भी अमेरिका में सर्वाधिक है, जो १७,४०० किमी२ क्षेत्रफल में बसी हुई है। .

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प्रागितिहास

आज से लगभग २७,००० साल पहले फ़्रान्स की एक गुफ़ा में एक प्रागैतिहासिक मानव ने अपने हाथ के इर्दगिर्द कालख लगाकर यह छाप छोड़ी प्रागैतिहासिक (Prehistory) इतिहास के उस काल को कहा जाता है जब मानव तो अस्तित्व में थे लेकिन जब लिखाई का आविष्कार न होने से उस काल का कोई लिखित वर्णन नहीं है।, Chris Gosden, pp.

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प्रजीवगण

प्रजीवगण (प्रोटोज़ोआ) एक एककोशिकीय जीव है। इनकी कोशिका प्रोकैरियोटिक प्रकार की होती है। ये साधारण सूक्ष्मदर्शी यंत्र से आसानी से देखे जा सकते हैं। कुछ प्रोटोज़ोआ जन्तुओं या मनुष्य में रोग उत्पन्न करते हैं, उन्हे रोगकारक प्रोटोज़ोआ कहते हैं। श्रेणी:प्रोटोज़ोआ श्रेणी:मलेरिया.

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प्लेग

ताऊन या प्लेग (Plague) संसार की सबसे पुरानी महामारियों में है। इसे ताऊन, ब्लैक डेथ, पेस्ट आदि नाम भी दिए गए हैं। मुख्य रूप से यह कृतंक (rodent) प्राणियों (प्राय: चूहे) का रोग है, जो पास्चुरेला पेस्टिस नामक जीवणु द्वारा उत्पन्न होता है। आदमी को यह रोग प्रत्यक्ष संसर्ग अथवा पिस्सू के दंश से लगता है। यह तीव्र गति से बढ़ता है, बुखार तेज और लसीका ग्रंथियाँ स्पर्शासह्य एवं सूजी होती हैं, रक्तपुतिता की प्रवृत्ति होती है और कभी-कभी यह न्यूमोनिया का रूप धारण करता है। भारी पैमाने पर तबाही मचाने के कारण पूरे इतिहास में प्लेग कुख्यात रही है आज भी विश्व के कुछ भागों में प्लेग महामारी बना हुआ है। .

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पेन्सिलवेनिया

संयुक्त राज्य अमरीका में पेन्सिलवेनिया पेन्सिलवेनिया (Pennsylvania) राष्ट्रमण्डल जिसे आम तौर पर पी.ए. कहा जाता है, अमेरिका के पूर्वोत्तर में स्थित एक राज्य है। पेनसिल्वेनिया को १८०२ से कीस्टोन (keystone) राज्य के नाम से जाना जाता है क्योंकि वह अमरीका के प्रथम तेरह बस्तियो के मध्य में स्थित है। पेनसिल्वेनिया का एक और नाम "क्वेकर" (Quaker) राज्य भी है। साम्रराज्यीय समय में उसे क्वेकर राज्य भी कहा जाता था। पेनसिल्वेनिया की तटरेखा ईरि झील से लगकर ५१ मील और डेलावेर खाडी से लगकर ५७ मील है। फिलाडेल्फिया पेनसिल्वेनिया का सबसे बड़ा शहर है। ---- प्रमुख तथ्य राजधानीः हैरिसबर्ग प्रमुख शहरः पिट्सबर्ग, फिलाडेल्फिया क्षेत्रफलः 46,058 वर्ग मील जनसंख्याः 1,27,84,227 वर्ष 2016 के अनुमान अनुसार मुख्य उद्योगः स्टील, कृषि भुट्टा, सोयाबीन, मशरूम खनन, इलेक्ट्रानिक उत्पाद एवं औषधियाँ मुख्य नदियाँ: एलगेनी, सक्शीना, डेलावेयर, ओहायो एवं स्कूकिल ---- यह राज्य कीस्टोन राज्य के नाम से भी मशहूर है। श्रेणी:संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य.

