हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

पवित्र आत्मा और बाइबिल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पवित्र आत्मा और बाइबिल के बीच अंतर

पवित्र आत्मा vs. बाइबिल

जुआन साइमन गुटिरेज़ की चित्रकारी, कबूतर के रूप में पवित्र आत्मा पवित्र परिवार के ऊपर दर्शाया गया है त्रिमूर्तिपंथी (ट्रिनीटेरियन) ईसाई धर्म में, पवित्र आत्मा (पूर्व अंग्रेजी भाषा के उपयोग में: होली घोस्ट (पुराने अंग्रेजी में गैस्ट, "आत्मा")) पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा की पवित्र त्रिमूर्ति का एक अन्य व्यक्ति है और वह अपने आपमें सर्वशक्तिमान ईश्वर है। पवित्र आत्मा को ज्यादातर ईसाईयों द्वारा तीन देवताओं में से एक के रूप में नहीं देखा जाता है, बल्कि त्रयात्मक (ट्रायून) ईश्वर के एक रूप की तरह देखा जाता है, जो अपने-आपको तीन व्यक्तियों के रूप में प्रकट करता है, या फिर यूनानी हाइपोस्टेटस में, एक अस्तित्व के रूप में. बाइबिल (अथवा बाइबल, Bible, अर्थात "किताब") ईसाई धर्म(मसीही धर्म) की आधारशिला है और ईसाइयों (मसीहियों) का पवित्रतम धर्मग्रन्थ है। इसके दो भाग हैं: पूर्वविधान (ओल्ड टेस्टामैंट) और नवविधान (न्यू टेस्टामेंट)। बाइबिल का पूर्वार्ध अर्थात् पूर्वविधान यहूदियों का भी धर्मग्रंथ है। बाइबिल ईश्वरप्रेरित (इंस्पायर्ड) है किंतु उसे अपौरुषेय नहीं कहा जा सकता। ईश्वर ने बाइबिल के विभिन्न लेखकों को इस प्रकार प्रेरित किया है कि वे ईश्वरकृत होते हुए भी उनकी अपनी रचनाएँ भी कही जा सकती हैं। ईश्वर ने बोलकर उनसे बाइबिल नहीं लिखवाई। वे अवश्य ही ईश्वर की प्रेरणा से लिखने में प्रवृत्त हुए किंतु उन्होंने अपनी संस्कृति, शैली तथा विचारधारा की विशेषताओं के अनुसार ही उसे लिखा है। अत: बाइबिल ईश्वरीय प्रेरणा तथा मानवीय परिश्रम दोनों का सम्मिलित परिणाम है। मानव जाति तथा यहूदियों के लिए ईश्वर ने जो कुछ किया और इसके प्रति मनुष्य की जो प्रतिक्रिया हुई उसका इतिहास और विवरण ही बाइबिल का वण्र्य विषय है। बाइबिल गूढ़ दार्शनिक सत्यों का संकलन नहीं है बल्कि इसमें दिखलाया गया है कि ईश्वर ने मानव जाति की मुक्ति का क्या प्रबंध किया है। वास्तव में बाइबिल ईश्वरीय मुक्तिविधान के कार्यान्वयन का इतिहास है जो ओल्ड टेस्टामेंट में प्रारंभ होकर ईसा के द्वारा न्यू टेस्टामेंट में संपादित हुआ है। अत: बाइबिल के दोनों भागों में घनिष्ठ संबंध है। ओल्ड टेस्टामेंट की घटनाओं द्वारा ईसा के जीवन की घटनाओं की पृष्ठभूमि तैयार की गई है। न्यू टेस्टामेंट में दिखलाया गया है कि मुक्तिविधान किस प्रकार ईसा के व्यक्तित्व, चमत्कारों, शिक्षा, मरण तथा पुनरुत्थान द्वारा संपन्न हुआ है; किस प्रकार ईसा ने चर्च की स्थापना की और इस चर्च ने अपने प्रारंभिक विकास में ईसा के जीवन की घटनाओं को किस दृष्टि से देखा है कि उनमें से क्या निष्कर्ष निकाला है। बाइबिल में प्रसंगवश लौकिक ज्ञान विज्ञान संबंधी बातें भी आ गई हैं; उनपर तात्कालिक धारणाओं की पूरी छाप है क्योंकि बाइबिल उनके विषय में शायद ही कोई निर्देश देना चाहती है। मानव जाति के इतिहास की ईश्वरीय व्याख्या प्रस्तुत करना और धर्म एवं मुक्ति को समझना, यही बाइबिल का प्रधान उद्देश्य है, बाइबिल की तत्संबंधी शिक्षा में कोई भ्रांति नहीं हो सकती। उसमें अनेक स्थलों पर मनुष्यों के पापाचरण का भी वर्णन मिलता है। ऐसा आचरण अनुकरणीय आदर्श के रूप में नहीं प्रस्तुत हुआ है किंतु उसके द्वारा स्पष्ट हो जाता है कि मनुष्य कितने कलुषित हैं और उनको ईश्वर की मुक्ति की कितनी आवश्यकता है। .

