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पवित्र रोम साम्राज्य और प्रतिमाभंजन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पवित्र रोम साम्राज्य और प्रतिमाभंजन के बीच अंतर

पवित्र रोम साम्राज्य vs. प्रतिमाभंजन

पवित्र रोम साम्राज्य (Holy Roman Empire; लैटिन: Imperium Romanum Sacrum) केन्द्रीय यूरोप का एक बहुजातीय जटिल राजनैतिक संघ था जो ९६२ से १८०६ तक अस्तित्व में रहा। पवित्र रोम साम्राज्य न ही पवित्र था और ना ही रोमन। मध्ययुग में यह मध्य यूरोप का हिस्सा था और आरंभिक आधुनिक काल में यह पवित्र रोमन सम्राट के अंदर आ गया। पवित्र रोम साम्राज्य के पहले सम्राट का राज्याभिषेक 962 में हुआ। . गुजरात के प्रभास पत्तन में सोमनाथ का मन्दिर (१८६९ का चित्र) अफगानिस्तान के बामियाँ प्रान्त की विशाल बौद्ध प्रतिमा: ध्वंस के पहले तथा बाद में मजहबी तथा राजनीतिक कारणों से धार्मिक प्रतीकों तथा अन्य मूर्तियों/प्रतीकों/स्मार्कों को ध्वंस करना प्रतिमाभंजन कहलाता है। प्रतमाभंजनी धटनाओं का, ऐतिहासिक तौर पर, विश्व में सुविस्त्रित स्थानों पर पौराणिक काल से आधूनिक काल तक, हर युग में, अनेक अवसरों पर उल्लेख मिलता है। ऐसी घटनाएँ, राजनैतिक, धार्मिक व षड़यांत्रिक मक्सदों से प्रेरित हो सकते हैं। इसाई, इस्लामी व यहूदी इतिहास में प्रतिमाभंजन का प्रायः उल्लेख मिलता है। इस संदर्भ में जहाँ, प्रतिमाभंजन धार्मिक महत्वाकांक्षाओं से प्रेरित होता है, वहीं राजनैतिक प्रतिमाभंजन पुर्व, विरोधी या प्रतिद्वंदी राजनैतिक हुकूमत या विचारधारा के प्रति क्रोध व शत्रुता के कारणवश हो सकता हे, उदाहरणस्वरूप: सोवियत रूस में समाजवाद के पतन के पश्चात, रूसी संधि व पूर्व सोवियत राष्ट्रों में स्टैलिन के पुतलों का भंजन। .

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संदर्भ

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