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बंदर

बंदर एक मेरूदण्डी, स्तनधारी प्राणी है। इसके हाथ की हथेली एवं पैर के तलुए छोड़कर सम्पूर्ण शरीर घने रोमों से ढकी है। कर्ण पल्लव, स्तनग्रन्थी उपस्थित होते हैं। मेरूदण्ड का अगला भाग पूँछ के रूप में विकसित होता है। हाथ, पैर की अँगुलियाँ लम्बी नितम्ब पर मांसलगदी है। .

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बकरी

बकरी और उसके बच्चे बकरी एक पालतू पशु है, जिसे दूध तथा मांस के लिये पाला जाता है। इसके अतिरिक्त इससे रेशा, चर्म, खाद एवं बाल प्राप्त होता है। विश्व में बकरियाँ पालतू व जंगली रूप में पाई जाती हैं और अनुमान है कि विश्वभर की पालतू बकरियाँ दक्षिणपश्चिमी एशिया व पूर्वी यूरोप की जंगली बकरी की एक वंशज उपजाति है। मानवों ने वरणात्मक प्रजनन से बकरियों को स्थान और प्रयोग के अनुसार अलग-अलग नस्लों में बना दिया गया है और आज दुनिया में लगभग ३०० नस्लें पाई जाती हैं। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार सन् २०११ में दुनिया-भर में ९२.४ करोड़ से अधिक बकरियाँ थीं। .

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भोजन विषात्तन

सालमोनेला, भोजन विषात्त करने वाला एक जीवाणु भोजन-विषात्तन, खाने-पीने की वस्तुओं में रोग उत्पन्न करनेवाले सूक्ष्म जीवों जैसे जीवाणु एवं कवक आदि के अधिक संख्या में मौजूद होने, या फिर खाद्य वस्तुओं में रोगाणुओं द्वारा उत्पन्न आविष (टॉक्सिन) के मौजूद होने के कारण उत्पन्न होनेवाले रोगों को भोजन विषात्तन कहते हैं। इसके लिए कई जीवाणु उत्तरदायी होते हैं। इनमें से एक है साल्मोनेला टाइफीम्यूरियम (चित्रित)। .

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मच्छर

मच्छर मच्छर एक हानिकारक कीट है। यह संसार के प्राय सभी भागो में पाया जाता है। यह विभिन्न प्रकार के रोंगो के जीवाणुओं को वहन करता है। मच्छर गड्ढ़े, तालाबों, नहरों तथा स्थिर जल के जलाशयों के निकट अंधेरी और नम जगहों पर रहता है। मच्छर एकलिंगी जन्तु हैं यानी नर और मादा मच्छर का शरीर अलग-अलग होते हैं। सिर्फ मादा मच्छर ही मनुष्य या अन्य जन्तुओं के रक्त चूसती है, जबकि नर मच्छर पेड़-पौधों का रस चूसते हैं। .

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मलेरिया

मलेरिया या दुर्वात एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोज़ोआ परजीवी द्वारा फैलता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्रों में फैला हुआ है। प्रत्येक वर्ष यह ५१.५ करोड़ लोगों को प्रभावित करता है तथा १० से ३० लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनता है जिनमें से अधिकतर उप-सहारा अफ्रीका के युवा बच्चे होते हैं। मलेरिया को आमतौर पर गरीबी से जोड़ कर देखा जाता है किंतु यह खुद अपने आप में गरीबी का कारण है तथा आर्थिक विकास का प्रमुख अवरोधक है। मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है तथा भंयकर जन स्वास्थ्य समस्या है। यह रोग प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम (Plasmodium) परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) तथा प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) माने जाते हैं, साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल (Plasmodium ovale) तथा प्लास्मोडियम मलेरिये (Plasmodium malariae) भी मानव को प्रभावित करते हैं। इस सारे समूह को 'मलेरिया परजीवी' कहते हैं। मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, द्रुतनाड़ी इत्यादि)। इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज मूर्च्छा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है। मलेरिया के फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। मच्छरदानी और कीड़े भगाने वाली दवाएं मच्छर काटने से बचाती हैं, तो कीटनाशक दवा के छिडकाव तथा स्थिर जल (जिस पर मच्छर अण्डे देते हैं) की निकासी से मच्छरों का नियंत्रण किया जा सकता है। मलेरिया की रोकथाम के लिये यद्यपि टीके/वैक्सीन पर शोध जारी है, लेकिन अभी तक कोई उपलब्ध नहीं हो सका है। मलेरिया से बचने के लिए निरोधक दवाएं लम्बे समय तक लेनी पडती हैं और इतनी महंगी होती हैं कि मलेरिया प्रभावित लोगों की पहुँच से अक्सर बाहर होती है। मलेरिया प्रभावी इलाके के ज्यादातर वयस्क लोगों मे बार-बार मलेरिया होने की प्रवृत्ति होती है साथ ही उनमें इस के विरूद्ध आंशिक प्रतिरोधक क्षमता भी आ जाती है, किंतु यह प्रतिरोधक क्षमता उस समय कम हो जाती है जब वे ऐसे क्षेत्र मे चले जाते है जो मलेरिया से प्रभावित नहीं हो। यदि वे प्रभावित क्षेत्र मे वापस लौटते हैं तो उन्हे फिर से पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए। मलेरिया संक्रमण का इलाज कुनैन या आर्टिमीसिनिन जैसी मलेरियारोधी दवाओं से किया जाता है यद्यपि दवा प्रतिरोधकता के मामले तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं। .

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मछली

अमरीकी प्रान्त जॉर्जिया के मछलीघर में एक विशालकाय ग्रूपर अन्य मछलियों के साथ तिरती हुई। मछली शल्कों वाला एक जलचर है जो कि कम से कम एक जोडा़ पंखों से युक्त होती है। मछलियाँ मीठे पानी के स्त्रोतों और समुद्र में बहुतायत में पाई जाती हैं। समुद्र तट के आसपास के इलाकों में मछलियाँ खाने और पोषण का एक प्रमुख स्रोत हैं। कई सभ्यताओं के साहित्य, इतिहास एवं उनकी संस्कृति में मछलियों का विशेष स्थान है। इस दुनिया में मछलियों की कम से कम 28,500 प्रजातियां पाई जाती हैं जिन्हें अलग अलग स्थानों पर कोई 2,18,000 भिन्न नामों से जाना जाता है। इसकी परिभाषा कई मछलियों को अन्य जलीय प्रणी से अलग करती है, यथा ह्वेल एक मछली नहीं है। परिभाषा के मुताबिक़, मछली एक ऐसी जलीय प्राणी है जिसकी रीढ़ की हड्डी होती है (कशेरुकी जन्तु), तथा आजीवन गलफड़े (गिल्स) से युक्त होती हैं तथा अगर कोई डालीनुमा अंग होते हैं (लिंब) तो वे फ़िन के रूप में होते हैं। alt.

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मेला

जब किसी एक स्थान पर बहुत से लोग किसी सामाजिक,धार्मिक एवं व्यापारिक या अन्य कारणों से एकत्र होते हैं तो उसे मेला कहते हैं। भारतवर्ष में लगभग हर माह मेले लगते रहते ही है। मेले तरह-तरह के होते हैं। एक ही मेले में तरह-तरह के क्रियाकलाप देखने को मिलते हैं और विविध प्रकार की दुकाने एवं मनोरंजन के साधन हो सकते हैं। भारत तो मेलों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ कोस-दो-कोस पर जगह-जगह मेले लगते हैं जो अधिकांशत: धार्मिक होते हैं किन्तु कुछ पशु-मेले एवं कृषक मेले भी यहाँ लगते हैं। भारत का सबसे बड़ा मेला कुम्भ मेला कहा जाता है। भारत के राजस्थान राज्य में भी काफी मेले आयोजित होते है। .

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यक्ष्मा

यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी या टीबी (tubercle bacillus का लघु रूप) एक आम और कई मामलों में घातक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर माइकोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारों की वजह से होती है। क्षय रोग आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं। यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय टीबी संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण स्पर्शोन्मुख और भीतरी होते हैं, लेकिन दस में से एक भीतरी संक्रमण, अंततः सक्रिय रोग में बदल जाते हैं, जिनको अगर बिना उपचार किये छोड़ दिया जाये तो ऐसे संक्रमित लोगों में से 50% से अधिक की मृत्यु हो जाती है। सक्रिय टीबी संक्रमण के आदर्श लक्षण खून-वाली थूक के साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और वजन घटना हैं (बाद का यह शब्द ही पहले इसे "खा जाने वाला/यक्ष्मा" कहा जाने के लिये जिम्मेदार है)। अन्य अंगों का संक्रमण, लक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत करता है। सक्रिय टीबी का निदान रेडियोलोजी, (आम तौर पर छाती का एक्स-रे) के साथ-साथ माइक्रोस्कोपिक जांच तथा शरीर के तरलों की माइक्रोबायोलॉजिकल कल्चर पर निर्भर करता है। भीतरी या छिपी टीबी का निदान ट्यूबरक्यूलाइन त्वचा परीक्षण (TST) और/या रक्त परीक्षणों पर निर्भर करता है। उपचार मुश्किल है और इसके लिये, समय की एक लंबी अवधि में कई एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से उपचार की आवश्यकता पड़ती है। यदि आवश्यक हो तो सामाजिक संपर्कों की भी जांच और उपचार किया जाता है। दवाओं के प्रतिरोधी तपेदिक (MDR-TB) संक्रमणों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध एक बढ़ती हुई समस्या है। रोकथाम जांच कार्यक्रमों और बेसिलस काल्मेट-गुएरिन बैक्सीन द्वारा टीकाकरण पर निर्भर करती है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया की आबादी का एक तिहाई एम.तपेदिक, से संक्रमित है, नये संक्रमण प्रति सेकंड एक व्यक्ति की दर से बढ़ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार, 2007 में विश्व में, 13.7 मिलियन जटिल सक्रिय मामले थे, जबकि 2010 में लगभग 8.8 मिलियन नये मामले और 1.5 मिलियन संबंधित मौतें हुई जो कि अधिकतर विकासशील देशों में हुई थीं। 2006 के बाद से तपेदिक मामलों की कुल संख्या कम हुई है और 2002 के बाद से नये मामलों में कमी आई है। तपेदिक का वितरण दुनिया भर में एक समान नहीं है; कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में जनसंख्या का 80% ट्यूबरक्यूलाइन परीक्षणों में सकारात्मक पायी गयी, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका की आबादी का 5-10% परीक्षणों के प्रति सकारात्मक रहा है। प्रतिरक्षा में समझौते के कारण, विकासशील दुनिया के अधिक लोग तपेदिक से पीड़ित होते हैं, जो कि मुख्य रूप से HIV संक्रमण की उच्च दर और उसके एड्स में विकास के कारण होता है। .

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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रेबीज़

रेबीज़ (अलर्क, जलांतक) एक विषाणु जनित बीमारी है जिस के कारण अत्यंत तेज इन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्क का सूजन) इंसानों एवं अन्य गर्म रक्तयुक्त जानवरों में हो जाता है। प्रारंभिक लक्षणों में बुखार और एक्सपोजर के स्थल पर झुनझुनी शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों के बाद निम्नलिखित एक या कई लक्षण होते हैं: हिंसक गतिविधि, अनियंत्रित उत्तेजना, पानी से डर, शरीर के अंगों को हिलाने में असमर्थता, भ्रम, और होश खो देना। लक्षण प्रकट होने के बाद, रेबीज़ का परिणाम लगभग हमेशा मौत है। रोग संक्रमण और लक्षणों की शुरुआत के बीच की अवधि आमतौर पर एक से तीन महीने होती है। तथापि, यह समय अवधि एक सप्ताह से कम से लेकर एक वर्ष से अधिक तक में बदल सकती है। यह समय अवधि उस दूरी पर निर्भर करता है जिसे विषाणु के लिए केंद्रीय स्नायुतंत्र तक पहुँचने के लिए तय करना आवश्यक है। .

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रोग

पहले मोटापा को 'बड़प्पन' का सूचक माना जाता था। आजकल प्राय: इसे रोग माना जाता है। रोग अर्थात अस्वस्थ होना। यह चिकित्साविज्ञान का मूलभूत संकल्पना है। प्रायः शरीर के पूर्णरूपेण कार्य करने में में किसी प्रकार की कमी होना 'रोग' कहलाता है। किन्तु रोग की परिभाषा करना उतना ही कठिन है जितना 'स्वास्थ्य' को परिभाषित करना। .

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शूकर इन्फ्लूएंजा

शूकर इन्फ्लूएंजा सूअरों की स्थानिकमारी है। url.

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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स्थलीय घोंघा

स्थलीय घोंघा स्थलीय घोंघा एक अमेरूदण्डीय प्राणी है जो नमी युक्त घास के मैदान तथा बगीचों में पाया जाता है। यह स्वभाव से एक निशाचार प्राणी है और चट्टानों तथा लकड़ी के लठ्ठों के नीचे आराम करता है। यह एक शाकाहारी प्राणी है। इसका का शरीर नरम होता है जो एक घुमावदार एवं कड़े खोल में बन्द रहता है। खोल में एक बड़ा छिद्र होता है जो एक ढक्कन के द्वारा बन्द रहता है। ढक्कन के खुलने से मांसल पाद बाहर निकलकर चलने लगता है। ज्यों ही किसी आघात का आभास होता है, पाद अन्दर चला जाता है एवं ढक्कन बन्द हो जाता है। सिर पर एक मुख और दो जोड़े बड़े एवं छोटे टेन्टाकिल्स होते हैं। बड़े टेन्टाकिल्स पर एक-एक आँखें पायी जाती हैं। .

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हैजा

हैजे का वितरण विसूचिका या आम बोलचाल मे हैजा, जिसे एशियाई महामारी के रूप में भी जाना जाता है, एक संक्रामक आंत्रशोथ है जो वाइब्रियो कॉलेरी नामक जीवाणु के एंटेरोटॉक्सिन उतपन्न करने वाले उपभेदों के कारण होता है। मनुष्यों मे इसका संचरण इस जीवाणु द्वारा दूषित भोजन या पानी को ग्रहण करने के माध्यम से होता है। आमतौर पर पानी या भोजन का यह दूषण हैजे के एक वर्तमान रोगी द्वारा ही होता है। अभी तक ऐसा माना जाता था कि हैजे का जलाशय स्वयं मानव होता है, लेकिन पर्याप्त सबूत है कि जलीय वातावरण भी इस जीवाणु के जलाशयों के रूप में काम कर सकते हैं। वाइब्रियो कॉलेरी एक ग्राम-नेगेटिव जीवाणु है जो एक एंटेरोटॉक्सिन, कॉलेरा टोक्सिन का उत्पादन करता है, जिसका छोटी आंत के श्लेष्मीय उपकला अस्तर पर हुआ असर इस रोग के सबसे कुख्यात लक्षण बहुत अधिक दस्त के लिए जिम्मेदार है। हैजा उन ज्ञात रोगों मे से एक है जो बहुत तेजी से घातक असर करते हैं, इसके सबसे गंभीर रूप में रोग के लक्षणों की शुरुआत के एक घंटे के भीतर ही, एक स्वस्थ व्यक्ति का रक्तचाप घटकर निम्न रक्तचाप के स्तर तक पहुँच सकता है और संक्रमित मरीज को अगर चिकित्सा प्रदान नहीं की जाये तो वो तीन घंटे के अन्दर मर सकता है। एक सामान्य परिदृश्य में, रोगी को पहले पतले दस्त होते हैं और 4 से 12 घंटों में वह आघात की अवस्था मे पहुँच सकता है और अगर उसे मौखिक पुनर्जलीकरण चिकित्सा प्रदान नहीं की जाती तो, 18 घंटे के भीतर रोगी मृत्यु का ग्रास बन सकता है.

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होमो सेपियन्स

होमो सेपियन्स/आधुनिक मानव स्तनपायी सर्वाहारी प्रधान जंतुओं की एक जाति, जो बात करने, अमूर्त्त सोचने, ऊर्ध्व चलने तथा परिश्रम के साधन बनाने योग्य है। मनुष्य की तात्विक प्रवीणताएँ हैं: तापीय संसाधन के द्वारा खाना बनाना और कपडों का उपयोग। मनुष्य प्राणी जगत का सर्वाधिक विकसित जीव है। जैव विवर्तन के फलस्वरूप मनुष्य ने जीव के सर्वोत्तम गुणों को पाया है। मनुष्य अपने साथ-साथ प्राकृतिक परिवेश को भी अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रखता है। अपने इसी गुण के कारण हम मनुष्यों नें प्रकृति के साथ काफी खिलवाड़ किया है। आधुनिक मानव अफ़्रीका में 2 लाख साल पहले, सबके पूर्वज अफ़्रीकी थे। होमो इरेक्टस के बाद विकास दो शाखाओं में विभक्त हो गया। पहली शाखा का निएंडरथल मानव में अंत हो गया और दूसरी शाखा क्रोमैग्नॉन मानव अवस्था से गुजरकर वर्तमान मनुष्य तक पहुंच पाई है। संपूर्ण मानव विकास मस्तिष्क की वृद्धि पर ही केंद्रित है। यद्यपि मस्तिष्क की वृद्धि स्तनी वर्ग के अन्य बहुत से जंतुसमूहों में भी हुई, तथापि कुछ अज्ञात कारणों से यह वृद्धि प्राइमेटों में सबसे अधिक हुई। संभवत: उनका वृक्षीय जीवन मस्तिष्क की वृद्धि के अन्य कारणों में से एक हो सकता है। .

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ज़ुकाम

सामान्य ज़ुकाम को नैसोफेरिंजाइटिस, राइनोफेरिंजाइटिस, अत्यधिक नज़ला या ज़ुकाम के नाम से भी जाना जाता है। यह ऊपरी श्वसन तंत्र का आसानी से फैलने वाला संक्रामक रोग है जो अधिकांशतः नासिका को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में खांसी, गले की खराश, नाक से स्राव (राइनोरिया) और ज्वर आते हैं। लक्षण आमतौर पर सात से दस दिन के भीतर समाप्त हो जाते हैं। हालांकि कुछ लक्षण तीन सप्ताह तक भी रह सकते हैं। ऐसे दो सौ से अधिक वायरस होते हैं जो सामान्य ज़ुकाम का कारण बन सकते हैं। राइनोवायरस इसका सबसे आम कारण है। नाक, साइनस, गले या कंठनली (ऊपरी श्वसन तंत्र का संक्रमण (URI या URTI) का तीव्र संक्रमण शरीर के उन अंगों द्वारा वर्गीकृत किया जाता है जो इससे सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। सामान्य ज़ुकाम मुख्य रूप से नासिका, फेरिंजाइटिस, श्वासनलिका को और साइनोसाइटिस, साइनस को प्रभावित करता है। यह लक्षण स्वयं वायरस द्वारा ऊतकों को नष्ट किए जाने से नहीं अपितु संक्रमण के प्रति हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण उत्पन्न होते हैं। संक्रमण को रोकने के लिए हाथ धोना मुख्य तरीका है। कुछ प्रमाण चेहरे पर मास्क पहनने की प्रभावकारिता का भी समर्थन करते हैं। सामान्य ज़ुकाम के लिए कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों का इलाज किया जा सकता है। यह, मनुष्यों में सबसे अधिक होने वाला संक्रामक रोग है। औसत वयस्क को प्रतिवर्ष दो से तीन बार ज़ुकाम होता है। औसत बच्चे को प्रतिवर्ष छह से लेकर बारह बार ज़ुकाम होता है। ये संक्रमण प्राचीन काल से मनुष्यों में होते आ रहे हैं। .

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घोड़ा

घोड़ा, घोड़ी और उसका बच्चा घोड़े भी खेल में इस्तेमाल किया जाता है। घोड़ा या अश्व (Equus ferus caballus; ऐक़्वस फ़ेरस कैबेलस) ऐक़्वस फ़ेरस (Equus ferus) की दो अविलुप्त उपप्रजातियों में से एक हैं। वह एक विषम-उंगली खुरदार स्तनधारी हैं, जो अश्ववंश (ऐक़्वडी) कुल से ताल्लुक रखता हैं। घोड़े का पिछले ४५ से ५५ मिलियन वर्षों में एक छोटे बहु-उंगली जीव, ऐओहिप्पस (Eohippus) से आज के विशाल, एकल-उंगली जानवर में क्रम-विकास हुआ हैं। मनुष्यों ने ४००० ईसा पूर्व के आसपास घोड़ों को पालतू बनाना शुरू कर दिया, और उनका पालतूकरण ३००० ईसा पूर्व से व्यापक रूप से फैला हुआ माना जाता हैं। कैबेलस (caballus) उपप्रजाति में घोड़े पालतू बनाएँ जाते हैं, यद्यपि कुछ पालतू आबादियाँ वन में रहती हैं निरंकुश घोड़ो के रूप में। ये निरंकुश आबादियाँ असली जंगली घोड़े नहीं हैं, क्योंकि यह शब्द उन घोड़ो को वर्णित करने के लिए प्रयुक्त होता हैं जो कभी पालतू बनाएँ ही नहीं गएँ हो, जैसे कि विलुप्तप्राय शेवालस्की का घोड़ा, जो एक अलग उपप्रजाति हैं और बचा हुआ केवल एकमात्र असली जंगली घोड़ा हैं। वह मनुष्य से जुड़ा हुआ संसार का सबसे प्राचीन पालतू स्तनपोषी प्राणी है, जिसने अज्ञात काल से मनुष्य की किसी ने किसी रूप में सेवा की है। घोड़ा ईक्यूडी (Equidae) कुटुंब का सदस्य है। इस कुटुंब में घोड़े के अतिरिक्त वर्तमान युग का गधा, जेबरा, भोट-खर, टट्टू, घोड़-खर एवं खच्चर भी है। आदिनूतन युग (Eosin period) के ईयोहिप्पस (Eohippus) नामक घोड़े के प्रथम पूर्वज से लेकर आज तक के सारे पूर्वज और सदस्य इसी कुटुंब में सम्मिलित हैं। इसका वैज्ञानिक नाम ईक्वस (Equus) लैटिन से लिया गया है, जिसका अर्थ घोड़ा है, परंतु इस कुटुंब के दूसरे सदस्य ईक्वस जाति की ही दूसरों छ: उपजातियों में विभाजित है। अत: केवल ईक्वस शब्द से घोड़े को अभिहित करना उचित नहीं है। आज के घोड़े का सही नाम ईक्वस कैबेलस (Equus caballus) है। इसके पालतू और जंगली संबंधी इसी नाम से जाने जातें है। जंगली संबंधियों से भी यौन संबंध स्थापति करने पर बाँझ संतान नहीं उत्पन्न होती। कहा जाता है, आज के युग के सारे जंगली घोड़े उन्ही पालतू घोड़ो के पूर्वज हैं जो अपने सभ्य जीवन के बाद जंगल को चले गए और आज जंगली माने जाते है। यद्यपि कुछ लोग मध्य एशिया के पश्चिमी मंगोलिया और पूर्वी तुर्किस्तान में मिलनेवाले ईक्वस प्रज़्वेलस्की (Equus przwalski) नामक घोड़े को वास्तविक जंगली घोड़ा मानते है, तथापि वस्तुत: यह इसी पालतू घोड़े के पूर्वजो में से है। दक्षिण अफ्रिका के जंगलों में आज भी घोड़े बृहत झुंडो में पाए जाते है। एक झुंड में एक नर ओर कई मादाएँ रहती है। सबसे अधिक 1000 तक घोड़े एक साथ जंगल में पाए गए है। परंतु ये सब घोड़े ईक्वस कैबेलस के ही जंगली पूर्वज है और एक घोड़े को नेता मानकर उसकी आज्ञा में अपना सामाजिक जीवन व्यतीत करतेे है। एक गुट के घोड़े दूसरे गुट के जीवन और शांति को भंग नहीं करते है। संकटकाल में नर चारों तरफ से मादाओ को घेर खड़े हो जाते है और आक्रमणकारी का सामना करते हैं। एशिया में काफी संख्या में इनके ठिगने कद के जंगली संबंधी 50 से लेकर कई सौ तक के झुंडों में मिलते है। मनुष्य अपनी आवश्यकता के अनुसार उन्हे पालतू बनाता रहता है। .

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खरगोश

ख़रघोश खरहारूपी गण के खरहादृष्ट कुल के, खरहा और पिका के साथ, छोटे स्तनधारी हैं। खनखरहा शशबिल में यूरोपीय ख़रगोश और उसके वंशज, पालतू ख़रगोश की दुनिया की ३०५ नस्ले शामिल हैं। सिल्वीखरहा में तेरह वन्य ख़रगोश शामिल हैं, जिनमें से सात कपासपुच्छ के प्रकार हैं। अंटार्कटिका को छोड़कर हर महाद्वीप पर परिचय में आया हुआ यूरोपीय ख़रगोश, दुनिया भर में एक जंगली शिकार प्राणी के रूप में और पशुधन और पालतू जानवर के पालतू रूप में परिचित है। पारिस्थितिकी और संस्कृतियों पर इसके व्यापक प्रभाव के साथ, खरगोश (या बनी) दुनिया के कई क्षेत्रों में, दैनिक जीवन का एक हिस्सा है- भोजन, कपड़ों और साथी के रूप में, और कलात्मक प्रेरणा के स्रोत के रूप में। वह लेपोरिडी परिवार का एक छोटा स्तनपायी है, जो विश्व के अनेक स्थानों में पाया जाता है। विश्व में खरगोश की आठ प्रजातियाँ पायी जाती हैं। खरगोश जंगलों, घास के मैदानों, मरुस्थलों तथा पानी वाले इलाकों में समूह में रहते हैं। अंगोरा ऊन खरगोश से प्राप्त होता है। ख़रगोश अपने दिमाग़ में हर जगह का नक़्शा बनाता है और उसको कोई चीज़ इधर से उधर होना पसंद नहीं होता है। .

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गाय

अभारतीय गाय जर्सीगाय गाय एक महत्त्वपूर्ण पालतू जानवर है जो संसार में प्राय: सर्वत्र पाई जाती है। इससे उत्तम किस्म का दूध प्राप्त होता है। हिन्दू, गाय को 'माता' (गौमाता) कहते हैं। इसके बछड़े बड़े होकर गाड़ी खींचते हैं एवं खेतों की जुताई करते हैं। भारत में वैदिक काल से ही गाय का विशेष महत्त्व रहा है। आरंभ में आदान प्रदान एवं विनिमय आदि के माध्यम के रूप में गाय उपयोग होता था और मनुष्य की समृद्धि की गणना उसकी गोसंख्या से की जाती थी। हिन्दू धार्मिक दृष्टि से भी गाय पवित्र मानी जाती रही है तथा उसकी हत्या महापातक पापों में की जाती है।; गाय व भैंस में गर्भ से संबन्धित जानकारी.

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ओण्टारियो

अधिक विकल्पों के लिए यहां जाएं - ओण्टारियो (बहुविकल्पी) ओण्टारियो कनाडा के दस प्रान्तों में सबसे अधिक क्षेत्रफल और जनसंख्या वाला राज्य है। श्रेणी:ओण्टारियो.

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