पवित्र आत्मा और बाइबिल के बीच समानता

पवित्र आत्मा और बाइबिल आम में 6 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): नया नियम, पुराना नियम, यहूदी धर्म, यीशु, ईसाई धर्म, इब्रानी भाषा

नया नियम

right नया नियम (अंग्रेज़ी::en:New Testament ईसाइयों के धर्मग्रन्थ बाइबल का दूसरा खण्ड है। इसे यहूदी धर्म अपना धर्मग्रन्थ '''नहीं''' मानता है। इसमें ईसा मसीह का जन्म, जीवनी, क्रूस पर मृत्यु और उनके शिष्यों द्वारा धर्मप्रचार शामिल हैं। इसमें कई काण्ड हैं, जिनमें सबसे ज़रूरी ईसा के शिष्यों मत्ती, मरक़ुस, लूक़ा और युहन्ना द्वारा लिखी ईसा की जीवनी है जिनको चार शुभसन्देश कहा जाता है: * मत्ती * मरक़ुस * लूक़ा * युहन्ना ''ये भाग अभी अधूरा है'' ''ये भाग अधूरा है'' स्टब श्रेणी:धर्मग्रन्थ श्रेणी:ईसाई धर्म.

नया नियम और पवित्र आत्मा · नया नियम और बाइबिल · और देखें »

पुराना नियम

ईसाइयों के धर्मग्रन्थ बाइबल के प्रथम खण्ड (पूर्वार्ध) का नाम पुराना नियम (अंग्रेज़ी::en:Old Testament है। इसे यहूदी धर्म भी अपना धर्मग्रन्थ मानता है। इसमें परमेश्वर द्वारा विश्व की उत्पत्ति, यहूदी राष्ट्र और ईश्वर से उनका सम्बन्ध, आदि का कहानियों द्वारा वर्णन है। यहूदियों के प्रारंभिक इतिहास का अधिकतर पता ओल्ड टेस्टामेंट से ही चलता है। पुराने अहदनामे में तीन ग्रंथ शामिल हैं। सबसे प्रारंभ में "तौरेत" (इबरानी थोरा) है। तौरेत का शब्दिक अर्थ वही है जो "धर्म" शब्द का है, अर्थात् धारण करने या बाँधनेवाला। दूसरा ग्रंथ "यहूदी पैगंबरों का जीवनचरित" और तीसरा "पवित्र लेख" है। इन तीनों ग्रंथों का संग्रह "पुराना अहदनामा" है। पुराने अहदनामें में 39 खंड या पुस्तकें हैं। इसका रचनाकाल ई.पू. 444 से लेकर ई.पू. 100 के बीच है। पुराने अहदनामे में सृष्टि की रचना, मनुष्य का जन्म, यहूदी जाति का इतिहास, सदाचार के उच्च नियम, धार्मिक कर्मकांड, पौराणिक कथाएँ और यह्वे के प्रति प्रार्थनाएँ शामिल हैं। पुराने नियम में कई काण्ड हैं.

पवित्र आत्मा और पुराना नियम · पुराना नियम और बाइबिल · और देखें »

यहूदी धर्म

यहूदी धर्म इस्राइल और हिब्रू भाषियों का राजधर्म है और इसका पवित्र ग्रंथ तनख़ बाईबल का प्राचीन भाग माना जाता है। धार्मिक पैग़म्बरी मान्यता मानने वाले धर्म इस्लाम और ईसाई धर्म का आधार इसी परम्परा और विचारधारा को माना जाता है। इस धर्म में एकेश्वरवाद और ईश्वर के दूत यानि पैग़म्बर की मान्यता प्रधान है। अपने लिखित इतिहास की वजह से ये कम से कम ३००० साल पुराना माना जाता है। यहूदी धर्म को माननेवाले विश्व में करीब १.४३ करोड़ है, जो विश्व की जनसंख्या में ०.2% है। .

पवित्र आत्मा और यहूदी धर्म · बाइबिल और यहूदी धर्म · और देखें »

यीशु

एक मोजेक यीशु या यीशु मसीहईसा, यीशु और मसीह नाम हेतु पूरी चर्चा इस लेख के वार्ता पृष्ठ पर है। प्रचलित मान्यता के विरुद्ध, ईसा एक इस्लामी शब्दावली है, व "यीशु" सही ईसाई शब्दावली है। तथा मसीह एक उपादि है। विस्तृत चर्चा वार्ता पृष्ठ पर देखें। (इब्रानी:येशुआ; अन्य नाम:ईसा मसीह, जीसस क्राइस्ट), जिन्हें नासरत का यीशु भी कहा जाता है, ईसाई धर्म के प्रवर्तक हैं। ईसाई लोग उन्हें परमपिता परमेश्वर का पुत्र और ईसाई त्रिएक परमेश्वर का तृतीय सदस्य मानते हैं। ईसा की जीवनी और उपदेश बाइबिल के नये नियम (ख़ास तौर पर चार शुभसन्देशों: मत्ती, लूका, युहन्ना, मर्कुस पौलुस का पत्रिया, पत्रस का चिट्ठियां, याकूब का चिट्ठियां, दुनिया के अंत में होने वाले चीजों का विवरण देने वाली प्रकाशित वाक्य) में दिये गये हैं। यीशु मसीह को इस्लाम में ईसा कहा जाता है, और उन्हें इस्लाम के भी महानतम पैग़म्बरों में से एक माना जाता है। .

पवित्र आत्मा और यीशु · बाइबिल और यीशु · और देखें »

ईसाई धर्म

'''ईद्भास/क्रॉस''' - यह ईसाई धर्म का निशान है ईसाई धर्म (अन्य प्रचलित नाम:मसीही धर्म व क्रिश्चियन धर्म) एक इब्राहीमीChristianity's status as monotheistic is affirmed in, amongst other sources, the Catholic Encyclopedia (article ""); William F. Albright, From the Stone Age to Christianity; H. Richard Niebuhr; About.com,; Kirsch, God Against the Gods; Woodhead, An Introduction to Christianity; The Columbia Electronic Encyclopedia; The New Dictionary of Cultural Literacy,; New Dictionary of Theology,, pp.

ईसाई धर्म और पवित्र आत्मा · ईसाई धर्म और बाइबिल · और देखें »

इब्रानी भाषा

हिब्रूभाषी क्षेत्र हिब्रू (עִבְרִית, Ivrit) सामी-हामी भाषा-परिवार की सामी शाखा में आने वाली एक भाषा है। ये इस्राइल की मुख्य- और राष्ट्रभाषा है। इसका पुरातन रूप बिब्लिकल हिब्रू यहूदी धर्म की धर्मभाषा है और बाइबिल का पुराना नियम इसी में लिखा गया था। ये हिब्रू लिपि में लिखी जाती है ये दायें से बायें पढ़ी और लिखी जाती है। पश्चिम के विश्वविद्यालयों में आजकल इब्रानी का अध्ययन अपेक्षाकृत लोकप्रिय है। प्रथम महायुद्ध के बाद फिलिस्तीन (यहूदियों का इज़रायल नामक नया राज्य) की राजभाषा आधुनिक इब्रानी है। सन् १९२५ई.

इब्रानी भाषा और पवित्र आत्मा · इब्रानी भाषा और बाइबिल · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

पवित्र आत्मा और बाइबिल के बीच तुलना

पवित्र आत्मा 17 संबंध है और बाइबिल 12 है। वे आम 6 में है, समानता सूचकांक 20.69% है = 6 / (17 + 12)।

संदर्भ

यह लेख पवित्र आत्मा और बाइबिल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: